कविता से
क) कविता में रतन किसे कहा गया है और वे कहाँ-कहाँ बिखरे हुए हैं?
ख) ओस कणों को देखकर कवि का मन क्या करना चाहता है?
क) इस कविता में कवि ने ओस की बूंदों को रतन कहा है। जब जाड़ों के मौसम में ओस की बूंदें पत्तों पर गिरती हैं तो वो हीरे-मोती जैसे रतनों की तरह दिखती हैं। ये रतन हरी घास, पेड़ों के पत्तों और फूलों पर बिखरे हुए हैं।
ख) कवि पत्तों, फूलों और घास पर ओस की बूंदों को देख कहता है जैसे रतन बिखरे हुए हैं। कवि इन रतनों की रक्षा करना चाहता है। इसलिए वह चाहता है कि उन्हें अपनी अंजलि में भरकर घर ले जाए। घर से जाकर वो उनकी सुंदरता को करीब से देखना चाहता है।
कविता से आगे
पता करो कि सुबह के समय खुले स्थानों पर ओस की बूँदें कैसे बन जाती हैं? इसे अपने शिक्षक को बताओ।
हवा में पानी की कुछ मात्रा होती है जिसे जल वाष्प कहा जाता है। जब यह वाष्प किसी ठंडी चीज के संपर्क में आती है तो जल की बूंदो के रूप में बदल जाती है। जिसे ओस कहते हैं। ठंड के मौसम में हर चीज ठंडी होती है। ओस, पानी ही होता है। ओस हर चीज पर दिखती है लेकिन फूल, पत्तियों और घास पर इसकी चमक बढ़ जाती है। इस वजह से ज्यादा खूबसूरत दिखती है।
कविता से आगे
क्या ओस, कोहरा और वर्षा में कोई संबंध है? इसके बनने और होने के कारणों का पता लगाओ और उसे अपने ढंग से लिखकर शिक्षक को दिखाओ।
ओस- ओस को अक्सर ठंड के मौसम में देखा जाता है। ओस भी पानी ही होता है। हवा में पानी की कुछ मात्रा होती है जिसे जल वाष्प कहा जाता है। जब यह वाष्प किसी ठंडी चीज के संपर्क में आती है तो जल की बूंदो के रूप में बदल जाती है। जिसे ओस कहते हैं।
कोहरा- कोहरे को ओस का बड़ा रूप कहा जाए तो गलत नहीं होगा। यह भी हवा में मौजूद जल वाष्प से बनता है। हवा में जल बिंदुओं बहुत छोटे-छोटे कणों के रूप में होते हैं। ठंड के मौसम में वातावरण में मौजूद हर चीज ठंडी होती है। जब ये जलवाष्प के कण ठंडी चीजों के संपर्क में आते हैं तो जल के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। इसके अलावा कोहरा उस समय घना हो जाता है जब उसमें प्रदूषण के कण भी मिल जाते हैं। इस वजह से शहरों में कोहरा ज्यादा घना होता है।
वर्षा- पृथ्वी पर मौजूद जल लगातार वाष्पित हो रहा है। ये जल वाष्पित होकर बादलों के रूप में जमा होता जाता है। जब ये ठंडे हो जाते हैं तो वर्षा के रूप में फिर से धरती पर बरस जाते हैं।
ओस, कोहरा और वर्षा में एक समानता है वो है पानी की। तीनों ही क्रियाएँ जल की वजह से होती हैं| पृथ्वी पर उपस्थित जल वाष्पित होता है और इसी वाष्प से ओस, कोहरा एवं वर्षा जैसी घटनाएँ घटित होती हैं|
कविता से आगे
सूरज निकलने के कुछ समय बाद ओस कहाँ चली जाती है? इसका उत्तर तुम अपने मित्रों, बड़ों, पुस्तकों और इंटरनेट की सहायता से प्राप्त करो और शिक्षक को बताओ।
ओस हवा में मौजूद जल वाष्प से बनती है। हवा में मौजूद जल के ये कण जब ठंडी चीजों के संपर्क में आते हैं तो छोटी छोटी बूंदों में परिवर्तित हो जाते हैं। वहीं जब सुबह सूरज निकलता है तो ओस धीरे धीरे गायब होती जाती है। दरअसल, सूरज में गर्मी होती है। जब धूप निकलती है तो जल वाष्प गर्मी की वजह से गायब हो जाती है|
तुम्हारी कल्पना
“इनकी शोभा निरख-निरख कर,
इन पर कविता एक बनाऊँ।”
कवि ओस की सुंदरता पर एक कविता बनाना चाहता है। यदि तुम कवि के स्थान पर होते, तो कौन-सी कविता बनाते? अपने मनपसंद विषय पर कोई कविता बनाओ।
विद्यार्थी अपने पसंद के विषय पर कोई कविता बनाएँ|
मौसम की बात
क) तुम्हारे विचार से यह किस मौसम की कविता हो सकती है?
ख) तुम्हारे प्रदेश में कौन-कौन से मौसम आते हैं? उसकी सूची बनाओ।
ग) तुम्हें कौन सा मौसम सबसे अधिक पसंद है और क्यों?
क) कवि ने इस कविता में ओस की बात की है। ऐसा आमतौर पर ठंड के मौसम में होता है। यह ठंड की कविता हो सकती है।
ख) मैं उत्तर प्रदेश में रहता हूं। यहां पर सर्दी, गर्मी, बरसात और पतझड़ आदि मौसम आते हैं।
ग) मुझे सर्दी का मौसम सबसे अधिक पसंद है। इस मौसम में मन अपने आप ही खुश रहने लगता है। ठण्ड ज्यादा हो तो रजाई में बैठ जाओ। ज्यादा काम करने या पैदल चलने से थकान नहीं होती है। ठंड के मौसम में चारों ओर हरियाली नजर आती है। कभी भी हम घूमने फिरने जा सकते हैं। जबकि अन्य मौसम में ये सब नहीं कर पाते। गर्मी में तो थकान भी ज्यादा होती है और दिन के समय इतनी धूप होती है कि कहीं घूमने भी नहीं जा सकते हैं।
अंजलि में
“जो होता इन ओस कणों को
अंजलि में भर घर ले आऊँ”
कवि ओस को अपनी अंजलि में भरना चाहता है। तुम नीचे दी गई चीजों में से किन चीज़ो को अपनी अंजलि में भर सकते हो? सही का चिन्ह लगाएँ-
उलट-फेर
“हरी घास पर बिखेर दी हैं
ये किसने मोती की लड़ियाँ?”
ऊपर की पंक्तियों को उलट-फेर कर इस तरह भी लिखा जा सकता है-
“हरी घास पर ये मोती की लड़ियाँ किसने बिखेर दी हैं?”
इसी तरह नीचे लिखी पंक्तियों में उलट-फेर कर तुम भी उसे अपने ढंग से लिखो।
क) “कौन रात में गूँथ गया है
ये उज्जवल हीरों की कड़ियाँ?”
ख) “नभ के नन्हें तारों में ये
कौन दमकते हैं यों दमदम?”
क) रात में कौन ये उज्जवल हीरों की कड़ियां गूंथ गया है।
ख) नभ के नन्हे तारों में ये कौन दमदम दमकते हैं।
शब्दों की पहेली
“ये उज्जवल हीरों की कड़ियाँ”
ऊपर की पंक्ति में उज्जवल शब्द में ‘ज’ वर्ण दो बार आया है परंतु यह आधा (ज्) है। तुम भी इसी तरह के कुछ और शब्द खोज़ो। ध्यान रहे, उस शब्द में कोई एक वर्ण (अक्षर) दो बार आया हो, मगर आधा-आधा। इस काम में तुम शब्दकोष की सहायता ले सकते हो। देखे, कौन सबसे अधिक शब्द खोज पाता है।
कच्चा
बच्चा
छज्जा
सज्जा
सज्जन
लज्जा
कुल्लहड
हुल्लड़
बच्चन
कौन ऐसा
नीचे लिखी चीज़ो जैसी कुछ और चीज़ो के नाम सोचकर लिखो-
क) जुगनू जैसे चमकीले .............................
ख) तारों जैसे झिलमिल ................................
ग) हीरों जैसे दमकते ............................
घ) फूलों जैसे सुंदर ..............................
क) जुगनू जैसे चमकीले - सितारे
ख) तारों जैसे झिलमिल - हीरे
ग) हीरों जैसे दमकते - ओस की बूंदे
घ) फूलों जैसे सुंदर - चेहरे
बूझो मतलब
“जी होता, इन ओस कणों को
अंजलि में भर घर ले आऊँ”
घर शब्द का प्रयोग हम कई तरह से कर सकते हैं। जैसे-
क) वह घर गया।
ख) यह बात मेरे मन में घर कर गई।
ग) यह तो घर-घर खेलें।
घ) आओ, घर-घर खेलें।
‘बस’ शब्द का प्रयोग कई तरह से किया जा सकता है। तुम बस शब्द का प्रयोग करते हुए अपने मन से कुछ वाक्य बनाओ।
(संकेत-बस, बस-बस, बस इतना सा)
क) बस, तुम दिनभर टीवी देखते रहो।
ख) अब बस करो, कल खेलने आता हूं।
ग) सुबह 5 बजे की बस निकल गई है।
रूप बदलकर
चमक-चमकना-चमकाना-चमकवाना
‘चमक’ शब्द के कुछ रूप ऊपर लिखे हैं। इसी प्रकार नीचे लिखे शब्दों का रूप बदलकर सही जगह पर भरो-
दमक, सरक, बिखर, बन
क) जऱा सा रगड़ते ही हीरे ने..............................शूरू कर दिया।
ख) तुम यह कमीज़ किस दर्जी से........................चाहते हो?
ग) साँप ने धीरे-धीरे......................... शुरू कर दिया।
घ) लकी को मूर्ख........................तो बहुत आसान है।
ङ) तुमने अब खिलौने ....................बंद कर दिए?
क) जऱा सा रगड़ते ही हीरे ने दमकना शुरू कर दिया।
ख) तुम यह कमीज़ किस दर्जी से बनवाना चाहते हो?
ग) साँप ने धीरे-धीरे सरकना शुरू कर दिया।
घ) लकी को मूर्ख बनाना तो बहुत आसान है।
ङ) तुमने अब खिलौने बिखेरना बंद कर दिए?