रक्त के बहाव को रोकने के लिए क्या करना चाहिए?
अगर किसी को चोट लग गई और उस चोट से रक्त बह रहा है तो उस पर तुंरत पट्टी बांधनी चाहिए। ऐसा करने से रक्त पर दवाब पड़ेगा और खून का बहाव कम हो जाएगा। इसके बाद भी खून का बहना न रुके तो तुरंत चोटिल व्यक्ति को डॉक्टर को दिखाना चाहिए। ऐसा करने से उस व्यक्ति को कोई भी शारीरिक नुकसान होने से बचाया जा सकता है।
खून को भानुमती का पिटारा क्यों कहा जाता है?
रक्त लाल रंग का सामान्य द्रव है। लेकिन अगर इसे सूक्ष्मदर्शी से देखा जाए तो इसमें इसमें लाल रक्त कणिकाएं, श्वेत रक्त कणिकाएं, प्लेटलैटस, प्लाज्मा आदि पाए जाते हैं। इसी वजह से रक्त को भानुमती का पिटारा कहा जाता है।
एनीमिया से बचने के लिए हमें क्या-क्या खाना चाहिए?
जब शरीर में लाल रक्त कण बन नहीं पाते तो उसकी शरीर में कमी हो जाती है। लाल कणों की इसी कमी को एनीमिया कहते हैं। इससे बचने के लिए रोजाना ऐसा संतुलित और पौष्टिक भोजन करना चाहिए जिसमें हरी सब्जियां, दूध, अंडा और मांस शामिल हो। ऐसा करने से एनीमिया की परेशानी से छुटकारा मिल जाता है।
पेट में कीड़े क्यों हो जाते हैं? इनसे कैसे बचा जा सकता है?
दूषित पानी और दूषित भोजन का सेवन करने से हमारे पेट में कीड़े हो जाते हैं। इसके अलावा कुछ विशेष किस्म के कीड़ों के लार्वा त्वचा से होकर हमारे शरीर में प्रवेश कर आंतों में पनपने लगते हैं।
बचाव के उपाय-
(1) हमेशा इस बात का ख्याल रखें कि किसी भी चीज को खाने से पहले हाथों को धोना न भूले। हाथ धोने के लिए साबुन या फिर हैंडवॉश का इस्तेमाल करें।
(2) घर में खाना खा रहे हैं तो इस बात का ख्याल रखें कि खाना साफ-सफाई से बना हो। अगर खाना किसी रेस्टोरेंट से खा रहे हो तो उसी रेस्टोरेंट में जाएं जहां पर खाना साफ-सफाई से बनता हो।
(3) शौच के लिए शौचालय का ही इस्तेमाल करें।
(4) बिना चप्पल पहने कहीं भी न जाए। ऐसा करने से आप अपने आप को बीमारियों से बचा सकते हैं।
रक्त के सफेद कणों को ‘वीर सिपाही’ क्यों कहा गया है?
रक्त के सफेद कणों को वीर सिपाही कहा जाता है क्योंकि
(1) रोग उत्पन्न करने वाले रोगाणुओं को सफेद रक्त कण शरीर में नहीं आते देते हैं।
(2) सफेद रक्त कण रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं और रोगाणुओं से डटकर मुकाबला करते हैं।
(3) इनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है और इसी कारण ये हमें अनेक रोगों से बचाने का काम करते हैं|
ब्लड बैंक में रक्तदान से क्या लाभ है?
ब्लड बैंक में रक्तदान से कई फायदे होते हैं। जैसे-
(1) आपातकाल की स्थिति में कोई भी व्यक्ति ब्लड बैंक से रक्त ले सकता है।
(2) ब्लड बैंक में रक्तदान करने से आप कई लोगों की मदद कर सकते हैं।
(3) ब्लड बैंक से किसी भी वर्ग का रक्त आसानी से मिल जाता है। इससे आपको कोई भी रक्तदाता तलाशने की जरूरत नहीं पड़ती।
(4) कई बार ऐसा होता है कि किसी खास वर्ग के रक्त की जरूरत होती है लेकिन वह समय पर नहीं मिल पाता। ऐसा होने पर मरीज की जान खतरे में भी पड़ सकती है। ब्लड बैंक से आपको आसानी से उसी वर्ग का रक्त तुरंत मिल जाता है।
(5) ब्लड बैंक में जो भी रक्तदान करता है उसका पहले पूरा चेकअप होता है। इस वजह से ब्लड
बैंक से सुरक्षित और रोग मुक्त रक्त तुरंत मिल जाता है।
सांस लेने पर शुद्ध हवा से जो ऑक्सीजन प्राप्त होती है, उसे शरीर के हर हिस्से में कौन पहुँचाता है?
लाल कण।
रक्त में हीमोग्लोबिन के लिए किस खनिज की आवश्यकता पड़ती है-
लोहा।
बिंबाणु (प्लेटलैट कण) की कमी किस बीमारी में पाई जाती है-
डेंगू।
(क) चार महीने के होते-होते ये नष्ट हो जाते हैं-
• इस वाक्य को ध्यान से पढि़ए। इस वाक्य में ‘होते-होते’ के प्रयोग से यह बताया गया है कि चार महीने से पूर्व ही ये नष्ट हो जाते हैं। इस तरह के पाँच वाक्य बनाइए जिनमें इन शब्देां का प्रयोग हो- बनते-बनते, पहुँचते-पहुँचते, लेते-लेते, करते-करते
(ख) इन प्रयोगों को पढि़ए-
सड़क के किनारे-किनारे पेड़ लगे हैं।
आज दूर-दूर तक वर्षा होगी।
• इन वाक्यों में ‘होते-होते’ की तरह ‘किनारे-किनारे’ और ‘दूर-दूर’ शब्द दोहराए गए हैं। पर हर वाक्य में अर्थ भिन्न है। किनारे-किनारे का अर्थ है- किनारे से लगा हुआ और दूर-दूर का- बहुत दूर तक।
• आप भी निम्नलिखित शब्दों का प्रयोग करते हुए वाक्य बनाइए और उनके अर्थ लिखिए।
ठीक-ठीक, घड़ी-घड़ी, कहीं-कहीं, घर-घर ,क्या-क्या
(ख)
इस पाठ में दिए गए मुहावरों और कहावतों को पढ़िए और वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
भानुमती का पिटारा, दस्तक देना, धावा बोलना, घर करना, पीठ ठोकना
अपने परिवार के अट्ठारह वर्ष से पचास वर्ष तक की आयुवाले सभी स्वस्थ्य सदस्यों को रक्तदान के लिए प्रेरित कीजिए और समय आने पर स्वयं भी रक्तदान करने का संकल्प कीजिए।
अक्सर लोगों को ऐसा लगता है कि रक्त दान करने से उनके शरीर में रक्त की कमी आ जाएगी जिसे पूरा करने में काफी वक्त लगेगा। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। रक्त दान करने के करीब हफ्ते भर के अंदर ही आपके शरीर में उतना रक्त दोबारा बन जाएगा। रक्त दान करने से न केवल आप दूसरों की मदद करेंगे बल्कि ऐसा करके आप दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं। रक्तदान को सबसे बड़ा दान कहा गया है। इसलिए आप लोगों को रक्दान करने के लिए जागरूक करें। वहीं खुद भी इस नेक काम को कर सामाजिक कार्य में अपना योगदान दें।
शरीर-रचना का चित्र देखकर उसमें रक्त-संचार क्रिया को ठीक-ठीक समझिए।
रक्त एक गाढ़ा और चिपचिपा लाल रंग का द्रव है। यह प्लाज्मा और रक्त कणों से मिलकर बनता है। प्लाज्मा एक निर्जीव पदार्थ है जिसमें रक्त कण तैरते रहते हैं। प्लाज्मा की वजह से ये सारे कण शरीर में पहुंच पाते हैं। इसके साथ ही रक्त पोषक तत्वों को शरीर के अन्य अंगों तक पहुंचाने का काम करता है। पाचन क्रिया के बाद हानिकारक पदार्थों को उत्सर्जी अंगों तक पहुंचाने का काम भी यही करता है। इस पूरी प्रकिया को रक्त संचार प्रक्रिया कहते हैं।
नीचे दिए गए प्रश्नों के बारे में जानकारी एकत्र कीजिए-
(क) ब्लू बेबी क्या है?
(ख) रक्त के जमाव की क्रिया में बिंबाणु (प्लेटलैट) का कार्य क्या है?
(ग) रक्तदान के लिए कम से कम कितनी उम्र होनी चाहिए?
(घ) कितने समय बाद दोबारा रक्तदान किया जा सकता है?
(ड) क्या स्त्री का रक्त पुरूष को चढ़ाया जा सकता है?
क) ब्लू बेबी- ब्लू बेबी को ब्लू बेबी सिंड्रोम भी कहा जाता है। इसका प्रयोग नवजात शिशु की उस दशा के लिए किया जाता है जब उसके शरीर का रंग नीला पड़ जाता है। शिशु के शरीर का रंग नीला पड़ने का कारण यह है कि उसका हृदय असामान्य रूप से कार्य करता है और अशुद्ध रक्त को ऑक्सीजन उचित रूप में नहीं मिल पाती है। इसका निराकरण सर्वप्रथम 24 नवंबर 1944 में जान हॉप्किंस अस्पताल में आपरेशन द्वारा किया गया।
ख) रक्तवाहिनी नलियाँ जब चोट लगने पर फट जाती है उस फटे स्थान को भरने के लिए कोशिकाओं का एक अत्यंत महीन सा जाल बन जाता है और प्लेटलैट्स अर्थात् बिंबाणु इसी जाल पर चिपक जाते हैं। कुछ समय उपरांत रक्त का बहाव रुक जाता है। यही बिंबाणु अथवा प्लेटलैट का कार्य है|
ग) रक्तदान के लिए उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए।
घ) सामान्यतः 3 महीने बाद दोबारा रक्तदान किया जा सकता है।
ड) यदि स्त्री या पुरुष के रक्त का समूह एक समान है तो स्त्री का रक्त पुरुष को चढ़ाया जा
सकता है।
शरीर के किसी अंग में अचानक रक्त-संचार रुक जाने से क्या-क्या परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती है?
शरीर के किसी अंग में अचानक रक्त संचार रुक जाने से निम्न परिस्थितियां उत्पन्न हो सकती है-
(1) सिर जैसे अति संवेदनशील अंग में रक्त संचार रूक जाने पर भयानक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
(2) हाथ या पैर में अचानक रक्त-संचार रुकने पर
(क) उस स्थान पर काला धब्बा जैसा बन जाता है।
(ख) दर्द उत्पन्न हो सकता है।
(ग) थोड़े समय के लिए उस स्थान या अंग विशेष में संज्ञा शून्यता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।