लेखक को अपनी दादी माँ की याद के साथ-साथ बचपन की और किन-किन बातों की याद आ जाती हैं?
लेखक को दादी मां की याद आई। इसके अलावा उन्हें ये भी याद आया कि किस तरह क्वार के महीने में तालाब से बदबूदार पानी में नहाते थे| उसे ये भी याद आया कि दादी मां कैसे बार—बार ज्वर में उसका सिर और पेट छूकर देखतीं। दिन—रात चारपाई के पास बैठी रहतीं। कभी दालचीनी का लेप लगातीं तो कभी गीले कपड़े से बदन सहलातीं। दादी मां को गंवई—गांव की पचासों किस्म की दवाओं के नाम याद थे। दादी मां खूब साफ—सफाई रखती थीं। दादी मां के मन में सभी के लिए अथाह प्रेम था। वो हमेशा सबकी मदद को तैयार रहती थीं।
दादा की मृत्यु के बाद लेखक के घर की आर्थिक स्थित खराब क्यों हो गई थी?
दादा की मृत्यु के बाद दादी उदास रहने लगी थीं। उन्हें संसार एक धोखे की तरह मालूम होता। दादा के श्राद्ध में दादी मां के मना करने पर भी पिताजी ने अतुल संपत्ति खर्च कर दी। इसके अलावा जिस—जिस ने पैसे उधार लिए थे वो भी चुका नहीं पा रहे थे। इस कारण घर की आर्थिक हालत पूरी तरह से बिगड़ गई थी।
दादी माँ के स्वभाव का कौन-सा पक्ष आपको सबसे अच्छा लगता है और क्यों?
दादी मां में वैसे तो बहुत सारे गुण थे लेकिन उनके स्वभाव की एक बात बहुत अच्छी थी। दादी मां भले किसी को डांट लें लेकिन उनके मन में सबके लिए प्रेम रहता था। समय—समय पर वो जरूरतमंद लोगों को पैसे भी देती थीं। जब सामने वाला समय पर पैसे वापस नहीं कर पाता था तो वे उसे डांटती भी थी और उसके वापस न कर पाने की स्थिति में उस व्यक्ति का कर्जा भी माफ़ कर देती थीं| उसके पश्चात जब उस व्यक्ति को पैसों की पुनः आवश्यकता पड़ती तो वे उसे पुनः कर्जा दे दिया करती थीं|
आपने इस कहानी में महीनों के नाम पढ़े, जैसे-क्वार, आषाढ़, माघ। इन महीनों में मौसम कैसा रहता है, लिखिए।
क्वार- ये वो महीना होता जब बारिश का अंतिम महीना चल रहा होता है। इस समय गांव का कीचड़ सूखने लगता है। आसमान साफ हो जाता है। कभी—कभी बारिश होती है और गर्मी में कुछ कमी भी आ जाती है। तालाब जल से लबालव होते हैं|
आषाढ़- यह बारिश का पहला महीना होता है। इस समय गर्मी बहुत तेज पड़ रही होती है। लोगों को बारिश का इंतजार होता है। सावन की पहली बारिश के साथ ये महीना शुरू हो जाता है। इस पूरे महीने में झमाझम बारिश होती है और हर जगह हरियाली छा जाती है।
माघ- इस मौसम में कड़ाके की ठंड पड़ती है। इस महीने में पाला पड़ता है और पछुवा हवाएं चलती हैं। इस मौसम में लोग आग जलाकर हाथ सेकते हैं।
‘अपने-अपने मौसम की अपनी-अपनी बातें होती हैं’- लेखक के इस कथन के अनुसार यह बताइए कि किस मौसम में कौन-कौन सी चीजें विशेष रूप से मिलती हैं?
गर्मी— इस मौस में आम, केला, अंगूर, संतरा, तरबूज, अनार, ककड़ी, खीरा, खरबूज, तरबूज, गन्ने का रस, लौकी आदि ठंडी चीजें मिलती हैं।
सर्दी— इस मौसम में सेब, अमरूद, केला, चाय, कॉफी, गोभी, मटर आदि खाने—पीने का सामान बिकता है।
बारिश— इस मौसम में भी अमरूद, खीरा, ककड़ी, केला, नाशपती, लीची आदि फल मिलने लगते हैं।
इस कहानी में कई बार ऋण लेने की बात आपने पढ़ी। अनुमान लगाइए किन-किन परिवारिक परिस्थितियों में गांव के लोगों को ऋण लेना पड़ता होगा और यह उन्हें कहां से मिलता होगा? बड़ों से बातचीत कर इस विषय में लिखिए।
अक्सर गांव और शहरों में रहने वाले लोग किसी न किसी वजह से ऋण लेते हैं। ये ऋण वे घर बनवाने, जमीन खरीदने, दुकान खरीदने, गाय या भैंस खरीदने, शादी या अन्य त्योहारों को मनाते हुए पैसे की कमी होने पर लेते हैं।
उन्हें ये ऋण साहूकार, राजा, दोस्त, रिश्तेदार या बैंक से मिलता है| ऋण लेने के बाद उन्हें ये तय समय सीमा के अंदर चुकाना भी होता है। ना चुकाने पर ऋण का ब्याज बढ़ता जाता है। जिससे बाद में चुकाने पर ज्यादा पैसे देने पड़ते हैं।
घर पर होनेवाले उत्सवों/समारोहों में बच्चे क्या-क्या करते हैं? अपने और अपने मित्रों के अनुभवों के आधार पर लिखिए।
घर पर होने वाले समारोहों में बच्चों को सबसे ज्यादा इस बात की खुशी होती है उनके रिश्तेदार आएंगे। रिश्तेदारों के बच्चों के साथ उन्हें खेलने का मौका मिलेगा। बच्चे खाने—पीने में आगे रहते हैं। समारोह में बनने वाले पकवान वे बड़े चाव से खाते हैं। इसके अलावा बच्चे सजावट करवाने के काम में भी हाथ बंटाते हैं। साथ ही छोटे—छोटे कामों को करने में उन्हें बहुत आनंद आता है। पूरा दिन इधर से उधर भाग—भागकर काम करते हैं। वे सजावट, देखरेख, सामानों को इधर से उधर ले जाना आदि जैसे काम करते हैं|
नीचे दी गई पंक्तियों पर ध्यान दीजिए-
जरा-सी कठिनाई पड़ते
अनमना-सा हो जाता है।
सन-से सफ़ेद
• समानता का बोध कराने के लिए सा, सी, से का प्रयोग किया जाता है। ऐसे पाँच और शब्द लिखिए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए।
1. रमन, नैना के प्रेम में मजनू सा हो रखा है।
2. यहां बहुत अजीब सी बदबू आ रही है।
3. लकड़ी को काटकर कलमनुमा बना दिया।
4. उसका मुख सूरजमुखी सा खूबसूरत है।
5. उसके कमरे में गुलाब के फूल सी खुशबू आ रही थी।
कहानी मे ‘छू-छूकर ज्वर का अनुमान करतीं, पूछ-पूछकर घरवालों को परेशान कर देतीं’- जैसे वाक्य आए हैं। किसी क्रिया को जोर देकर कहने के लिए एक से अधिक बार एक ही शब्द का प्रयोग होता है। जैसे वहाँ जा-जाकर थक गया, उन्हें ढूँढ़-ढूँढ़कर देख लिया। इस प्रकार के पाँच वाक्य बनाइए।
पढ़ते—पढ़ते — राजेश पढ़ते—पढ़ते सो गया।
खाते—खाते — खाते—खाते अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई।
जोर—जोर से — अविरल बहुत जोर—जोर से हंसता है।
कह—कह कर— रामू के पापा उस से कह—कह कर थक गए लेकिन उसने काम नहीं किया।
खा—खाकर— उर्मिला खा—खाकर बहुत मोटी हो गई है।
बोलचाल में प्रयोग होने वाले शब्द और वाक्यांश ‘दादी माँ’ कहानी में हैं। इन शब्दों और वाक्यांशों से पता चलता है कि यह कहानी किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित है। ऐसे शब्दों और वाक्यांशों में क्षेत्रीय बोलचाल की खूबियाँ होती हैं। उदाहरण के लिए- निकसार, बरह्मा, उरिन, विउड़ा, छौंका इत्यादि शब्दों को देखा जा सकता है। इन शब्दों का उच्चारण अन्य क्षेत्रीय बोलियों में अलग ढंग से होता है, जैसे- चिउड़ा को चिड़वा, चूड़त्र, पोहा और इसी तरह छौंका को छौंक, तड़का भी कहा जाता है। निकसार, उरिन और बरह्मा शब्द क्रमशः निकास, उट्टण और ब्रह्मा शब्द का क्षेत्रीय रूप हैं। इस प्रकार के दस शब्दों को बोलचाल में उपयोग होने वाली भाषा। बोली से एकत्र कीजिए और कक्षा में लिखकर दिखाइए।
बोलचाल में उपयोग होने वाली भाषा/बोली से एकत्र दस शब्द—
मातृ पूजन
ठौर पाना
अजकसाना
जगनेटर
फारम
मइया
माई
अम्मा
अकल
छज्जा
कुंडी
लिहाफ
गुसलखाना
चौका