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Saanvle Sapnon Ki Yaad

Class 9th Hindi क्षितिज भाग 1 CBSE Solution
Exercise
  1. किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षीप्रेमी बना दिया?…
  2. सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र…
  3. लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मेरी छत पर बैठने वाली गौरेया लॉरेंस के…
  4. आशय स्पष्ट कीजिए- (क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे। (ख) कोई अपने…
  5. इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।
  6. इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।…
  7. ‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।
Rachna Aur Abhivyakti
  1. प्रस्तुत पाठ सालिम अली की पर्यावरण के प्रति चिंता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण को बचाने…

Exercise
Question 1.

किस घटना ने सालिम अली के जीवन की दिशा को बदल दिया और उन्हें पक्षीप्रेमी बना दिया?


Answer:

सालिम अली की पक्षियों की तरफ रुचि उस दिन बढ़ी जब एक पक्षी उनकी एयरगन की गोली लगने से घायल हो गया था। ये सालिम अली के बचपन की बात है। वो एयरगन से खेल रहे थे और हवा में फायरिंग के दौरान एक नीले कंठ का पक्षी उनके पास आ गिरा। ये नजारा देख उनका मन द्रवित हो गया। इसके बाद सालिम अली की देख—रेख में उस गौरैया की चोट ठीक हुई। इस घटना के बाद उनके जीवन की दिशा पक्षी-जगत की ओर मुड़ गई और वे पक्षीप्रेमी बन गए।



Question 2.

सालिम अली ने पूर्व प्रधानमंत्री के सामने पर्यावरण से संबंधित किन संभावित खतरों का चित्र खींचा होगा कि जिससे उनकी आँखें नम हो गई थी?


Answer:

सालिम अली ने पक्षी और प्रकृति का गहन अध्ययन किया था। इसके लिए उन्होंने पूरी उम्र यात्राएं कीं। जब वो केरल पहुंचे तो वहां उन्हें पर्यावरण को खतरा होने का आभास हुआ। दरअसल, सालिम अली ने देखा कि केरल की साइलेंट वैली को रेगिस्तानी हवा के झोकों से नुकसान पहुंच रहा है। साइलेंट वैली को बचाने का अनुरोध लेकर वो तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के पास पहुंचे थे। चौधरी चरण सिंह भी पर्यावरण और प्रकृति के अच्छे जानकार थे। सालिम अली ने पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने, पक्षियों की रक्षा, वनों की अंधाधुंध कटाई आदि बातें उठाई होंगी। साथ ही इससे होने वाले नुकसान से भी अवगत कराया होगा। सालिम अली की ऐसी निःस्वार्थ बातें तथा पर्यावरण की चिंता जानकर चौधरी साहब की आँखें नम हो गई होंगी। इससे दोनों ही व्यक्तियों की पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता का पता चलता है|



Question 3.

लॉरेंस की पत्नी फ्रीडा ने ऐसा क्यों कहा होगा कि मेरी छत पर बैठने वाली गौरेया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है?


Answer:

लेखक ने जिस तहर से लॉरेंस के बारे में उल्लेख किया उससे पता चलता है कि वो भी सालिम अली की तरह एक पक्षी और प्रकृति प्रेमी थे। लॉरेंस अपनी पत्नी फ्रीडा के साथ छत पर बैठ पक्षियों से बातें करते होंगे। लॉरेंस के प्रेम में विवश होकर पक्षी लॉरेंस की छत पर आकर बैठते होंगे। पक्षी और लॉरेंस का रिश्ता बरसों पुराना हो गया होगा। जितना लॉरेंस पक्षियों के बारे में जानते थे उतना ही छत पर बैठे पक्षी भी उनके बारे में जानते थे। यही कारण था कि फ्रीडा ने कहा होगा कि मेरी छत पर बैठने वाली गौरेया लॉरेंस के बारे में ढेर सारी बातें जानती है।



Question 4.

आशय स्पष्ट कीजिए-

(क) वो लॉरेंस की तरह, नैसर्गिक जिंदगी का प्रतिरूप बन गए थे।

(ख) कोई अपने जिस्म की हरारत और दिल की धड़कन देकर भी उसे लौटाना चाहे तो वह पक्षी अपने सपनों के गीत दोबारा कैसे गा सकेगा।

(ग) सालिम अली प्रकृति की दुनिया में एक टापू बनने की बजाए अथाह सागर बनकर उभरे थे।


Answer:

(क) आशय- सालिम अली, अंग्रेजी साहित्यकार लॉरेंस की तरह ही पर्यावरण से विशेष लगाव रखने वाले थे। यहां लॉरेंस और सालिम अली की तुलना की जा रही है। जैसे लॉरेंस का जीवन प्रकृति के अत्यंत निकट था। इसी प्रकार सालिम अली ने भी अपना जीवन पक्षी, प्रकृति और पर्यावारण की रक्षा के विषय में काम करने में लगा दिया था।


(ख) आशय- लेखक ने सालिम अली को एक महान पक्षी प्रेमी बताया है। उन्होंने सालिम अली की तुलना ऐसे पक्षी से की है जो अपने जीवन की लंबी यात्रा कर मौत की गोद में सो गया है। लेखक सालिम अली की तुलना पक्षी से करता है और कहता है कि इस पक्षी को दूसरों के शरीर की गर्मी और दिल की धड़कन देकर भी जीवित नहीं किया जा सकता है। सालिम अली का पक्षी प्रेम उनका अपना था किसी का दिया हुआ नहीं। उनके सामने कोई अन्य पक्षी प्रेमी उत्पन्न नहीं किया जा सकता है।


(ग) आशय- सालिम अली ने कई यात्राएं कर पक्षियों के बारे में बहुत ज्ञान प्राप्त कर लिया था। पक्षियों के लिए उन्होंने स्वयं को किसी सीमा में कैद नहीं किया। वे टापू की तरह नहीं, सागर की तरह खुले आचार-विचार और सोच वाले थे। वे पक्षी, प्रकृति और पर्यावरण के लिए कुछ भी करने को तैयार थे।



Question 5.

इस पाठ के आधार पर लेखक की भाषा-शैली की चार विशेषताएँ बताइए।


Answer:

लेखक ने पाठ की शुरुआत किसी पहेली की तरह की है। एक बार में पढ़ने पर लेखक की भाषा समझना मुश्किल है। धीरे—धीरे समझ में आएगा कि लेखक क्या कहना चाह रहा है। हालांकि बाद में अपने शब्दों से लेखक ने हर बात को स्पष्ट कर दिया है। लेखक की भाषा-शैली संबंधी विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-

1. मिश्रित शब्दों का प्रयोग- लेखक ने पाठ में उर्दू, फारसी और अंग्रेजी के कुछ शब्दों के साथ हिंदी का अच्छा प्रयोग किया है। साथ ही तत्सम—तत्भव शब्दों के इस्तेमाल की अधिकता नजर आई।


2. मुहावरों का प्रयोग- लेखक ने पाठ में मुहावरों का प्रयोग भी किया है। ऐसा शायद इसलिए कि पाठ में रोचकता आ जाए।


3. जटिल और लंबे वाक्यों का प्रयोग- लेखक ने इस पाठ की शुरुआत लंबे वाक्यों से की है। ज्यादा लंबे वाक्य होने के कारण समझना थोड़ा मुश्किल है।


4. भावानुकूल भाषा- लेखक ने कई जगहों पर भाव को व्यक्त करने वाली भाषा भी लिखी है। इससे पाठक लेखक के भाव आसानी से समझ सकता है।



Question 6.

इस पाठ में लेखक ने सालिम अली के व्यक्तित्व का जो चित्र खींचा है उसे अपने शब्दों में लिखिए।


Answer:

सालिम अली ने प्रकृति और पक्षियों का गहन अध्ययन किया। वो एक पक्षी वैज्ञानिक थे और उन्हें प्रकृति की चिंता रहती थी। सालिम अली शांत मन से एकांत में बैठकर पक्षी और प्रकृति के साथ समय बिताते थे। पक्षियों की ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए वो यात्राएं भी खूब करते थे।

पाठक के अनुसार, वे अपने कंधों पर सैलानियों-सा बोझ लटकाए, गले में दूरबीन टाँगें पक्षियों की खोज में दूर-दराज के क्षेत्रों में निकल जाया करते थे। पक्षियों की खोज में दुर्गम स्थानों पर घंटों बैठना उनकी आदत थी। पर्यावरण की चिंता को लेकर वे एक बार तत्कालीन प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह से भी मुलाकात कर चुके थे। वे प्रकृति की दुनिया में टापू नहीं बल्कि एक अथाह सागर बनकर उभरे थे।



Question 7.

‘साँवले सपनों की याद’ शीर्षक की सार्थकता पर टिप्पणी कीजिए।


Answer:

ये पाठ सालिम अली के जीवन एवं उनके प्रकृति से संबंधित अनुभवों पर आधारित है। सालिम अली, जो एक पक्षी विज्ञानी थे। इस पूरे पाठ में लेखक ने उनके व्यक्तिव को उकेरा है। प्रकृति और पक्षियों का चिंतन करने वाले सालिम अली का जब निधन हो गया तो लेखक ने सोचा होगा कि उनके बारे लोगों को जानना चाहिए। लेखक की बातों से लगा कि वो सालिम अली के काफी करीब थे। सालिम अली का सपना था कि वो पक्षियों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी प्राप्त कर लें और उनके लिए कुछ कर पाएं। उनके निधन के बाद सिर्फ सपने ही बचे थे। इस तरह इसका शीर्षक पूरी तरह सार्थक है।




Rachna Aur Abhivyakti
Question 1.

प्रस्तुत पाठ सालिम अली की पर्यावरण के प्रति चिंता को भी व्यक्त करता है। पर्यावरण को बचाने के लिए आप कैसे योगदान दे सकते हैं?


Answer:

इस समय दुनिया में पर्यावरण की जो स्थिति है वो वाकई चिंताजनक है। बढ़ते प्रदूषण के चलते बीमारियां बढ़ रही हैं। पेड़ों के कटान से ग्लोबल वार्मिंग की समस्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में पर्यावरण को बचाने के लिए हम निम्नलिखित रूप में अपना योगदान दे सकते हैं-

1. आज लोग कार, गाड़ी और एसी का प्रयोग बहुत ज्यादा करते हैं। जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। हमें इस पर रोक लगानी चाहिए।


2. हमें पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगानी चाहिए और नए पौधे लगाने की कोशिश करनी चाहिए।


3. प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का कम-से-कम प्रयोग करना चाहिए।


4. हमें ईको फ्रेंडली चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए।


5. फैक्ट्रियों से निकलने वाले धुएं, गंदे पानी और कचरों का उचित तरीके से निपटारा करना चाहिए।


6. हमें कूड़ा—करकट इधर—उधर फेंक कर सड़क को गंदा नहीं करना चाहिए। अपने घर और शहर को साफ रखना हमारी जिम्मेदारी है।


7. हमें पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना चाहिए।