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Mere Sang Ki Aurtein

Class 9th Hindi कृतिका भाग 1 CBSE Solution
Exercise
  1. लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं?…
  2. लेखिका की नानी की आजादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही?…
  3. लेखिका की माँ परंपरा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक…
  4. आप अपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की…
  5. डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता…
  6. ‘शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है’ इस दिशा में लेखिका के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।…
  7. पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है?…
  8. ‘सच, अकेलेपन का मजा ही कुछ और है’-इस कथन के आधार पर लेखिका की बहन एवं लेखिका के व्यक्तित्व…

Exercise
Question 1.

लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थीं?


Answer:

लेखिका अपनी नानी के व्यक्तित्व कि निम्नलिखित बातों से प्रभावित थी-

(क) नानी का देश के प्रति प्रेम जिसका पता हमें इस बात से चलता है की उन्होंने अपने अंतिम समय में अपनी बेटी का विवाह एक क्रांतिकारी से करने की इच्छा प्रकट की थी इसलिए नानी ने प्रसिद्ध क्रांतिकारी प्यारेलाल शर्मा से भेंट की थी ताकि उनकी बेटी का विवाह उनसे हो सकेI


(ख) लेखिका की नानी ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी परन्तु वह एक आज़ाद विचारों वाली महिला थीI


(ग) उनका अपनी बेटी के प्रति असीम प्रेम जिसका पता हमें इस बात से चलता है कि अपने अंतिम समय में भी उन्हें अपनी बेटी की चिन्ता थीI


(घ) पूरी जिंदगी परदे में रहने के बाद भी आवश्यकता के समय उन्होंने किसी पर-पुरुष से मिलने की हिम्मत कि इससे उनके साहसी और निर्भय होने का पता चलता है|



Question 2.

लेखिका की नानी की आजादी के आंदोलन में किस प्रकार की भागीदारी रही?


Answer:

लेखिका की नानी की आज़ादी के आंदोलन में अप्रत्यक्ष रूप से भागी दारी रही है।

(क) उन्होंने कभी अंग्रेजियत को स्वीकारा नहीं। जबकि उनके पति अंग्रेजों के भक्त थे फिर भी नानी ने कभी अंग्रेजों की जीवन शैली को नहीं अपनाया| उन्होंने अपना रहन सहन भारतीय ही रखा।


(ख) नानी ने अपनी बेटी की शादी क्रांतिकारी से करने की इच्छा व्यक्त की जिससे उनके देश के प्रति प्रेम की भावना का पता चलता है। उनका सबसे बड़ा योगदान यह है कि अपने बच्चों को इस विवाह की घटना से उन्होंने अँग्रेजो का भक्त बनने से मुक्त करा लिया और देश के क्रांतिकारियों को भी बड़ी प्रेरणा प्रदान की।



Question 3.

लेखिका की माँ परंपरा का निर्वाह न करते हुए भी सबके दिलों पर राज करती थी। इस कथन के आलोक में-

(क) लेखिका की माँ की व्यक्तित्व की विशेषताएँ लिखिए।

(ख) लेखिका की दादी के घर के माहौल का शब्द-चित्र अंकित कीजिए।


Answer:

(क) – लेखिका की माँ के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ थी-

1. वह गाँधीजी के सिधान्तों का पालन करने वाली महिला थी।


2. लेखिका की माँ सत्यवादी, ईमानदार, राष्ट्र की आज़ादी के प्रति जुनून रखने वाली महिला थी।


3. लेखिका की माँ आम भारतीय महिलाओं की तरह बच्चे संभालना, घर गृहस्थी और खाना पकाने तक अपने आप को सीमित नहीं रखना चाहती।


4. उनका व्यक्तित्व इतना प्रभावी था की ठोस कामों में न केवल उनकी राय ली जाती थी बल्कि उसका शत प्रतिशत पालन भी किया जाता था।


(ख) – लेखिका की दादी के घर का माहौल काफ़ी धार्मिक और साहित्यिक था|


लेखिका की दादी के घर का माहौल उस समय के माहौल से काफी अलग था| लेखिका की दादी के घर में स्त्रियों को उचित सम्मान दिया जाता था और सभी को साहित्य में रुचि थी। दादी के घर में सब लोगों को अपनी मर्जीनुसार चलने की आज़ादी थी। घर में पुत्र-पुत्री में भेदभाव नहीं किया जाता था। पुत्र-पुत्री में भेदभाव न करने की बात इससे सिद्ध हो जाती है कि जब परिवार की बहु को संतान होने वाली थी तो लेखिका की दादी ने संतान के रूप में बेटी की कामना की न की रुढ़िवादियों की तरह बेटे की|



Question 4.

आप अपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों माँगी?


Answer:

लेखिका की दादी स्वतंत्र और साहसी महिला थी। वे प्रगतिशील विचारधारा को मानने वाली थीं और बेटे-बेटी में कोई भेदभाव नहीं रखती थी, उनके लिए बेटी बेटे से किसी भी प्रकार से कमतर नहीं महत्त्व की नहीं थी| वे बेटे एवं बेटी को समान मानती थीं| मेरे विचार से वह पतोहू के पहले बच्चे के ज़रिये अपना बचपन वापिस जीना चाहती होगी शायद इसलिए उन्होंने पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत मांगी ताकि वह उसमें अपने बचपन कि झलक देख पाये।



Question 5.

डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है-पाठ के आधार पर तर्क सहित उत्तर दीजिए।


Answer:

डराने-धमकाने, उपदेश देने या दबाव डालने की जगह सहजता से किसी को भी सही राह पर लाया जा सकता है। यह बात हमें लेखिका की माता द्वारा चोर के पकड़े जाने पर उसके साथ किए गए व्यवहार से पता चलता है। चोर के पकड़े जाने पर लेखिका की माँ ने न तो चोर को पकड़ा, न पिटवाया, बल्कि उससे सेवा ली और अपना पुत्र बना लिया। उसके पकड़े जाने पर उन्होंने उसे उपदेश भी नहीं दिया। उन्होंने इतना ही कहा - अब तुम्हारी मर्जी - चाहे चोरी करो या खेती। उनकी इस सहज भावना से चोर का ह्रदय परिवर्तित हो गया। उसने सदा के लिए चोरी छोड़ दी और खेती को अपना लिया। यदि शायद वे चोर के साथ बुरा बर्ताव या मारपीट करती तो चोर सुधरने के बजाए और भी गलत रास्ते पर चल पड़ता।



Question 6.

‘शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है’ इस दिशा में लेखिका के प्रयासों का उल्लेख कीजिए।


Answer:

‘शिक्षा बच्चों का जन्मसिद्ध अधिकार है’ इस दिशा में लेखिका के द्वारा किये गए प्रयास कुछ इस प्रकार हैं| शादी के बाद लेखिका को कर्नाटक के छोटे से कस्बे बागनकोट में रहना पड़ा जहाँ उनके बच्चों की शिक्षा की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी। लेखिका ने वहाँ पर स्कूल खुलवाने के लिए बिशप से प्रार्थना की परन्तु बिशप तैयार नहीं हुए।

लेखिका ने हार न मानते हुए अपनी कोशिशों तथा कुछ उत्साही लोगों की मदद से वहाँ स्कूल खोला। उसे सरकारी मान्यता दिलवाई, जिससे स्थानीय बच्चों को शिक्षा के लिए दूर न जाना पड़े।



Question 7.

पाठ के आधार पर लिखिए कि जीवन में कैसे इंसानों को अधिक श्रद्धा भाव से देखा जाता है?


Answer:

प्रस्तुत पाठ के आधार पर निम्नलिखित भावना वाले दृढ़ संकल्पी लोगों को श्रद्धा के भाव से देखा जाता है-

(क) जो लोग कभी झूठ नहीं बोलते और सच का साथ देते हैं।


(ख) जो किसी की बात को इधर-उधर नहीं करते।


(ग) जिनके इरादे मजबूत होते हैंI


(घ) जो हीन भावना से ग्रसित नहीं होते।


(च) जिनका व्यक्तित्व सरल, सहज एवं पारदर्शी होता हैI


(छ) जो लोग सद्भावना से व्यवहार करते हैं एवं आवश्यकता पडने पर गलत रूढ़ियों को तोड़ डालने की हिम्मत भी रखते हैं।



Question 8.

‘सच, अकेलेपन का मजा ही कुछ और है’-इस कथन के आधार पर लेखिका की बहन एवं लेखिका के व्यक्तित्व के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।


Answer:

लेखिका एवं उनकी बहन जिंदा दिल थी एवं ज़िंदकी को भरपूर जीने में विश्वास रखती थी। हर अच्छी बुरी परिस्थिति का डट कर सामना करने में विश्वास रखती थी। वह दृढ़ निश्चयी स्वभाव कि थी। इसका पता हमें इस बात से लगता है की अत्यधिक बारिश होने एवं सब के मना करने के बावजूद लेखिका की बहन विद्यालय जाती थी तो दूसरी तरफ अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने हेतु लेखिका ने कर्नाटक में स्कूल खोला। ये सारी बातें लेखिका के स्वतंत्र व्यक्तित्व, हिम्मत, धैर्य और लीक से हटकर अपनी अलग राह चलने वाले व्यक्तित्व की ओर संकेत करते हैं।