वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व की कौन कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया?
वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं ने मुझे प्रभावित किया-
(1) वीर कुंवर सिंह में देशभक्ति और प्रेम की भावना कूट-कूटकर भरी थी।
(2) मातृभूमि को अंग्रेजों से आजाद कराने की प्रबल इच्छा थी।
(3) वीर कुंवर सिंह बहादुर, कुशल सैनिक, सेनापति और वीर योद्धा थे|
(4) वह साहसी होने अलावा छापामार युद्धकला में भी निपुण थे।
(5) वह निर्धनों की सहायता के लिए हमेशा आगे रहते थे।
कुंवर सिंह को बचपन में किन कामों में मजा आता था? क्या उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली?
बचपन में कुंवर सिंह को पढ़ने-लिखने से ज्यादा घुड़सवारी, तलवारबाजी और कुश्ती लड़ने में मजा आता था।
इन कामों से उन्हें स्वतंत्रता सेनानी बनने में काफी मदद मिली। ऐसा इसलिए क्योंकि एक कुशल स्वतंत्रता सेनानी बनने के लिए इन सभी गुणों में अभ्यस्त होना आवश्यक होता है|
सांप्रदायिक सद्भाव में कुंवर सिंह की गहरी आस्था थी- पाठ के आधार पर कथन की पुष्टि कीजिए।
कुंवर सिंह की सेना में इब्राहीम खां और किफायत हुसैन ऊंचे पदों पर नियुक्त थे। कुंवर सिंह खुद हिंदू थे लेकिन सेना में दोनों ऊंचे पद मुस्लिम समुदाय के लोगों को दिए थे। हिंदू और मुसलमान सभी त्योहार एक साथ मिल-जुलकर मनाते थे| जहां एक ओर कुंवर सिंह ने पाठशालाएं बनाई तो वहीं मकतब भी बनवाए। कुंवर सिंह के इस स्वभाव की वजह से कह सकते हैं कि उनकी सांप्रदायिक सद्भाव में गहरी आस्था थी।
पाठ के किन प्रसंगों से तुम्हें पता चलता है कि कुंवर सिंह उदार एवं स्वाभिमानी व्यक्ति थे?
निम्नलिखित प्रसंगों से हमें कुंवर सिंह के साहसी, उदार एवं स्वाभिमानी व्यक्ति होने का पता चलता है-
(1) अंग्रेजों से लड़ने से पहले ही उन्हें अच्छी तरह से पता था कि उनके पास बड़ी सेना और आधुनिक शस्त्र हैं। इसके बावजूद उन्होंने अंग्रेजों का डटकर सामना किया और हराया भी।
(2) कुंवर सिंह ने स्कूलों को जमीन दान दी। विद्यालय भवन और मकतब भी बनवाएं। वे निर्धन व्यक्तियों की सहायता किया करते थे।
(3) कुंवर सिंह जब तक जिंदा रहे, अपनी मातृभुमि को आजाद करवाने के लिए युद्ध करते रहे। उन्होंने अंग्रेजों की गुलामी स्वीकार नहीं की बल्कि स्वाभिमान से अपना जीवन बिताया।
आमतौर पर मेले का उपयोग मनोरंजन, खरीद-फरोख्त एवं मेल-जोल के लिए किया जाता है। वीर कुंवर सिंह ने मेले का उपयोग किस रूप में किया?
भारत में कई प्रकार के मेले लगते हैं जहाँ लोग आते हैं, भ्रमण करते हैं, सामान खरीदते हैं| सोनपुर के मेले को एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला कहा जाता है। इस मेले में लोग आकर पशु खरीदते एवं बेचते हैं| वीर कुंवर सिंह ने इस मेले का इस्तेमाल मातृभमि को आजाद कराने के लिए किया। इस मेले में वह गुप्त बैठक करते थे। क्रांति से जुड़ी योजनाएं बनाते थे और फिर आजादी के लिए उन योजनाओं का कार्यान्वन करते थे|
सन् 1857 के आंदोलन में भाग लेने वाले किन्हीं चार सेनानियों पर दो-दो वाक्य लिखिए।
(1) झांसी की रानी लक्ष्मीबाई: रानी लक्ष्मीबाई के बहादुरी के किस्से आज भी चर्चा में है।
रानी लक्ष्मीबाई के राज्य झांसी को डलहौजी अंग्रेजी साम्राज्य में मिलाना चाहता था। रानी ने मातृभूमि को आजाद कराने के लिए अंग्रेजों से युद्ध किया और वीरगति को प्राप्त हो गई थी।
(2) मंगल पांडे: मंगल पांडे ने भी देश को आजाद कराने की लड़ाई में अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था। मंगल पांडे बैरकपुर में अंग्रेजी सेना में सिपाही थे। गाय और सुअर की चर्बी से बने कारतूस को मुंह से न खोलने के लिए अंग्रेजों के खिलाफ बगावत की थी।
(3) तात्या टोपे: तात्या टोपे प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन के सिपाही थे। इन्होंने छापामार युद्ध के माध्यम से अंग्रेजों को काफी नुकसान पहुंचाया था।
(4) नाना साहब: नाना साहब स्वतंत्रता संग्राम के अग्रणी नेता थे। इनके नेतृत्व में कानपुर में सशस्त्र क्रांति हुई, जिसमें अनेकों अंग्रेज मारे गए थे।
सन् 1857 के क्रांतिकारियों से संबंधित गीत विभिन्न भाषाओं और बोलियों में गाए जाते हैं। ऐसे कुछ गीतों को संकलित कीजिए।
क्रांतिकारियों से संबंधित कुछ गीत:
(1) सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है।
देखना है जोर कितना, बाजुए कातिल में है।।
(2) मेरा रंग दे बसंती चोला, माए रंग दे बसंती चोला।
(3) कर चले हम फिदा जान-ओ तन साथियों,
अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों।।
शेष कुछ गीत छात्र स्वयं संकलित करें।
(4) दे दी हमे आजादी बिना खडग बिना ढाल
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल
(5) ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी कसम
तेरी राहों में जां तक लुटा जाएंगे
(6) यह देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का
इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना
वीर कुंवर सिंह का पढ़ने के साथ साथ कुश्ती और घुड़सवारी में ज्यादा मन लगता था। तुम्हें पढ़ने के अलावा और किन-किन गतिविधियों या कामों में खूब मजा आजा है। उसे लिखो।
पढ़ने के अलावा मुझे न्यूज चैनल देखना, सीरियल देखना, फिल्में देखना, फोन पर गेम खेलना, कभी-कभी कॉर्टून देखना और सेल्फी लेना भी अच्छा लगता है।
सन् 1857 में अगर तुम 12 वर्ष के होते तो क्या करते कल्पना करके लिखो।
सन् 1857 में यदि मैं बारह वर्ष का होता तो मैं निम्न कार्य करता:
(1) अपनी मातृभूमि को अंग्रेजों की गुलामी से आजादी दिलाने के बारे में सोचता।
(2) कुंवर सिंह, तात्यां टोपे, रानी लक्ष्मीबाई जैसे क्रांतिकारियों को अपना आदर्श मानता। कोशिश करता उनके जैसा बनूं ताकि देश को आजाद करा सकूँ।
(3) उनकी बैठकों में शामिल होकर उनके विचारों को ध्यान से सुनता और वे जो भी काम बताते, मैं करता।
(4) गांव-गांव जाकर लोगों को स्वाधीनता से जोड़ता।
(5) समाज को अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ जाग्रत करता और उन सभी को भी आजादी की लड़ाई में शामिल करता|
आपने भी कोई मेला देखा होगा। सोनपुर के मेले और इस मेले में आप क्या अंतर पाते हैं?
सोनपुर का मेला और मेरे द्वारा देखे गए मेले में अंतर-
सोनपुर का मेला
(1) सोनपुर का मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है।
(2) यहाँ हाथियों तथा अन्य पशुओं को बेचा और खरीदा जाता है।
(3) यह मेला कई दिनों तक चलता रहता है।
(4) मेले में अनेक किस्म के जानवर क्रय-विक्रय के लिए लोगों द्वार काये जाता हैं|
मेरे द्वारा देखा गया मेला
(1) मैंने नोएडा स्टेडियम में लगा मेला देखा है। यह मेला स्थानीय तौर पर लगता है।
(2) मेले में अनेक प्रकार की वस्तुएं कम दाम में भी मिल जाती हैं।
(3) यह मेला केवल करीब 15 दिन तक चलता है|
(4) इस मेले में तरह-तरह के खिलौने, झूले, खाने की चीजें, कपड़े भी मिल जाते हैं।
आप जानते हैं कि किसी शब्द को बहुवचन में प्रयोग करने पर उसकी वर्तनी में बदलाव आता है। जैसे- सेनानी एक व्यक्ति के लिए प्रयोग करते हैं और सेनानियों एक से अधिक के लिए। सेनानी शब्द की वर्तनी में बदलाव यह हुआ है कि अंत के वर्ण ‘नी’ की मात्र दीर्घ ‘ी’ (ई) से हस्व ‘ि’ (इ) हो गई है। ऐसे शब्दों को, जिनके अंत में दीर्घ ईकार होता है, बहुवचन बनाने पर वह इकार हो जाता है, यदि शब्द के अंत में हस्व इकार होता है, तो उसमें परिवर्तन नहीं होता जैसे-दृष्टि से दृष्टियों।
नीचे दिए गए शब्दों का वचन बदलिए-
नीति---------------- जिम्मेदारियों --------------
सलामी -------------- स्थिति---------------------
स्वाभिमानियों --------- गोली --------------------