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Kathputli

Class 7th Hindi वसंत भाग 2 CBSE Solution
Kavita Se
  1. कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?
  2. कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?…
  3. पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी।
  4. पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि - ‘ये धागे/क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? /इन्हें तोड़ दो; / मुझे…
Kavita Se Aage
  1. ‘बहुत दिन हुए / हमें अपने मन के छंद छुए।’ इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है? नीचे दिए…
  2. नीचे दो स्वतंत्रता आंदोलनों के वर्ष दिए गए हैं। इन दोनों आंदोलनों के दो-दो स्वतंत्रता…
Anuman Aur Kalpana
  1. स्वतंत्र होन की लड़ाई कठपुतलियों ने कैसे लड़ी होगी और स्वतंत्र होने के बाद उन्होंने…
Bhasha Ki Baat
  1. कई बार जब दो शब्द आपस में जुड़ते हैं तो उनके मूल रूप में परिवर्तन हो जाता है। कठपुतली शब्द…
  2. कविता की भाषा में लय या तालमेल बनाने के लिए प्रचलित शब्दों और वाक्यों में बदलाव होता है।…

Kavita Se
Question 1.

कठपुतली को गुस्सा क्यों आया?


Answer:

कठपुतली आगे-पीछे धागों से बंधी रहती है और अपने बंधनों को देखकर उसे गुस्सा आ जाता है। वह पराधीन रहकर जीवन बिता रही थी। उसे दूसरों के ईशारों पर नाचने से दुख होता था। वह स्वतंत्र होकर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी। इसी वजह से कठपुतली को गुस्सा आ जाता है।



Question 2.

कठपुतली को अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा है, लेकिन वह क्यों नहीं खड़ी होती?


Answer:

हर कोई स्वतंत्र रहना चाहता है। इसी तरह कठपुतली को भी अपने पाँवों पर खड़ी होने की इच्छा हुई, लेकिन वह इसलिए खड़ी नहीं हुई क्योकि उसके ऊपर सारी कठपतुलियों की स्वतंत्रता की जिम्मेदारी आती है। सिर्फ उसके खड़े होने से कोई बात नहीं बनने वाली है। इसलिए वह सोच समझकर कदम उठाना जरूरी समझती है।



Question 3.

पहली कठपुतली की बात दूसरी कठपुतलियों को क्यों अच्छी लगी।


Answer:

पहली कठपुतली की बात बाकी दूसरी कठपुतलियों को इसलिए अच्छी लगी क्योंकि अन्य कठपुतलियां भी इस बंधन से दुखी हो चुकी थीं और मुक्त होना चाहती थीं। वह भी दूसरों के इशारों पर नाँचकर थक चुकी थीं। स्वतंत्रता तो हर किसी को प्यारी होती है। जब पहली कठपुतली ने दुख से बाहर निकलने के लिए विद्रोह किया तो दूसरी कठपुतलियों को भी इससे साहस मिला।



Question 4.

पहली कठपुतली ने स्वयं कहा कि - ‘ये धागे/क्यों हैं मेरे पीछे-आगे? /इन्हें तोड़ दो; / मुझे मेरे पाँवों पर छोड़ दो।’ तो फिर वह चिंतित क्यों हुई कि- ‘ये कैसी इच्छा/मेरे मन में जगी?’ नीचे दिए वाक्यों की सहायता से अपने विचार व्यक्त कीजिए-

• उसे दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी महसूस होने लगी।

• उसे शीघ्र स्वतंत्र होने की चिंता होने लगी।

• वह स्वतंत्रता की इच्छा को साकार करने और स्वतंत्रता को हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगी।

• वह डर गई, क्योंकि उसकी उम्र कम थी।


Answer:

पहली कठपुतली इन बंधनों से आजाद होकर अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है, लेकिन जब उस पर दूसरी कठपुतलियों की जिम्मेदारी भी आती है तो उसे इस बात का डर सताने लगता है कि कहीं उसका उठाया कदम बाकी दूसरी कठपुतलियों को भी मुसीबत में न धकेल दे। वह स्वतंत्रता पाने और उसे हमेशा बनाए रखने के उपाय सोचने लगती है। वह यह सोचकर भयभीत हो जाती है कि अभी उसकी उम्र बहुत कम है और ऐसे में क्या वह सारी कठपुतलियों की जिम्मेदारी ले पाएगी।




Kavita Se Aage
Question 1.

‘बहुत दिन हुए / हमें अपने मन के छंद छुए।’ इस पंक्ति का अर्थ और क्या हो सकता है? नीचे दिए हुए वाक्यों की सहायता से सोचिए और अर्थ लिखिए-

(क) बहुत दिन हो गए, मन में उमंग नहीं आई।

(ख) बहुत दिन हो गए, मन के भीतर कविता-सी कोई बात नहीं उठी, जिसमें छंद हो, लय हो।

(ग) बहुत दिन हो गए, गाने-गुनगुनाने का मन नहीं हुआ।

(घ) बहुत दिन हो गए, मन का दुख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई।


Answer:

बहुत दिन हो गए, मन का दुःख दूर नहीं हुआ और न मन में खुशी आई|



Question 2.

नीचे दो स्वतंत्रता आंदोलनों के वर्ष दिए गए हैं। इन दोनों आंदोलनों के दो-दो स्वतंत्रता सैनानियों के नाम लिखिए-

(क) सन् 1857

(ख) सन् 1942


Answer:

(क) सन् 1857- मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई।

(ख) सन् 1942- सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल।




Anuman Aur Kalpana
Question 1.

स्वतंत्र होन की लड़ाई कठपुतलियों ने कैसे लड़ी होगी और स्वतंत्र होने के बाद उन्होंने स्वावलंबी होने के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए होंगे? यदि उन्हें फिर से धागे में बाँधकर नचाने के प्रयास हुए होंगे तब उन्होंने अपनी रक्षा किस तरह के उपायों से की होगी?


Answer:

स्वतंत्रता की बात पर धीरे-धीरे सभी कठपुतलियों ने आपस में विचार विमर्श किया होगा और एक साथ आवाज उठाने का निर्णय लिया होगा। उन सबने एक साथ अपनी लड़ाई लड़ी होगी और जीत हासिल की होगी। फिर से धागे में बाँधकर नचाने के प्रयास होने पर उन्होने अपनी आने वाली पीढ़ी को शिक्षा के प्रति जागरूक किया, जिससे वे शिक्षित होकर इस बंधन से मुक्त हो सकें और अपनी स्वतंत्रता की रक्षा खुद कर सकें। अपनी स्वतंत्रता की रक्षा के लिए उन्होंने जी-जान से प्रयास कर पढ़ाई पूरी की होगी ताकि उन्हें फिर से परतंत्रतापूर्ण जीवन न जीना पड़े|




Bhasha Ki Baat
Question 1.

कई बार जब दो शब्द आपस में जुड़ते हैं तो उनके मूल रूप में परिवर्तन हो जाता है। कठपुतली शब्द में भी इस प्रकार का सामान्य परिवर्तन हुआ है। जब काठ और पुतली दो शब्द एक साथ हुए कठपुतली शब्द बन गया और इससे बोलने में सरलता आ गई। इस प्रकार के कुछ शब्द बनाइए-

जैसे- काठ (कठ) से बना कठगुलाब, कठफोड़ा

हाथ-हथ सोना-सोन मिट्टी- मठ


Answer:


Question 2.

कविता की भाषा में लय या तालमेल बनाने के लिए प्रचलित शब्दों और वाक्यों में बदलाव होता है। जैसे- आगे-पीछे अधिक प्रचलित शब्दों की जोड़ी है, लेकिन कविता में ‘पीछे-आगे’ का प्रयोग हुआ है। यहाँ ‘आगे’ का ‘-----बोली ये धागे’ से ध्वनि का तालमेल है। इस प्रकार के शब्दों की जोडि़यों में आप भी परिवर्तन कीजिए- दुबला-पतला, इधर-उधर, ऊपर-नीचे, दाएं-बाएं, गोरा-काला, लाल-पीला आदि।


Answer: