निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
नदी का किनारों से कुछ कहते हुए बह जाने पर गुलाब क्या सोच रहा है? इससे संबंधित पंक्तियों को लिखिए।
कवि कहता है कि नदी को किनारों से बिछड़ जाने का दुख है। वह विरह के गीत गाते हुए सागर की ओर बड़ी तेजी से जा रही है। वहीं पास में एक गुलाब भी खिला हुआ है और वो सब देख रहा है। गुलाब सोचता है कि अगर भगवान ने उसे भी बोलने की शक्ति दी होती तो वह भी पतझड़ के बिरह का गीत पूरे संसार को सुनाता|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
जब शुक गाता है, तो शुकी के हृदय पर क्या प्रभाव पड़ता है?
कवि ने यहां तोते को शुक कहा है। जब सूर्य की किरणें पत्तों से छनकर तोते पर पड़ती है तो वह गाने लगता है। उसका गीत सुनकर मादा तोता भी गाना चाहती है लेकिन उसका ह्रदय प्यार से ओत-प्रोत हो जाता है और वह अपना गीत नहीं गा पाती, मौन होकर रह जाती है| शुक का गीत सुनकर शुकी के पंख फूल जाते हैं और वह गीत सुनकर अत्याधिक प्रसन्न हो जाती है|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रेमी जब गीत गाता है, तब प्रेमिका की क्या इच्छा होती है?
कवि ने जंगल में रहने वाले दो प्रेमियों का जिक्र किया है। जब शाम होती है तो प्रेमी गीत गाता है और उसकी आवाज सुन प्रेमिका उसके पास खिंची चली आती है। वह चोरी—चुपके अपने प्रेमी का गाना सुनती है। उसकी इच्छा होती है कि वो भी उस गीत का हिस्सा बन जाए। प्रेमी का गाना सुन वो प्रफुल्लित हो उठती है और उस गाने को गुनगुनाना शुरू कर देती है|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रथम छंद में वर्णित प्रकृति-चित्रण को लिखिए।
कवि ने प्रकृत्ति की सुंदरता के बारे में बताने के लिए नदी का सहारा लिया है। जंगल के सुनसान वातावरण में नदी तेज गति से बहती जा रही है। उसे किनारों से बिछड़ने का दुख है। नदी अपनी व्यथा को किनारों से कह रही है समुद्र की ओर बह रही है| तट पर एक गुलाब का पौधा शांति से इस नजारे को देख रहा है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
प्रकृति के साथ पशु-पक्षियों के संबंध की व्याख्या कीजिए।
प्रकृत्ति और पशु-पक्षियों का गहरा संबंध होता है। मौसम बदलते ही पशु-पक्षियों का मन भी बदल जाता है। पशु-पक्षी गुनगुनाते और चहचहाते हैं। नर और मादा पशु-पक्षियों में प्रेम उमड़ने लगता है। उनके क्रियाकलाप को देख लगता है कि वे प्रकृत्ति के प्रेम में विलीन हो गए हैं।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
मनुष्य को प्रकृति किस रूप में आंदोलित करती है? अपने शब्दों में लिखिए।
प्रकृत्ति मनुष्य को कई रूपों में आंदोलित करती है| प्रकृति को देख मनुष्य का मन खुशगवार हो जाता है। उसका मन गाने लगता है। अच्छा वातावरण मनुष्य के मन को प्रभावित करता है। उसका उदास मन प्रकृत्ति को देखकर प्रसन्न हो जाता है। शाम के समय मनुष्य गीत गाता है। जिसे सुनकर प्रेमिका उसके पास खिंची चली आती है। वो भी अपने प्रेमी के सुर में सुर मिलाना चाहती है। संक्षेप में कहें तो प्रकृति के सानिध्य में मनुष्य प्रसन्न, सुखी और शान्ति से रहता है|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
सभी कुछ गीत, अगीत कुछ नहीं होता। कुछ अगीत भी होता है क्या? स्पष्ट कीजिए।
मनुष्य मन के भावों को प्रकट करने के लिए गीत और अगीत दोनों का प्रयोग करता है। गीत और अगीत में बहुत फर्क होता है। जो मन में गुनगुनाया जाता है वो अगीत होता है। जब इसे स्वर और शब्द मिल जाते हैं तो ये गीत बन जाता है। अगीत को व्यक्त करना मुश्किल होता है जबकि गीत सभी को प्रत्यक्ष रूप से सुनाई देता है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
‘गीत-अगीत’ के केंद्रीय भाव को लिखिए।
मनुष्य के भावों को दिखाने का एक सुगम तरीका है गीत अगीत। मन के जो भाव विचारों में रह जाते हैं वे अगीत हैं जबकि मन के जिन भावों को अभिव्यक्ति मिल जाती है वे गीत हैं| गीत में मनुष्य अपने विचारों को स्वरों के माध्यम से अभिव्यक्त कर देता है जबकि जबकि अगीत को मनुष्य मन ही मन में अनुभव करता है| मनुष्य के लिए दोनों ही बहुत महत्वपूर्ण हैं|
संदर्भ-सहित व्याख्या कीजिएः
क) अपने पतझर के सपनों का
मैं भी जग को गीत सुनाता
ख) गाता शुक जब किरण बसंती
छूती अंग पर्ण में छनकर
ग) हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की
बिधना यों मन में गुनती है
क) इन पंक्तियों के माध्यम से गुलाब की व्यथा का वर्णन किया गया है गुलाब कहते है कि अगर मुझे भी आवाज दी होती है तो मैं भी पतझड़ के सपनों का गीत संसार को सुनाता| यहाँ गुलाब के पास आवाज न होने के कारण उसके अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त न कर पाने के बारे में बताया गया है|
ख) कवि कहता है कि प्रकृत्ति का असर पशु पक्षियों पर भी पड़ता है। जब सूर्य की किरणें पत्तों से छनकर तोते पर पड़ती है तो वह प्रसन्न होकर गाने लगता है। उसका गीत सुनकर मादा तोता भी गाना चाहती है। लेकिन उसका गीत सिर्फ प्यार में खोकर रह जाता है।
ग) इन पंक्तियों में कवि प्रेमिका के मन की पीड़ा को बयां कर रहा है। जब प्रेमी प्रकृत्ति को देख खुश होता है तो वो गीत गाने लगता है। उसकी आवाज प्रेमिका के कानों में पड़ती है तो वो उसके पास जा पहुंचती है। वो छुपकर अपने प्रियतम को गाते हुए सुनती है फिर वो सोचती है कि मैं इस गीत में क्यों शामिल नहीं हो पाई।
निम्नलिखित उदाहरण में वाक्य-विचलन को समझने का प्रयास कीजिए। इसी आधार पर प्रचिलित वाक्य-विन्यास लिखिए-
उदाहरणः तट पर एक गुलाब सोचता
एक गुलाब तट पर सोचता है।
क) देते स्वर यदि मुझे विधाता
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ख) बैठा शुक उस घनी डाल पर
..............................................
ग) गूँज रहा शुक का स्वर बन में
............................................
घ) हुई न क्यों मैं कड़ी गीत की
...........................................
ङ) शुकी बैठ अंडे है सेती
..........................................
क. यदि विधाता मुझे स्वर देता।
ख. उस घनी डाल पर शुक बैठा है।
ग. शुक का स्वर वन में गूंज रहा है।
घ. मैं गीत की कड़ी क्यों न हुई।
ङ. शुकी बैठ अंडे सेती है।