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Ek Kutta Aur Ek Maina

Class 9th Hindi क्षितिज भाग 1 CBSE Solution
Exercise
  1. गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं और रहने का मन क्यों बनाया?
  2. मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।…
  3. गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया?…
  4. प्रस्तुत पाठ एक निबंध है। निबंध गद्य-साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों…
  5. आशय स्पष्ट कीजिए। इस प्रकार कवि की मर्मभेदी दृष्टि ने इस भाषाहीन प्राणी की करुण दृष्टि के…
Rachna Aur Abhivyakti
  1. पशु-पक्षियों से प्रेम इस पाठ की मूल संवेदना है। अपने अनुभव के आधार पर ऐसे किसी प्रसंग से…
Bhasha Adhyayan
  1. गुरुदेव जरा मुस्करा दिए। मैं जब यह कविता पढ़ता हूं। ऊपर दिए गए वाक्यों में एक वाक्य में…
  2. निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए। (क) मीना कहानी सुनाती है। (ख)…
  3. नीचे पाठ में से शब्द-युग्मों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं_ जैसे- समय-असमय, अवस्था-अनावस्था इन…

Exercise
Question 1.

गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं और रहने का मन क्यों बनाया?


Answer:

गुरुजी ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं और रहने का मन इसलिए बनाया क्योंकि कुछ समय से उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं चल रहा था। ऐसे में उन्हें आराम और शांति चाहिए थी और मिलने के लिए आने-जाने वाले लोगों की वजह से ये संभव नहीं हो पा रहा था। इसके अलावा शायद उनके मन में आया हो कि वे श्रीनिकेतन के पुराने तिमंजिले मकान में जाकर कुछ दिन रहें। वे वहां सबसे ऊपर की मंजिल पर जाकर रहने लगे।



Question 2.

मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।


Answer:

मूक प्राणी भी कम संवेदनशील नहीं होते हैं, उन्हें भी स्नेह की अनुभूति होती है। इस पाठ में रवींद्रनाथ जी के कुत्ते और एक मैना के कुछ प्रसंगों से ये बात स्पष्ट हो जाती है-

- जब गुरुदेव श्रीनिकेतन के तिमंजिले भवन में रहने चले जाते हैं तो उनका कुत्ता भी उन्हें खोजते-खोजते वहां पहुंच जाता है।


- गुरुदेव के स्पर्श करते ही कुत्ता आंखें बंद कर लेता है और उसे महसूस करने लगता है उस समय ऐसा लगता है मानों उसके अतृप्त मन को उस स्पर्श से तृप्ति मिल गई हो।


- गुरुदेव की मृत्यु के बाद कुत्ता अस्थि कलश के पास कुछ देर उदास बैठा रहता है। वह भी वहां मौजूद लोगों की तरह ही शोक प्रकट करता है।


- इसके अलावा लंगड़ी फुदकती मैना की चाल में लेखक को एक तरह की करुणा दिखाई दे रही थी।



Question 3.

गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया?


Answer:

गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी गई कविता को लेखक तब समझ पाया जब उसने गुरुदेव की लिखी आशय की कविता पढ़ी कि मैना कीड़ों को चुनकर गिरे हुए पत्तों पर मस्ती कर रही है जबकि दूसरी मैनाएं शिरीषवृक्ष पर बैठी बक-झक कर रही हैं। जब ये मैना उड़कर चली जाती है तो लेखक को समझ आया कि अन्य मैनाओं का साथ न मिलने के कारण वह उड़ कर चली गई। उसका यूं उड़ जाना बहुत करुण लगा।



Question 4.

प्रस्तुत पाठ एक निबंध है। निबंध गद्य-साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं? किन्हीं चार का उल्लेख कीजिए।


Answer:

लेखक ने अपने भावों और विचारों को कलात्मक शैली में प्रस्तुत किया है। उनकी इस विशेषता को निम्नलिखित स्थानों पर देखा जा सकता है-

1- आश्रम के काफी लोग बाहर चले गए, एक दिन हमने सपरिवार उनके 'दर्शन' की ठानी।


2- प्रतिदिन प्रात:काल यह भक्त कुत्ता स्तब्ध होकर आसन के पास तब तक बैठा रहता है, जब तक मैं अपने हाथों के स्पर्श से इसका संग स्वीकार नहीं करता। इतनी सी स्वीकृति पाकर ही उसके रोम-रोम में आनंद का प्रवाह बहने लगता है।


3- उस समय लंगड़ी मैना फुदक रही थी। गुरुदेव ने कहा, 'देखते हो यह यूथभ्रष्ट है। रोज फुदकती है, ठीक यहीं आकर मुझे इसकी चाल में करुण भाव दिखाई पड़ता है।'


4- उस समय भी न जाने किस सहज बोध के बल पर वह कुत्ता आश्रम के द्वार तक आ गया और चिताभस्म के संग गंभीर भाव से उत्तरायण तक गया।



Question 5.

आशय स्पष्ट कीजिए।

इस प्रकार कवि की मर्मभेदी दृष्टि ने इस भाषाहीन प्राणी की करुण दृष्टि के भीतर उस विशाल मानव-सत्य को देखा है, जो मनुष्य, मनुष्य के अंदर भी नहीं देख पाता।


Answer:

गुरुदेव जब अपने कुत्ते की पीठ पर हाथ फेरते हैं तो कुत्ते का रोम-रोम स्नेह का अनुभव करता है। तब ऐसा लगता है मानों उसके अतृप्त मन को उस स्पर्श से तृप्ति मिल गई हो। भले कुत्ते के पास इसे बताने के लिए वाणी नहीं है लेकिन कवि की दृष्टि उसके मर्म को समझ जाती है। साधारण मनुष्य इस भावना का अनुभव नहीं कर पाते हैं। ऐसे में कवि ने एक मूक पशु की भावनाओं का अनुभव कर लिया।




Rachna Aur Abhivyakti
Question 1.

पशु-पक्षियों से प्रेम इस पाठ की मूल संवेदना है। अपने अनुभव के आधार पर ऐसे किसी प्रसंग से जुड़ी रोचक घटना को कलात्मक शैली में लिखिए।


Answer:

मेरे भाई ने कुत्ता पाल रखा था जिसका नाम ब्रूनो था। वह ब्रूनो को बहुत प्यार करते थे। उसे अपने हाथ से खाना खिलाना, उसके साथ खेलना यहां तक कि कभी-कभी उसे अपने साथ बिस्तर पर तक सुला लिया करते थे। उन्होंने उसे हर वो गतिविधियां सिखाई जो एक इंसान अपने बच्चे को सिखाता है। जैसे लोगों से हैलो करना, बाय करना आदि। एक दिन भईया को कुछ दिनों के लिए काम की वजह से शहर जाना पड़ा। उस दिन ब्रूनो ने कुछ ना खाया और कुछ दिन बाद जब वो लौटे तो करीब 500 मीटर दूर से ही ब्रूनो को पता लग गया कि भईया आ गया है। वह दरवाजे पर खड़े रहा और आते ही उन्हें चाटने लगा। इस घटना के बाद से जब कभी भी भाई को बाहर जाना होता तो ब्रूनो को साथ लेकर जाया करते।




Bhasha Adhyayan
Question 1.

गुरुदेव जरा मुस्करा दिए।

मैं जब यह कविता पढ़ता हूं।

ऊपर दिए गए वाक्यों में एक वाक्य में अकर्मक क्रिया है और दूसरे में सकर्मक। इस पाठ को ध्यान से पढ़कर सकर्मक और अकर्मक क्रिया वाले चार-चार वाक्य छांटिए।


Answer:

पाठ से सकर्मक और अकर्मक क्रिया वाले चार-चार वाक्य-

सकर्मक क्रिया वाले वाक्य-


1- हम लोग उस कुत्ते के आनंद को देखने लगे।


2- गुरुदेव ने इस भाव की एक कविता लिखी थी।


3- बच्चों से जरा छेड़छाड़ की, कुशल क्षेम पूछी।


4- इतनी-सी स्वीकृति पाकर ही उसके अंग-अंग में आनंद का प्रवाह बह उठता है।


अकर्मक क्रिया वाले वाक्य -


1- दूसरी बार मैं सवेरे गुरुदेव के पास उपस्थित था।


2- उस समय एक लंगड़ी मैना फुदक रही थी।


3- हम लोगों को देखकर मुस्कराए।


4- ऐसे दर्शनार्थियों से गुरुदेव कुछ भीत-भीत से रहते थे।



Question 2.

निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए।

(क) मीना कहानी सुनाती है। (ख) अभिनव सो रहा है।

(ग) गाय घास खाती है। (घ) मोहन ने भाई को गेंद दी।

(घ) लड़कियाँ रोने लगीं।


Answer:

वाक्य क्रिया भेद

(क) मीना कहानी सुनाती है। सकर्मक क्रिया


(ख) अभिनव सो रहा है। अकर्मक क्रिया


(ग) गाय घास खाती है। सकर्मक क्रिया


(घ) मोहन ने भाई को गेंद दी। सकर्मक क्रिया


(घ) लड़कियां रोने लगीं। अकर्मक क्रिया



Question 3.

नीचे पाठ में से शब्द-युग्मों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं_ जैसे- समय-असमय, अवस्था-अनावस्था

इन शब्दों में 'अ' उपसर्ग लगाकर नया शब्द बनाया गया है।

पाठ में से कुछ शब्द चुनिए और उसमें 'अ' एवं 'अन्' उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाइए।


Answer:

'अ' उपसर्ग लगाने से बने शब्द-

निर्णय- अनिर्णय


चल- अचल


भद्र- अभद्र


हिंदी- अहिंदी


प्रचलित- अप्रचलित


स्वीकृति- अस्वीस्कृति


सहज- असहज


प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष


शांत- अंशात


मूल्य- अमूल्य


कारण- अकारण


परिचय- अपरिचय


कुशल- अकुशल


स्वीकार- अस्वीकार


चैतन्य-अचैतन्य


विश्वास- अविश्वास


निश्चित- अनिश्चित


भाव- अभाव


नियमित- अनियमित


'अन्' उपसर्ग युक्त शब्द


अवस्था- अनावस्था


उपयोग- अनुपयोग


उपस्थित- अनुपस्थित


उद्देश्य- अनुद्देश्य