कहानी से
शहर की ओर जाते हुए वल्ली ने बस की खिड़की से बाहर क्या-क्या देखा?
“अब तो उसकी खिड़की से बाहर देखने की इच्छा भी खत्म हो गई थी।”
वल्ली ने शहर की ओर जाते हुए बस की खिड़की से झांककर नहर, ताड़ के वृक्ष,सुदूर पर्वत, नीला आकाश और दूसरी ओर एक गहरी खाई देखी। वल्ली की नजर जहां तक जा रही थी वहां तक हरियाली ही हरियाली थी। प्रकृति का इतना अद्भुत नजारा देखकर उसकी खुशी सातवें आसमान पर पहुंच चुकी थी।
कहानी से
वापसी में विल्ली ने खिड़की के बाहर देखना बंद क्यों कर दिया?
वापस लौटते वक्त वल्ली ने एक मरी हुई बछिया देखी जिससे उसका मन काफी दुखी हो गया था। वो बछिया सड़क पर किसी गाड़ी के नीचे आने से मर गई थी। इस वजह से पूरे रास्ते उसका ध्यान उसी घटना पर पड़ा रहा और उसने एक पल के लिए भी खिड़की से बाहर नहीं देखा। उसकी सड़क पर फैली हुई टांगें और पथराई हुई आँखें और खून से लथपथ शरीर से वल्ली का ध्यान नहीं हट रहा था। इसी कारण से वल्ली ने खिड़की से बाहर देखना बंद कर दिया था|
कहानी से
वल्ली ने बस के टिकट के लिए पैसों का प्रबंध कैसे किया?
वल्ली ने यात्रा के लिए खुद से पैसे इकट्ठा करना शुरू किया। इसके लिए वह छोटी-छोटी रेजगारियां इकट्ठी करने लगी। उसे मीठी गोलियों और गुब्बारों का काफी शौक था,लेकन अब वो इस तरह के खेल खिलौनों से भी दूरिया बनाने लगी थी। यात्रा के लिए पैसे इकट्ठे करने की ललक उसमें इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी कि उसने गोल घूमने वाले झूले पर भी बैठना सही नहीं समझा। आखिरकार वह पैसे इकट्ठे करने में कामयाब हो गई और एक दिन अपने जोड़े हुए पैसों से यात्रा करने निकल पड़ी।
क्या होता अगर
क) वल्ली की माँ जाग जाती और वल्ली को घर पर न पाती?
ख) वल्ली शहर देखने के लिए बस से उतर जाती और बस वापिस चली जाती?
क) अगर वल्ली की मां जाग जाती और वो वल्ली को घर में नहीं देख पाती तो काफी परेशान हो जाती। इसके बाद वह पूरे गांव में बिलखती हुई अपनी बेटी वल्ली को ढूंढने निकल पड़ती|
ख) यदि वल्ली शहर देखने के लिए बस से नीचे उतर जाती और बस उसे वहीं छोड़कर निकल जाती तो वो खो भी सकती थी। इस अवस्था में उसे घर की याद सताने लगती और वह अपनी मां को खूब याद करती। वहीं मां भी वल्ली को घर में न पाकर परेशान हो जाती।
छिप-छिपकर
“ऐसी छोटी बच्ची का अकेले सफ़र करना ठीक नहीं।”
क्या तुम इस बात से सहमत हो? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।
हां यह सही बात है कि इतनी छोटी बच्ची का अकेले सफर करना ठीक नहीं है। इस स्थिति में बच्ची के साथ कुछ भी अनहोनी घट सकती है। माता-पिता को बगैर सूचित किए घर से बाहर निकलना बच्ची के लिए किसी खतरे से खाली नहीं है। इसलिए जब तक बच्ची में बाहर की दुनिया को सही ढंग से परखने की समझ न हो तब तक उसे घर के किसी सदस्य के साथ ही घर से बाहर निकलना चाहिए।
छिप-छिपकर
“ऐसी छोटी बच्ची का अकेले सफ़र करना ठीक नहीं।”
वल्ली ने यह यात्रा घऱ के बड़ों से छिपकर की थी। तुम्हारे विचार से उसने ठीक किया या गलत? क्यों?
वल्ली ने घर के बड़ों को बिना बताए छिपकर सैर की थी। बाहर की दुनिया को देखना और समझना काफी जरूरी है, लेकिन इतनी सी उम्र में वल्ली को घर से अकेले बाहर नहीं जाना चाहिए था। घरवालों को बगैर सूचित किए घर से निकलकर उसने सही नहीं किया। यदि उसे बाहर जाना ही था तो पहले इसके लिए घरवालों से बातचीत कर उन्हें मनाना चाहिए था। इसके बाद उनके साथ खुशी-खुशी सैर कर सकती थी अथवा वह अगर अपने घर वालों को सूचित कर देती और फिर यात्रा पर जाती तो यह भी तर्कसंगत था|
छिप-छिपकर
“ऐसी छोटी बच्ची का अकेले सफ़र करना ठीक नहीं।”
क्या तुमने भी कभी कोई काम इसी तरह छिपकर किया है? उसके बारे में लिखो।
हां जब मैं कक्षा सात में पढ़ता था तो एक बार घरवालों को बिना बताए अकेले स्कूल से फिल्म देखने चला गया था। घर से थियेटर काफी दूर था। शाम को फिल्म देखने के बाद जब अंधेरा हुआ तो मैं दिशा भटक गया था। उस वक्त मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा था। मैंने लोगों से घर का रास्ता पूछने की काफी कोशिश की लेकिन किसी ने मेरी मदद नहीं की। देर रात तक मैं सड़कों पर आंख में आंसू लिए घूमता रहा। उधर घरवालों को मेरी चिंता सताए जा रही थी। आखिर में एक व्यक्ति ने मेरी सहायता की और मुझे सही सलामत घर तक पहुंचा दिया। घर पहुंचते ही मैं मां से लिपटकर खूब रोया और उन्हें कभी बिना बताए घर से न जाने का भरोसा दिलाया।
मना करना
“मैंने कह दिया न नहीं........।” उसने दृढ़ता से कहा।
वल्ली ने कंडक्टर से खाने-पीने का समान लेने ने साफ़ मना कर दिया।
ऐसी और कौन-कौन सी बातें हो सकती हैं जिनके लिए तुम्हें भी बड़ों को दृढ़ता से मना कर देना चाहिए।
जब कभी हम बाहर होते हैं तब कई बार अंजान लोग खिलौने या कुछ खाने की चीज देकर हमें रिझाने की कोशिश करते हैं। लेकिन हमें उनके इस प्रस्ताव का आदर के साथ मना कर देना चाहिए। आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं जब बच्चो को रिझाकर या बहला फुसला कर अंजान व्यक्ति उनका गलत फायदा उठा लेते हैं। इसके अलावा यदि बड़े आपको रुपयों का लालच देकर किसी गलत कार्य की मंशा रखते हों तो इसके लिए भी आपको सावधान रहना चाहिए। ऐसे किसी ऑफर को उन्हें सिरे से खारिज कर देना चाहिए।
मना करना
“मैंने कह दिया न नहीं........।” उसने दृढ़ता से कहा।
वल्ली ने कंडक्टर से खाने-पीने का समान लेने ने साफ़ मना कर दिया।
क्या तुमने भी कभी किसी को किसी चीज़/कार्य के लिए मना किया है? उसके बारे में बताओ
हां एक बार मेरे करीबी दोस्त के परिजन मुझे घर पर बिना बताए कहीं साथ जाने के लिए कह रहे थे। उनके साथ जाने का मेरे भी काफी मन था। लेकिन उस वक्त मेरी उम्र काफी कम थी और मुझे घर से बिना बताए जाना सही नहीं लगा। मैंने इस बारे में घरवालों से बात करने की बजाए अपनी इच्छाओं को दबाया और उनके साथ जाने से इनकार कर दिया। इस बारे में मैंने बाद में अपने परिजनों को भी बाताया तब मेरे माता-पिता ने मेरे निर्णय की प्रशंसा की और भविष्य मैं भी इस प्रकार किसी के साथ बिना बताये बाहर न जाने के बारे में चेताया|
घमंडी
वल्ली को या उसके किसी साथी को घमंडी शब्द का अर्थ ही मालूम नहीं था।
तुम्हारे विचार से घमंडी का क्या अर्थ होता है?
घमंडी किसी ऐसे व्यक्ति को कहा जा सकता है जो की भावनाओं की कद्र किए बिना अपने अहम में रहता हो। ऐसा व्यक्ति सिर्फ अपनी परवाह करता है। उसे दूसरे के सुख-दुख से कोई मतलब नहीं होता। ऐसा व्यक्ति अपनी गलतियों पर कभी झुकना पसंद नहीं करते। उन्हें अपना गलत किया भी हमेशा सही दिखता है।
घमंडी
वल्ली को या उसके किसी साथी को घमंडी शब्द का अर्थ ही मालूम नहीं था।
तुम किसी घमंडी को जानते हो? तुम्हें वह घमंडी क्यों लगता/लगती है?
हां मेरे स्कूल में मेरा एक सहपाठी काफी घमंडी है। आमतौर पर वह लोगों से सीधे मुंह बात नहीं करता। उसे दूसरों के व्यवहार में सिर्फ कमियां और अपने व्यवहार में सिर्फ खूबियां नजर आती हैं। वह मेहनती जरूर है, लेकिन दूसरों की मेहनत की कद्र करने वालों में से नहीं है। मुझे वह इसलिए भी घमंडी लगता है क्योंकि उसे महंगी चीजें ही पसंद आती है। वह सामान्य लोगों का सम्मान करने की बजाए अक्सर उनका मजाक उड़ाता है। उसे कई बार लोग से इस तरह व्यवहार न करने की सलाह दे चुके हैं, लेकिन वह कभी किसी की बात नहीं सुनता।
घमंडी
वल्ली को या उसके किसी साथी को घमंडी शब्द का अर्थ ही मालूम नहीं था।
वल्ली ‘घमंडी’ शब्द का अर्थ जानने के लिए क्या-क्या कर सकती थी? उसके लिए कुछ उपाय सुझाओ।
घमंडी शब्द का अर्थ समझने के लिए वल्ली निम्नलिखित उपाय अपना सकती थी-
1. वह इस शब्द के बारे में अपने माता-पिता या बड़े लोगों से पूछ सकती थी।
2. वह इस शब्द का अर्थ समझने के लिए अपने दोस्तों से चर्चा कर सकती थी।
3. घमंडी का अर्थ समझने के लिए वल्ली अपने शिक्षकों की मदद ले सकती थीं।
4. वह खुद से अपने दोस्तों के व्यवहार की तुलना कर सकती थीं।
बचत
वल्ली ने एक खास काम के लिए पैसें की बचत की। बहुत से लोग अलग-अलग कारणों से रुपय-पैसे की बचत करते हैं। बचत करने के तरीके भी अलग-अलग हैं।
किसी डाकघर या बैंक जाकर पता करो कि किन-किन तरीकों से बचत की जा सकती है?
हमने डाकघर और बैंक दोनों जगह जाकर पैसों की बचत करने के तरीकों के बारे में जानकारियां एकत्रित की। हमें पता चला कि सबसे पहले एक सेविंग अकाउंट खुलवाना पड़ता है। इसके बाद हम अपने खर्चों से बचे रुपयों को अपने अकाउंट में डलवा सकते हैं। कई तरह के खातों में पैसे जमा करने से हमें ब्याज भी मिलता है। इसकी खास बात यह होती है कि इसमें लोगों का पैसा पूरी तरह से सुरक्षित होता है।
बचत
वल्ली ने एक खास काम के लिए पैसें की बचत की। बहुत से लोग अलग-अलग कारणों से रुपय-पैसे की बचत करते हैं। बचत करने के तरीके भी अलग-अलग हैं।
घर पर ही बचत करने के कौन-कौन से तरीके हो सकते हैं?
घर पर बचत करने के कई निम्नलिखित तरीके हो सकते हैं।
1. आप किसी गुल्लक या अलमारी के सुरक्षित दराज में अपने पैसों को जोड़ सकते हैं|
2. आप अपनी जरूरतों को ध्यान में रखकर ही पैसा खर्च करें।
3. बाजार में चल रहे ऑफर्स ध्यान में रखकर खरीदारी करें।
4. अपनी बचत और खर्च का पूरा ब्यौरा तैयार करें।
बचत
वल्ली ने एक खास काम के लिए पैसें की बचत की। बहुत से लोग अलग-अलग कारणों से रुपय-पैसे की बचत करते हैं। बचत करने के तरीके भी अलग-अलग हैं।
तुम्हारे घर के बड़े लोग बचत किन तरीकों से करते हैं? पता करो।
घरे के बड़े लोग निम्नलिखित तरीकों से बचत करते हैं।
1. महीनेभर के खर्च का पूरा खाका तैयार करके।
2. बाजार में जरूरत के हिसाब से खरीदारी करके।
3. खर्च के हिसाब में से बचे पैसों को गुल्लक या किसी सुरक्षित स्थान रखकर।
4. ई-कॉमर्स वेबसाइट पर चीजों के दामों की तुलना कर खरीदारी करके।