पाठ से
सागर यात्रा में नौका को संभालने के लिए हर समय एक व्यक्ति की ज़रूरत थी। क्यों?
सागर यात्रा में नौका संभालने के लिए हर समय एक व्यक्ति की आवश्यकता होती है क्योंकि नौका का चक्का संभालने के लिए एक व्यक्ति ज़रूरी होता है एवं साथ ही साथ तूफानी लहरों पर भी नज़र रखनी होती है और ह्वेल मछलियों पर भी।
पाठ से
वे लोग समुद्र की यात्रा कर रहे थे। समुद्र यात्रा में भी उन्हें पानी की समस्या क्यों हुई?
समुद्र का पानी किसी भी काम के लिए उपयुक्त नहीं होता उसमे नमक की मात्रा काफी अधिक होती है और इसी कारण समुद्र का पानी न तो पीने योग्य होता है और न ही नहाने योग्य। नहाने से बदन में चिपचिपाहट हो जाती है। अत: समुद्र में यात्रा करते समय प्रर्याप्त मात्रा में पानी होना आवश्यक है|
खतरे
“हम सब इस अभियान के खतरों को जानते थे।”
समुद्री यात्रा में उन यात्रियों को कौन-कौन से खतरों और परेशानियों का सामना करना पड़ा था?
समुद्री यात्रा में सबसे ज़्यादा परेशानी तूफानी लहरों से होती है जो कि इन लोगो को भी हुई, तूफ़ान के कारण उनकी नौका चट्टान से टकराते-टकराते बची| इसके अलावा ह्वेल मछलियों ने उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया था। उनके सारे रक्षण उपकरण खो गए एवं 15 दिनों तक रेडियो सर्म्पक टूट जाने के कारण किसी से संपर्क भी नहीं कर पाए। इस बीच कई बार साथी समुद्र में भी गिर गए। उन्हें नौका में वापस खींचा गया।
माँ के काम
“एक सदस्य माँ की भूमिका निभाता”
नौका पर ‘माँ’ की भूमिका निभाने वाला व्यक्ति कौन-कौन से काम करता था?
नौका पर माँ की भूमिका निभाने वाला व्यक्ति सभी कार्य करता था जैसे की खाना पकाने, बर्तन साफ़ करना, शौचालय की सफ़ाई, नौका की सफ़ाई आदि सभी काम करता था।
माँ के काम
“एक सदस्य माँ की भूमिका निभाता”
तुम्हारे विचार से उन कामों को माँ के कामों की उपमा क्यों दी गई होगी?
नौका पर माँ की भूमिका निभाने वाला व्यक्ति सभी का ध्यान रखता था एवं माँ के द्वारा घर पर किये जाने वाले सभी कार्य करता था जैसे की खाना पकाने, बर्तन माँजने, शौचालय की सफ़ाई, नौका की सफ़ाई आदि सभी काम करता था। ये सारे काम किसी भी घर में माँ के द्वारा संपन्न किये जाते हैं और उस नौका पर उस व्यक्ति के द्वारा वे सारे कार्य किये जा रहे थे और इसी कारण से उस व्यक्ति द्वारा किये जा रहे कार्यों को माँ के कार्य की संज्ञा दी गयी|
माँ के काम
“एक सदस्य माँ की भूमिका निभाता”
क्या तुमने कभी किसी के लिए ‘ माँ की भूमिका’ निभाई है?
यदि हाँ, तो बताओ
क) तब तुमने कौन-कौन से काम किए थे?
ख) वे काम क्यों और किसलिए किए थे?
क) मैंने उस वक्त निम्नलिखित कार्य किये जैसे घर की सफाई करना, पौधों में पानी देना, भोजन पकाना, घर के बच्चों की देखभाल करना आदि|
ख) जब एक बार माँ की तबीयत खराब हुई तो घर पर और कोई नहीं था इसलिए ये सब काम करने पड़े। मैं माँ की मदद करना चाह रहा था ताकि उनका स्वास्थ्य जल्दी से सही हो जाए|
माँ के काम
“एक सदस्य माँ की भूमिका निभाता”
तुम्हारी माँ या घर का अन्य कोई सदस्य सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक कौन-कौन से काम करता है? सूची बनाओ।
मेरी माँ सुबह उठकर अनेक कार्य करती है उनमें से कुछ कार्य इस प्रकार हैं-
सफ़ाई करती हैं, कपड़े धोती हैं, पूजा पाठ करती हैं, खाना बनाती हैं, हमें तैयार करती हैं, हमारे जाने के बाद दोपहर का खाना बनाने में जुट जाती हैं, हमें पढ़ाती हैं, सबको खाना खिलाने के बाद, रसोईघर की साफ़-सफ़ाई करके ही सोती हैं। माँ यह सब काम करती है फिर भी कोई शिकायत नहीं करती है और हमें बहुत प्यार करती है|
पानी की परेशानी
सागर के यात्रियों को पानी के कारण बहुत परेशानी होती थी। बताओ-
क) उन्हें पानी के कारण क्या-क्या परेशानियाँ हुई?
ख) क्या तुम्हारे आस पास भी पानी की समस्या होती है, उसके बारे में बताओ
ग) उस समस्या का समाधान कैसे किया जा सकता है?
क) उन्हें अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा इनमें से कुछ इस
प्रकार है| नहाने, पीने, खाना बनाने आदि के लिए पानी की अनउपलब्धता|
ख) हाँ, हमारे इलाके में भी पानी की समस्या बनी रहती है और यह गर्मियों में अधिक बढ़ जाती है उस समय पीने, नहाने, खाना बनाने के लिए पानी नहीं होता। कई बार पानी खरीदना पड़ता है
ग) पानी को व्यर्थ न बहाएँ। ज़रूरत के हिसाब से और कम से कम खर्च करें। सड़कों पर टूटे हुए पाइप की मरम्मत के लिए विभाग पर ज़ोर डालें। इसके अलावा पानी आने के समय उसे स्टोर करके रखें। बारिश के पानी का संग्रह करे और उसे बगीचों में पानी देने एवं गाडी धोने के लिए प्रयोग में ले सकते है|
अपनी-अपनी यात्रा
तुमने अभी दस भारतीय यात्रियों को एक अनूठी यात्रा की कहानी पढ़ी, तुम भी अपनी या किसी अन्य व्यक्ति की एक यात्रा के बारे में बताओ। तुम चाहो तो ये बातें बात सकते हो-
क) वह यात्रा कहाँ की थी? कितने दिनो की थी? यात्रा कैसे की?
ख) उसमें कौन-कौन सी समस्याएँ आईं?
ग) उन समस्याओं को कैसे दूर किया गया?
घ) उस यात्रा में किन-किन लोगों से मिलें?
ङ) कौन-कौन सी चीजें, पेड़-पौधे आदि पहली बार देखे?
क) हमने दिल्ली से मुम्बई की यात्रा की। ये यात्रा करीब 5 दिन की थी। दिल्ली से मुम्बई रेल से पहुँचे।
ख) रेल के टिकट मिलने में कठिनाई आई। मुम्बई पहुँचने पर देखा कि बारिश हो रही थी ऊपर से अंजान शहर था। जगह-जगह पानी भर गया था।
ग) किसी तरह मुंबई पहुँचे, फिर बारिश रुकने के पश्चात होटल पहुच कर विश्राम किया और अगले दिन घुमने गए। बस से सफर किया जो बड़ा खतरनाक लग रहा था क्योंकि बारिश के दिन थे। अत्यधिक वर्षा के कारण पानी भरा हुआ था। सड़कें टूट गई थीं, जिससे एक्सीडेन्ट होने का भी खतरा बना हुआ था। परन्तु यात्रा सफल रही।
घ) उस यात्रा में हम बहुत से नए लोगों से मिले जिनकी बोली और रहन सहन हमसे भिन्न तरह का था परन्तु उनसे अच्छी खासी दोस्ती हो गई और हमें बहुत कुछ नया सीखने को मिला।
ङ) हमने पहली बार समुद्र देखा| समुद्र का दृश्य बहुत ही मनोहारी था। हमने मंदिर भी देखे जो कि अपने आप में अद्भुत थे| इसके अलावा वहाँ के स्थानीय पेड़ पौधे भी देखे जो हमारे शहर में नहीं पाए जाते|
विशेष जगहों के नाम
‘बंदरगाह’ समुद्र के किनारे की वह जगह होती है जहाँ पानी के जहाज, नौकाएँ आदि ठहरते हैं। पता लगाओ इन जगहों पर क्या होता है-
क) अस्तबल
ख) हवाई-अड्डा
ग) पोस्ट-ऑफिस
घ) अस्पताल
ङ) न्यायालय
च) बाज़ार
(क) अस्तबल- घोड़े रखने की जगह।
(ख) हवाई-अड्डा- जहाँ हवाई जहाज़ आकर रूकते हैं।
(ग) पोस्ट-ऑफिस- इस स्थान पर चिट्टियाँ भेजी एवं प्राप्त की जाती हैं|
(घ) अस्पताल- यहाँ रोगियों का इलाज होता है।
(ङ) न्यायालय- यहाँ कानूनी कार्यवाही होती है एवं न्याय मिलता है।
(च) बाज़ार - यहाँ से हम सभी वस्तुएँ खरीदते और बेचते हैं।
गणतंत्र दिवस
‘तृष्णा’ को गणतंत्र दिवस परेड में शामिल किया गया था। आपस में चर्चा करके नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर खोजो-
क) गणतंत्र दिवस किसे कहते हैं? यह किस दिन मनाया जाता है?
ख) गणतंत्र दिवस के दिन क्या-क्या कार्यक्रम होते हैं?
ग) दूरदर्शन या आकाशवाणी पर गणतंत्र दिवस परेड देखकर/सुनकर उसके बारे में कुछ पंक्तियाँ लिखो।
(क) 26 जनवरी, 1950 के दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था| इसी कारण से हम इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं| इस दिन को पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है| विद्यालयों, सरकारी दफ्तरों एवं अन्य स्थानों पर इस दिन अनेक कार्यक्रम मनाए जाते हैं|
(ख) गणतंत्र दिवस के अवसर पर देश में विभिन्न जगहों पर अनेक कार्यक्रम होते है इनमें से मुख्य है राष्ट्रपति भवन पर होने वाला कार्यक्रम| यहाँ इस दिन हमारे देश के राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है उसके पश्चात अनेक रंगारंग प्रस्तुतियाँ दी जाती हैं| जैसे कि सैनिक परेड, अस्त्रों-शस्त्रों से युक्त झांकियाँ, बच्चों के खेलकूद, नाच-गाने, हमारे देश के विभिन्न स्थानों की झलक के रूप में विभिन्न झांकियाँ आदि निकलते हैं। राष्ट्रपति यहाँ वीर सैनिकों और शहीदों के परिवार वालों को पदक देकर सम्मानित करते हैं व सलामी देते हैं। हवाई जहाज़ द्वारा रंगों से आसमान में तिरंगा बनाया जाता है।
(ग) 26 जनवरी को राजपथ पर होने वाली परेड के बारे में लाइव जानकारी दूरदर्शन अथवा आकशवाणी पर दी जाती है| इस दिन आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान सैनिक एवं अर्धसैनिक बलों की परेड का आयोजन राजपथ पर होता है| इस परेड में सेना एवं अर्धसैनिक बलों के विभिन्न समूहों द्वारा परेड प्रस्तुत की जाती है|
खेल
“इस कठन दिनचर्या के कारण शतरंज खेलने के लिए समय ही नहीं मिलता था।”
यदि उन नाविकों के पास समय होता तो वे नौका पर कौन-कौन से खेल खेल सकते थे? सूची बनाओ-
क) शतरंज
ख) ........
ग) ........
घ) ........
(क) शतरंज
(ख) लूडो
(ग) कैरम
(घ) ताश
(ङ) पजल गेम
खुशी का घंटा
‘दिन में एक बार हम नौका पर ‘खुशी का घंटा’ बिताते’
यदि तुम्हें स्कूल में ‘खुशी का घंटा’ बिताने का मौका मिले, तो तुम उस एक घंटे मे कौन-कौन से काम करना चाहोंगे?
यदि मुझे स्कूल में ‘खुशी का घंटा’ बिताने का मौका मिले, तो मै उस एक घंटे में मेरी मन पसंद कहानी की किताब पढ़ना चाहूंगा और साथ में मेरा प्रिय खेल क्रिकेट भी खेलूँगा|
हिम्मतवाले
“हम सब इस अभियान के खतरों को जानते थे, हमें यह भी ज्ञात था कि शायद हम कभी वापस ने लौट सकें।”
वे दस नाविक इतनी खतरनाक यात्रा के लिए क्यों निकले होगे? आपस में चर्चा करो।
वह दस नाविक विश्व में अपने देश का नाम ऊँचा करना चाहते थे| उनके भीतर अपने देश के लिए कुछ कर गुजरने का जज़्बा था। वे चाहते थे कि ‘तृष्णा’ नामक भारतीय जहाज की विश्व में ख्याति हो। उनके देश के प्रति प्रेम और समर्पण ने उन्हें हिम्मत और साहस प्रदान किया और वे इस खतरनाक यात्रा के लिए आगे बढ़े।
खोए हुए मोज़े की कहानी
तेज हवाओं के कारण कभी-कभी उन नाविकों के कपड़े उड़/खो जाते थे। मान लो, ऐसा ही एक मौज़ा तुम्हें अपनी कहानी सुनाना चाहता है। वह क्या-क्या बातें बताएगा, कल्पना से उसकी कहानी पूरी करो-
मैं एक मौज़ा हूँ। वैसे तो मैं हमेशा अपने भाई के साथ रहता हूँ।
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मैं एक मौज़ा हूँ। वैसे तो मैं हमेशा अपने भाई के साथ रहता हूँ। परन्तु कभी कभी मनुष्यों की लापरवाही का शिकार भी हो जाता हूँ और मुझे अपने भाई से दूर कर दिया जाता है| लोग मुझे बिना नहलाये कई दिनों तक उपयोग करते रहते है इससे मुझे गन्दी बदबू का भी सामना करना पड़ता है। धोकर सुखाते समय ध्यान रखा जाता है कि मैं अपने भाई के साथ ही रहूँ। परन्तु एक दिन मुझे धोने के लिए मशीन में डाला गया। धुल तो गया पर बाहर नहीं निकल पाया। मेरा भाई मुझसे बिछड़ कर बाहर सूखने चला गया। मैं परेशान हो गया, अब मेरा क्या होगा, मेरे भाई का क्या होगा? तभी 1 घंटे बाद मालकिन ने मशीन साफ़ की तो मुझे पाया और बड़बड़ाती हुई मुझे भी सुखाने चली गई। मैं सूखता रहा परन्तु किसी ने नहीं उठाया। 2 दिन बाद किसी ने मुझे उठाया और फिर गंदा होने पर कूड़े के ढेर में डाल दिया गया। मैं अपने भाई से अलग हो गया और आँसू बहाता कूड़े के ढेर में पड़ा हूँ।
छोटे-छोटे
“जो लोग चौकसी से हटते, वे अपने कपड़े बदलते, खाना खाते, पढ़ते, रेडियो सुनते और अपनी ड्यूटी के अन्य कार्य जैसे रेडियो की जाँच, इंजन की जाँच तथा व्यंजन सूची के अनुसार भोजन बनाने के लिए राशन देने का काम निबटाते।”
इस वाक्य को कई छोटे-छोटे वाक्यों के रूप में भी लिखा जा सकता है जैसे-
जो लोग चौकसी से हटते, वे अपने कपड़े बदलते। वे खाना खाते, पढ़ते और रेडियो सुनते। वे अपनी ड्यूटी के अन्य कार्य करते जैसे रेडियो की जाँच और इंजन की जाँच। वे व्यंजन सूची के अनुसार भोजन बनाने के लिए राशन देने का काम निबटाते।
तुम इसी प्रकार नीचे लिखे राशन देने का काम निबटाते।
तुम इसी प्रकार नीचे लिखे वाक्य को छोटे-छोटे वाक्यों में बदलो-
प्रथम भारतीय नौका अभियान दल विश्व की परिक्रमा करके 54, 000 किलोमीटर की दूरी मापकर 470 दिन की ऐतिहासिक यात्रा के बाद 10 जनवरी, 1987 को 6.00 बजे मुंबई बंदरगाह पहुँचा।
प्रथम भारतीय नौका अभियान दल विश्व की परिक्रमा के लिए गया। उसने 54,000 किलोमीटर की दूरी की परिक्रमा की। ये परिक्रमा 470 दिन में हुई। ये एक ऐतिहासिक यात्रा थी। यात्रा पूरी करके ये 10 जनवरी, 1987 को मुम्बई पहुँचा। इस समय घड़ी के अनुसार 6 बजे थे।
सही उपसर्ग लगाओ-
अ, सु
ऊपर बॉक्स में दिए गए उपसर्ग लगार सार्थक शब्द बनाओ।
क) सफल
ख) स्वागत
ग) विश्वास
घ) कन्या
ङ) पुत्र
(क) अ+ सफल = असफल
(ख) सु+ स्वागत = सुस्वागत
(ग) अ+ विश्वास = अविश्वास
(घ) सु+ कन्या = सुकन्या
(ङ) सु+ पुत्र = सुपुत्र
सही वाक्य
में, ने, को, का, के लिए, से, पर
तालिका में से ही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों में भरो।
क) सीमा ............फल खाए।
ख) रोहित..........पेन नया है।
ग) माँ-बच्चों .............मिठाई लाई।
घ) हमने रस्सी............कपड़े सुखाए।
ङ) मैंने बैग.............किताबें रखीं।
च) पौधों...........गमलों में रखो।
छ) केरल जम्मू................बहुत दूर है।
(क) सीमा ने फल खाए।
(ख) रोहित का पेन नया है।
(ग) माँ-बच्चों के लिए मिठाई लाई।
(घ) हमने रस्सी पर कपड़े सुखाए।
(ङ) मैंने बैग में किताबें रखीं।
(च) पौधों को गमलों में रखो।
(छ) केरल जम्मू से बहुत दूर है।