नमूने के अनुसार लिखो
नमूना- छोड़ घोंसला बाहर आया,
देखी डालें, देखे पात।
चुरुंगुन घोसला छोड़कर बाहर आया। उसने डालें और पत्ते देखे।
क) डाली से डाली पर पहुँचा,
देखी कलियाँ देखे फूल।
ख) खाने-गाने के सब साथी,
देख रहे हैं मेरी बाट।
ग) कच्चे-पक्के फल पहचाने,
खाए और गिराए काट।
घ) उस तरु से इस तरु पर आता,
जाता हूँ धरती की ओर।
क) चिङिया का छोटा बच्चा चुरूंगन घोंसले से बाहर निकलने के बाद एक डाली से दूसरी डाली पर जाने के बारे में अपनी माँ को बता रहा है। वह इस सफर के दौरान उन डालियों पर कलियों और फूलों के दर्शन करता है।
ख) यहां पर चुरूंगन अपने हम उम्र साथियों के उसकी राह देखने के बारे में बता रहा है।
ग) यहां चुरूंगन फलों को चखकर उसे कच्चा जानकर नीचे की ओर गिरा रहा है और पके फलों को खाने के बारे में बता रहा है|
घ) चिड़िया का बच्चा चुरूंगन उङ-उङकर एक पेङ से दूसरे पेङ की ओर जाता है। साथ ही वह अपनी इस यात्रा में धरती की ओर भी जाने के बारे में अपनी माँ को बता रहा है।
कविता से
क) चुरुंगुन अपने ‘उड़ने’ के बारे में बार-बार अपनी माँ से क्यों पूछता है?
ख) चुरुंगन को कौन-कौन सी चीजे अच्छी लगती हैं?
ग) चुरुंगुन अभी-अभी अपने घोंसले से निकला है। फिर भी वह पूरी दुनिया के बारे में जानना चाहता है। तुम किन चीज़ों के बारे में जानना चाहते हो?
क) कवि हरिवंश राय बच्चन द्वारा रचित प्रस्तुत कविता संवादात्मक शैली में है। चिड़िया के बच्चे को उड़ने का बारे में जानकारी नहीं है और इसीलिए वह इस बारे माँ अपनी माँ से पूंछ रहा है| चिङिया से उसका छोटा बच्चा उङना सीखने के क्रम में अपने प्रयासों में सफलता के बारे में आश्वस्त होने हेतु अपनी माँ से इस बारे में बार-बार पूछता है। वह अपनी माँ से जानना चाहता है कि वह कब उड़ने लायक होगा और कब उड़ना शुरू करेगा|
ख) चुरूंगन को पेङ के सारे अंग अच्छे लगते हैं। वह चाहे उसके द्वारा पहले-पहल देखी गयी पेङ की डाली या पत्ते हों या फिर उङने के क्रम में उसके द्वारा देखी गई पेङ की फुनगी हो या उनपर खिल आईं कलियां या फूल हों या फिर जङ का उपरी भाग ही क्यों ना हो उसे सब अच्छे लगते हैं। इसके अलावा उसे धरती-आसमान सब अच्छा लगता है। इसके अलावा उसे डालों-पत्तों पर घूमना, पत्तों का हिल-मिल कर बातें करते देखना भी अच्छा लगता है|
ग) चुरूंगन अभी-अभी अपने घोंसल से निकला है और सारी दुनिया के बारे में जानने की उसकी इच्छा है। मैं मनुष्य के रुप में एक विवेकशील प्राणी की भांति सारी दुनिया के देशों की संस्कृति, वहां के खान-पान, पहनावे, वहां के उत्सव, लोगों, समाज, धर्म, राजनीति इत्यादि के बारे में जानना चाहता हूँ।
क्रम से लगाओ
नीचे कुछ चीज़े के नाम लिखे हैं। चुरुंगुन ने पहले किसे देखा? क्रम से लगाओ।
फूल, पात, फुनगी, डाल, फल, कलियाँ, धरती, साथी, तरु, दाना, गगन
सही क्रम- डाल, पात, कलियाँ, फूल, फुनगी, फल, साथी, तरु, धरती, दाना, गगन
और चुरुंगन उड़ गया
उड़ने के बाद चुरुंगुन कहाँ-कहाँ गया होगा? उसने क्या-क्या देखा होगा? अपने शब्दों में लिखो।
अन्य चिङियों के बच्चे की भांति चुरूंगन ने भी उङने के बाद उत्साह वश काफी सैर-सपाटा किया होगा। ऐसा उसने दुनिया के बारे में अधिक से अधिक जानने के बारे में अपनी जिज्ञासावश ही किया होगा। हम अपनी बाल्यावस्था में अपनी चंचलता का स्मरण कर कह सकते हैं कि चुरूंगन को अपने परों से उङने के क्रम में अपने उपर कोई काबू नहीं रहा होगा और उसने लम्बी दूरी तय कर कई स्थानों की यात्रा की होगी|
बचन बदलो
बार-बार बोलो और प्रत्येक शब्द से वाक्य बनाओ
डाल - ढाल
बात - भात
फूल - मल
दाना - धान
फल - पल
डाल- पीपल की डाल पर सुंदर चिङिया बैठी है।
ढाल- महेश की मां परेशानी के समय में उसकी ढाल बन जाती है।
बात- अरे यार! यह कोई बङी बात नहीं है।
भात- रसोई में भात पक रहा है।
फूल- कितने सुगंधित फूल हैं!
मूल- वह हर बात के मूल में जाना चाहता है।
दाना- चिङिया दाना चुग रही है।
धान- धान की फसल से चावल प्राप्त होता है|
फल- पेङ से पके फल गिर रहे हैं।
पल- हर पल को भरपूर जीना ही जीवन है।