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Mere Bachpan Ke Din

Class 9th Hindi क्षितिज भाग 1 CBSE Solution
Exercise
  1. ‘मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को…
  2. लेखिका उर्दू-फ़ारसी क्यों नहीं सीख पाईं?
  3. लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?…
  4. जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसा…
Rachna Aur Abhivyakti
  1. ज़ेबुन्निसा महादेवी वर्मा के लिए बहुत काम करती थी। ज़ेबुन्निसा के स्थान पर यदि आप…
  2. महादेवी वर्मा को काव्य प्रतियोगिता में चाँदी का कटोरा मिला था। अनुमान लगाइए कि आपको इस तरह…
  3. लेखिका ने छात्रावास के जिस बहुभाषी परिवेश की चर्चा की है उसे अपनी मातृभाषा में लिखिए।…
  4. महादेवी जी के इस संस्मरण को पढ़ते हुए आपके मानस-पटल पर भी अपने बचपन की कोई स्मृति उभरकर आई…
  5. महादेवी ने कवि सम्मेलनों में कविता पाठ के लिए अपना नाम बुलाए जाने से पहले होने वाली बेचैनी…
Bhasha Adhyayan
  1. पाठ से निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए - विद्वान, अनंत, निरपराधी, दंड, शांति।…
  2. निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग/प्रत्यय अलग कीजिए और मूल शब्द बताइए - निराहारी - निर्‌ + आहार…
  3. निम्नलिखित उपसर्ग-प्रत्ययों की सहायता से दो-दो शब्द लिखिए - उपसर्ग - अन्‌, अ, सत्‌, स्व,…
  4. पाठ में आए सामासिक पद छाँटकर विग्रह कीजिए - पूजा-पाठ पूजा और पाठ

Exercise
Question 1.

‘मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को सहना पड़ता है।’ इस कथन के आलोक में आप यह पता लगाएँ कि-

(क) उस समय लड़कियों की दशा कैसी थी?

(ख) लड़कियों के जन्म के संबंध में आज कैसी परिस्थितियाँ हैं?


Answer:

(क) सन 1900 के आसपास जब लेखिका पैदा हुई थी उस समय लड़कियों की स्थिति अत्यंत दयनीय थी। उनके प्रति लोगों का दृष्टिकोण बहुत अच्छा न था। उस समय का समाज पुरुष प्रधान था। लोग पुत्रों को अधिक महत्व देते थे जबकि लड़कियों को सिर्फ परिवार और समाज पर बोझ समझा जाता था| पुरुषों को समाज में ऊँचा दर्जा प्राप्त था। लड़कियों को जन्म के समय या तो मार दिया जाता था या तो उन्हें बंद कमरे की चार दीवारी के अंदर कैद करके रखा जाता था। इसका एक कारण समाज में व्याप्त दहेज-प्रथा भी थी। उनकी शिक्षा, पालन-पोषण आदि को बहुत महत्व नहीं दिया जाता था। लड़कियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था।

(ख) लड़कियों को लेकर पहले की तुलना में आज की स्थिति में सुधार आया है। इसका एक मात्र कारण अपने अधिकारों को पाने के लिए नारी की जागरूकता है। लोग पहले जहाँ जन्म लेते ही लड़कियों को मार देते थे, आज भी कुछ लोग भ्रूण परीक्षण के माध्यम से जन्म पूर्व ही उनकी हत्या करने का प्रयास करते हैं। स्थिति पूरी तरह से अनुकूल नहीं है परन्तु फिर भी आज के समाज में नारियों को उचित स्थान प्राप्त है। आज नारी किसी भी क्षेत्र में लड़कों से पीछे नहीं है एवं उनके कंधे से कंधा मिलाकर समाज की प्रगति में अपना योगदान दे रही है हमारे समाज में भी नारी के अस्तित्व को लेकर लोगों का दृष्टिकोण बदल रहा है। अतः हम कह सकते हैं कि पुरुष प्रधान समाज में नारी आज पुरुषों से पीछे नहीं है।



Question 2.

लेखिका उर्दू-फ़ारसी क्यों नहीं सीख पाईं?


Answer:

(क) उसके घर में उर्दू-फारसी का माहौल न था जिससे बचपन में इस भाषा को सीखने के लिए प्रोत्साहन नहीं मिला।

(ख) लेखिका के मन में यह बात बैठ गई थी कि उर्दू-फारसी बहुत कठिन और क्लिष्ट भाषा है और वह इसी सीख नहीं पाएगी|


(ग) इस भाषा को सीखने में उन्हें आनंद नहीं आता था और इसीलिए भी वे भाषा को सीख नहीं पाई|



Question 3.

लेखिका ने अपनी माँ के व्यक्तित्व की किन विशेषताओं का उल्लेख किया है?


Answer:

लेखिका ने माँ के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं का उल्लेख किया है :-

(क) लेखिका की माँ को हिंदी एवं संस्कृत दोनों भाषाओँ का बहुत अच्छा ज्ञान था|


(ख) लेखिका की माँ धार्मिक स्वभाव की थी और इसी कारण नियमित रूप से पूजा-पाठ करती थीं। वे मीराबाई के पद तथा प्रभातियाँ गाती थीं।


(ग) लेखिका की माँ धर्म सहिष्णु महिला थीं। वे सभी धर्मों का सच्चे मन से सम्मान करती थी और उन्होंने लेखिका को भी सभी धर्मों का सम्मान करने के लिए प्रेरित किया|



Question 4.

जवारा के नवाब के साथ अपने पारिवारिक संबंधों को लेखिका ने आज के संदर्भ में स्वप्न जैसा क्यों कहा है?


Answer:

पहले हिंदु-मुस्लिम को लेकर इतना भेदभाव नहीं था। हिंदु और मुस्लिम दोनों एक ही देश में प्रेम पूर्वक रहते थे। स्वतंत्रता के दौर एवं बाद के वर्षों में इस परिस्थिति में बदलाव आया और फिर परिस्थितियाँ बदली व धार्मिक कटुता पैदा हुई| ऐसी परिस्थितियों में हिंदु तथा मुस्लिम दो अलग-अलग धर्मों के लोगों का प्रेमपूर्वक रहना स्वप्न समान प्रतीत होता है। मुसलमान और हिंदू परिवार होने के बाद भी दोनों परिवारों के संबंध बहुत अच्छे थे। दोनों के त्यौहारों को एक-दूसरे के परिवार वाले मिल-जुलकर मनाते थे। आज हिंदू और मुसलमान के नाम पर जगह-जगह दंगे होते हैं। इसके अलावा धर्म, संप्रदाय आदि के नाम पर वैमनस्यता उत्पन्न हो गई है।

इसी कारण से लेखिका की माँ अथवा कहें की लेखिका के परिवार के जवारा के नवाब के परिवार के साथ मधुर संबंध से उनके धार्मिक सहिष्णु होने का पता चलता है|




Rachna Aur Abhivyakti
Question 1.

ज़ेबुन्निसा महादेवी वर्मा के लिए बहुत काम करती थी। ज़ेबुन्निसा के स्थान पर यदि आप होतीं/होते तो महादेवी से आपकी क्या अपेक्षा होती?


Answer:

ज़ेबुन्निसा महादेवी वर्मा के लिए उनका काम करता थी। इससे काव्य रचना के लिए महादेवी वर्मा को काफ़ी सहयोग मिल जाता था। हमें भी किसी की प्रतिभा को उभारने के लिए इसी तरह का सहयोग करना चाहिए। मैं अगर ज़ेबुन्निसा के स्थान पर यदि होतीं तो महादेवी से मेरी यह अपेक्षा होती की वे स्वरचित कविताएँ सुनाएँ तथा कविता-लेखन के लिए मुझे भी प्रोत्साहित करें और साथ ही मेरी पढ़ाई में भी गहरी रूचि है तो मैं चाहती कि वे मेरी पढ़ाई में भी मदद करती|



Question 2.

महादेवी वर्मा को काव्य प्रतियोगिता में चाँदी का कटोरा मिला था। अनुमान लगाइए कि आपको इस तरह का कोई पुरस्कार मिला हो और वह देशहित में या किसी आपदा निवारण के काम में देना पड़े तो आप कैसा अनुभव करेंगे/करेंगी?


Answer:

देश के नागरिक होने के नाते देश के प्रति हमारे कुछ कर्तव्य हैं। यदि देश किसी आर्थिक परेशानी से गुज़र रहा है, तो देश को इस विपत्ति से उभारने के लिए हमें यथाशक्ति देश की सहायता करनी चाहिए। मेरे लिए व्यक्तिगत हित, देशहित के सामने कोई महत्व नहीं रखता है। अगर देश के सामने कोई गंभीर आर्थिक चुनौती आती है और मुझे इस वक्त में सहयोग करने के मौका मिले तो मैं इस वक्त में देश के लिए हरसंभव प्रयास करूँगा|



Question 3.

लेखिका ने छात्रावास के जिस बहुभाषी परिवेश की चर्चा की है उसे अपनी मातृभाषा में लिखिए।


Answer:

लेखिका ने क्रास्थवेट गर्ल्स कॉलेज में पाँचवीं में प्रवेश लिया। यहाँ देश के विभिन्न भागों से छात्राएँ पढ़ने आती थीं। लेखिका “महादेवी वर्मा” के छात्रावास का परिवेश बहुभाषी था। कोई हिंदी बोलता था तो किसी की भाषा उर्दू थी। इस छात्रावास में देश के विभिन्न क्षेत्रों की छात्राएं थीं और हम जानते हैं कि हमारे देश के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न भाषाओं के अलावा विभिन्न बोलियाँ भी बोली जाती हैं| इसी कारण वहाँ कुछ मराठी लड़किया भी थीं, जो आपस में मराठी बोलती थीं, बुंदेलखंड से आयी लड़कियाँ बुन्देलखंडी बोलती थी, बिहार से आयी लड़कियाँ भोजपुरी बोलती थीं, अवध की लड़कियाँ आपस में अवधी बोलती थीं। सभी अपनी-अपनी बोली में बात करते हुए साथ-साथ हिंदी अथवा उर्दू में अपनी पढ़ाई करती थीं। उनमें किसी तरह का कोई विवाद न था। छात्रावास में उन्हें हिंदी तथा उर्दू दोनों की शिक्षा दी जाती थी।



Question 4.

महादेवी जी के इस संस्मरण को पढ़ते हुए आपके मानस-पटल पर भी अपने बचपन की कोई स्मृति उभरकर आई होगी, उसे संस्मरण शैली में लिखिए।


Answer:

मैं बुंदेलखंड का निवासी हूँ| जैसा कि आप सभी जानते ही होंगे कि बुंदेलखंड भारत के मध्य भाग में स्थित एक छोटा सा क्षेत्र है जो मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित है| यहाँ के लोगों की आजीविका का मुख्य स्त्रोत कृषि है| एक बार की बात है मेरे गाँव के दो परिवार जिनके खेत एक दूसरे से लगे हुए थे उनके बीच में खेतों की सीमओं को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया| पहले तो वे दोनों ही परिवार बड़े ही शान्ति एवं अपनेपन से रहते थे लेकिन इस विवाद के पश्चात उनके बीच के संबंध बहुत गंभीर हो गए और इस स्थिति को बिगाड़ने में गाँव के कुछ लोगों ने भी गंभीर भूमिका निभाई| चूँकि एक परिवार हिन्दू था जबकि दूसरा परिवार मुस्लिम और इसी धार्मिक भिन्नता को देखकर गाँव के कुछ असामाजिक तत्वों ने इस परिस्थिति को बिगाड़ने में गंभीर भूमिका निभाई और उन दोनों परिवारों के बीच उत्पन्न हुए इस छोटे से विवाद ने गंभीर रूप धारण कर लिया नौबत यहाँ तक आ गयी कि उन दोनों परिवारों के बीच में हर दिन झगडा होने लगा| परन्तु दोनों परिवारों के बुजुर्गों ने इस परिस्थिति को समझा और बीच बचाव किया और दोनों को समझाया कि इस प्रकार के विवाद में पड़ें जिसका कोई अर्थ नहीं और जो उन दोनों परिवारों के लिए हानिकारक है तब जाकर झगडा सुलझा और दोनों परिवारों के बीच फिर से पुराने संबंध स्थापित हो पाए|



Question 5.

महादेवी ने कवि सम्मेलनों में कविता पाठ के लिए अपना नाम बुलाए जाने से पहले होने वाली बेचैनी का ज़िक्र किया है। अपने विद्यालय में होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते समय आपने जो बेचैनी अनुभव की होगी, उस पर डायरी का एक पृष्ठ लिखिए।


Answer:

25 जनवरी 2019

आज हमारे विद्यालय का वार्षिकोत्सव मनाया गया। वार्षिकोत्सव के दौरान विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गए और इसमें मैं संगीत कार्यक्रम में भाग लिया था| मुझे इसमें अपना एक गाना प्रस्तुत करने का मौका दिया गया था| यह पहला मौका था मेरी जब मैं इतने बड़े कार्यक्रम में सबके सामने संगीत की प्रस्तुति देने वाला था| कार्यक्रम में सबसे पहले भाषण, वाद, विवाद, नृत्य और उसके पश्चात संगीत का प्रदर्शन किया जाना था| नृत्य का कार्यक्रम जैसे ही ख़त्म होता मेरा नंबर आने वाले था| मेरा नंबर जैसे जैसे करीब आ रहा था भय के मारे मेरी सांसे फूलने लगी थी और मैं स्टेज पर चढ़ने के लिए बिलकुल तैयार नहीं थी| थोड़ी देर के बाद मेरा नाम आया और थोड़ी सी हिम्मत जुटाकर मैं स्टेज पर चढ़ गया और अंततः डरकर, संभालकर मैंने अपनी प्रस्तुति दी| बजीं। कार्यक्रम के अंत में मुझे पुरस्कृत किया गया। वह प्रदर्शन, वह पुरस्कार और तालियाँ सभी कुछ मुझे हमेशा याद रहेगा।




Bhasha Adhyayan
Question 1.

पाठ से निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द ढूँढ़कर लिखिए –

विद्वान, अनंत, निरपराधी, दंड, शांति।


Answer:

विलोम शब्द-

(1) विद्वान – मूर्ख


(2) अनंत – संक्षिप्त


(3) निरपराधी – अपराधी


(4) दंड – पुरस्कार


(5) शांति – अशांति



Question 2.

निम्नलिखित शब्दों से उपसर्ग/प्रत्यय अलग कीजिए और मूल शब्द बताइए –

निराहारी – निर्‌ + आहार + ई

सांप्रदायिकता

अप्रसन्नता

अपनापन

किनारीदार

स्वतंत्रता


Answer:

निराहारी – निर्‌ + आहार + ई

सांप्रदायिकता – सम्प्रदाय + इक + ता


अप्रसन्नता – अ + प्रसन्न + ता


अपनापन – अपना + पन


किनारीदार – किनारा + ई + दार


स्वतंत्रता – स्वतंत्र + ता



Question 3.

निम्नलिखित उपसर्ग-प्रत्ययों की सहायता से दो-दो शब्द लिखिए –

उपसर्ग – अन्‌, अ, सत्‌, स्व, दुर्‌

प्रत्यय – दार, हार, वाला, अनीय


Answer:

उपसर्ग –

(1) अन् – अन्वेषण, अनशन


(2) अ – असत्य, अन्याय


(3) सत् – सत्चरित्र, सत्कर्म


(4) स्व – स्वराज, स्वाधीन


(5) दुर् – दुर्जन, दुर्व्यवहार


प्रत्यय −


(1) दार – किनारेदार, दुकानदार


(2) हार – पालनहार, तारनहार


(3) वाला – फलवाला, मिठाईवाला


(4) अनीय – दर्शनीय, आदरनीय



Question 4.

पाठ में आए सामासिक पद छाँटकर विग्रह कीजिए –

पूजा-पाठ पूजा और पाठ


Answer:

(1) पूजा-पाठ = पूजा और पाठ

(2) उर्दू-फ़ारसी = उर्दू और फ़ारसी


(3) पंचतंत्र = पाँच तंत्रो से बना है जो


(4) दुर्गा-पूजा = दुर्गा की पूजा


(5) छात्रावास = छात्रों का आवास


(6) निराहार = बिना आहार किए


(7) चारपाई = चार पायों का समूह


(8) कविसम्मेलन = कवियों का सम्मेलन


(9) रोना-धोना = रोना और धोना


(10) चाची-ताई = चाची और ताई