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Nadaan Dost

Class 6th Hindi वसंत भाग 1 CBSE Solution
Kahani Se
  1. अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस ही में…
  2. केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना-पनी मँगाकर कार्निस पर क्यों रखे थे?…
  3. केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी?
Kahani Se Aage
  1. केशव और श्यामा ने अंडों के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए? यदि उस जगह तुम होते तो क्या…
  2. माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों निकल आए? माँ के पूछने पर दोनों में से…
  3. प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?…
Anuman Aur Kalpana
  1. केशव और श्यामा चिड़िया के अंडों को लेकर बहुत उत्सुक थे। क्या तुम्हें भी किसी नयी चीज या…
  2. पाठ पढ़कर मालूम करो कि दोनों चिड़ियां वहाँ फिर क्यों नहीं दिखाई दीं? वे कहाँ गई होंगी? इस…
  3. इस पाठ में गरमी के दिनों की चर्चा है। अगर सर्दी या बरसात के दिन होते तो क्या-क्या होता?…
Bhasha Ki Baat
  1. श्यामा माँ से बोली, मैंने आपकी बातचीत सुन ली है। ऊपर दिए उदाहरण में मैने का प्रयोग…
  2. तगड़े बच्चे, मसालेदार सब्जी , बड़ा अंडायहाँ रेखांकित शब्द क्रमशः बच्चे, सब्जी और अंडे की…
  3. (क) केशव ने झुँझलाकर कहा ---------(ख) केशव रोनी सूरत बनाकर बोला -------(ग) केशव घबराकर उठा…
  4. नीचे प्रेमचंद की कहानी ‘सत्याग्रह’ का एक अंश दिया गया है। तुम इसे पढ़ोगे तो पाओगे कि…
Kuch Karne Ko
  1. गर्मियों या सर्दियों में जब तुम्हारी लंबी छुट्टियाँ होती हैं, तो तुम्हारा दिन कैसे बीतता…

Kahani Se
Question 1.

अंडों के बारे में केशव और श्यामा के मन में किस तरह के सवाल उठते थे? वे आपस ही में सवाल-जवाब करके अपने दिल को तसल्ली क्यों दे दिया करते थे?


Answer:

केशव और श्यामा ने असलियत में चिड़िया के अंडों को पहली बार देखा था। पहली बार किसी भी चीज को देखना और उसकी देखभाल करने का उत्साह बच्चों में बहुत होता है। ऐसा ही उत्साह श्यामा और केशव के मन में भी था। अंडों को इस तरह कार्निस पर रखा देखकर उनके मन में कई तरह के सवाल उठते। जैसे कि अंडों से बच्चे कब तक बाहर निकलेंगे? चिड़िया अपने बच्चों का पेट कैसे भरेगी? बच्चे किस रंग के होंगे? इस तरह के कई सवाल दोनों के मन में तैर रहे थे। हालांकि इन सवालों का जवाब देने के लिए कोई नहीं था। इसी वजह से वह आपस में बाचचीत करके एक दूसरे को तसल्ली दे दिया करते थे।



Question 2.

केशव ने श्यामा से चिथड़े, टोकरी और दाना-पनी मँगाकर कार्निस पर क्यों रखे थे?


Answer:

केशव और श्यामा को चिड़िया के बच्चों की बहुत फिक्र थी। अंडों को कुछ न हो इसका इंतजाम वह अपनी तरफ से कर रहे थे। टोकरी की सहायता से वह धूप को अंडों पर पड़ने से रोकना चाहते थे। कपड़ों के चिथड़ों से उन्होंने एक गद्दी बनाई थी जिसके ऊपर उन्होंने अंडों को रखा था। वहीं दाना-पानी का इंतजाम इसलिए किया था ताकि जब बच्चे अंडों से निकल आए तो चिड़िया को उनका पेट भरने के लिए इधर-उधर न जाना पड़े।



Question 3.

केशव और श्यामा ने चिड़िया के अंडों की रक्षा की या नादानी?


Answer:

केशव और श्यामा का मन पाक साफ था। वह भूलकर भी चिड़िया के अंडों को नुकसान पहुंचाना नहीं चाहते थे। इतना जरूर था कि उन्हें उनके बारे में कुछ भी पता नहीं था। उन्हें लगता था कि चिड़िया के अंडों को कोई तकलीफ न हो। वह दोनों इस बात से अंजान थे कि चिड़िया अपने बच्चों की सुरक्षा खुद करने में सक्षम है। वह उन्हें सभी परेशानियों से बचा सकती है। जब बच्चों ने चिड़िया के अंडों को ऐसे रखे हुए देखा तो उन्हें बुरा लगा। इसके बाद उन्होंने अंडों को उठाया और कपड़े की गद्दी पर रख दिया। केशव और श्यामा को यह बात नहीं पता थी कि अंडों को अगर कोई भी छू ले तो चिड़िया फिर उन्हें सेती नहीं है। इसी वजह से चिड़िया आखिर में अंडों को गिराकर चली गई।




Kahani Se Aage
Question 1.

केशव और श्यामा ने अंडों के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए? यदि उस जगह तुम होते तो क्या अनुमान लगाते और क्या करते?


Answer:

केशव और श्यामा ने अंडों को लेकर कई तरह के अनुमान लगाए। उन दोनों को लग रहा था कि अंडों से बच्चे कैसे निकलेंगे। अंडों से बच्चे के निकलते ही चिड़िया कैसे उन्हें खाना खिलाएगी। इस तरह के अनुमान केशव और श्यामा लगा रहे थे। अगर मैं उन दोनों की जगह होती तो अंडों को बिल्कुल नहीं छूती। केशव और श्यामा की तरह उनके घोंसले के आसपास कुछ भी ऐसा न करती जिससे चिड़िया को यह अहसास हो कि उसके घोंसले के आसपास कोई है। कार्निस के नीचे दाना डाल देती जिससे चिड़िया अगर खाने की तलाश में जाए तो वह उसे कुछ दूरी पर ही मिल जाए। दाने के पास ही पानी भी रख देती।



Question 2.

माँ के सोते ही केशव और श्यामा दोपहर में बाहर क्यों निकल आए? माँ के पूछने पर दोनों में से किसी ने किवाड़ खोलकर दोपहर में बाहर निकलने का कारण क्यों नहीं बताया?


Answer:

केशव और श्यामा को लगातार अंडों की सुरक्षा की चिंता परेशान कर रही थी। उन्हें डर था कि कहीं चिड़िया के अंडों को किसी तरह का कोई जानवर नुकसान न पहुंचा दे। मां ने जब पूछा कि दोपहर में किवाड़ खोलकर बाहर क्यों आए तो जवाब न देने की वजह डांट थी। मां के बार-बार पूछने पर भी दोनों इसलिए शांत थे कि क्योंकि दोनों को डर था कि सच्चाई बताने पर मां उनसे नाराज होगी और डांटेगी भी| इसी कारण से उन्होंने माँ के दोपहर में बाहर आने का कारण नहीं बताया|



Question 3.

प्रेमचंद ने इस कहानी का नाम ‘नादान दोस्त’ रखा। तुम इसे क्या शीर्षक देना चाहोगे?


Answer:

मैं इसे शीर्षक देना चाहूँगी- ‘अंजाने दोस्त’ या ‘चिड़िया के दो नादान दोस्त’ या फिर ‘चिड़िया और नादान दोस्त’।




Anuman Aur Kalpana
Question 1.

केशव और श्यामा चिड़िया के अंडों को लेकर बहुत उत्सुक थे। क्या तुम्हें भी किसी नयी चीज या बात को लेकर कौतूहल महसूस हुआ हैं? ऐसे किसी अनुभव का वर्णन करो और बताओ कि ऐसे में तुम्हारे मन में क्या-क्या सवाल उठे?


Answer:

जब भी मैं ऑफिस से घर आती हूं तो एक मकान पर मेरी नजर हमेशा रहती है। ऐसा इसलिए क्योंकि उस मकान में पग (कुत्ते की प्रजाति या फिर वोडाफोन वाला डॉगी) पला हुआ है। पग मुझे बेहद पसंद है। मेरा हमेशा मन करता है जब भी मैं वहां से गुजरूं तो मुझे उनकी एक झलक ही मिल जाए। आजकल तो उन दोनों पग से मेरी मुलाकात रोज हो जाती है। वह जाली वाले दरवाजे से बाहर झांकते रहते हैं। मुझे वह इतने मासूम लगते हैं कि बस मैं उन्हें देखकर खुश हो जाती हूं।



Question 2.

पाठ पढ़कर मालूम करो कि दोनों चिड़ियां वहाँ फिर क्यों नहीं दिखाई दीं? वे कहाँ गई होंगी? इस पर अपने दोस्तों के साथ मिलकर बातचीत करो।


Answer:

चिड़िया को वह स्थान अपने लिए सुरक्षित नहीं लगा होगा। उसे इस बात का अहसास होगा कि उनके आसपास कोई है जो उन पर नजर बनाए हुए है। इस वजह से वह अंडों को छोड़कर किसी सुरक्षित स्थान पर गई होगी और घोंसला बनाया होगा। समय आने पर दोवारा अंडे दिए होंगे।



Question 3.

इस पाठ में गरमी के दिनों की चर्चा है। अगर सर्दी या बरसात के दिन होते तो क्या-क्या होता? अनुमान करो और अपने साथियों को सुनाओ?


Answer:

केशव और श्यामा को हर मौसम में अंडों की चिंता होती। अगर सर्दी का मौसम होता तो उन्हें ठंड से बचाने की कोशिश करते। वह चिड़िया के अंडों को गरम कपड़ों पर रखते और पीने के लिए भी गरम पानी का इंतजाम करते। वहीं अगर बारिश का मौसम होता तो उन्हें अंडों के पानी में भीगने की चिंता होती। वह अंडों के ऊपर पन्नी से तिरपाल बनाने की कोशिश करते ताकि बारिश के पानी से अंडों को कोई भी नुकसान न हो। साथ ही बच्चे अण्डों को आंधी और तूफ़ान से बचाने की कोशिश भी करते|




Bhasha Ki Baat
Question 1.

श्यामा माँ से बोली, मैंने आपकी बातचीत सुन ली है। ऊपर दिए उदाहरण में मैने का प्रयोग ‘श्यामा’ के लिए और आपकी का प्रयोग ‘माँ’ के लिए हो रहा है। जब सर्वनाम का प्रयोग कहने वाले, सुनने वाले या किसी तीसरे के लिए हो, तो उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। नीचे दिए गए वाक्यों में तीनों प्रकार के पुरुषवाचक सर्वनामों के नीचे रेखा खींचोः

एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा के एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा, मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। क्या आप मुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?


Answer:

एक दिन दीपू और नीलू यमुना तट पर बैठे शाम की ठंडी हवा का आनंद ले रहे थे। तभी उन्होंने देखा के एक लंबा आदमी लड़खड़ाता हुआ उनकी ओर चला आ रहा है। पास आकर उसने बड़े दयनीय स्वर में कहा, मैं भूख से मरा जा रहा हूँ। क्या आपमुझे कुछ खाने को दे सकते हैं?



Question 2.

तगड़े बच्चे, मसालेदार सब्जी , बड़ा अंडा

यहाँ रेखांकित शब्द क्रमशः बच्चे, सब्जी और अंडे की विशेषता यानी गुण बता रहे हैं, इसलिए ऐसे विशेषणों को गुणवाचक विशेषण कहते हैं। इसमें व्यक्ति या वस्तु के अच्छे बुरे हर तरह के गुण आते हैं। तुम चार गुणवाचक विशेषण लिखो और उनसे वाक्य बनाओ।


Answer:




Question 3.

(क) केशव ने झुँझलाकर कहा ---------

(ख) केशव रोनी सूरत बनाकर बोला -------

(ग) केशव घबराकर उठा -------

(घ) केशव ने टोकरी को एक टहनी से टिकाकर कहा-------

(घ) श्यामा ने गिड़गिड़ाकर कहा-------------

ऊपर लिखे वाक्यों में रेखांकित शब्दों को ध्यान से देखो। ये शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण का काम कर रहे हैं, क्योंकि ये बताते हैं कि कहने, बोलने और उठने की क्रिया कैसे हुई। ‘कर’ वाले शब्दों के क्रियाविशेषण होने की एक पहचान यह भी है कि ये अक्सर क्रिया से ठीक पहले आते हैं। अब तुम इन पाँच क्रियाविशेषणों का वाक्यों में प्रयोग करो।


Answer:




Question 4.

नीचे प्रेमचंद की कहानी ‘सत्याग्रह’ का एक अंश दिया गया है। तुम इसे पढ़ोगे तो पाओगे कि विराम-चिह्नों के बिना यह अंश अधूरा-सा है। तुम आवश्यकता के अनुसार उचित जगहों पर विराम-चिह्न लगाओ:

उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया 11 बज चुके थे चारों तरप़फ़ सन्नाटा छा गया था पंडित जी ने बुलाया खोमचेवाले खोमचेवाला कहिए क्या दूँ भूख लग आई न अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है हमारा आपका नहीं मोटेराम अबे क्या कहता है यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं चाहें तो महीनों पड़े रहें और भूख न लगे तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि जरा अपनी कुप्पी मुझे दे देखूँ तो वहाँ क्या रेंग रहा है मुझे भय होता है


Answer:

उसी समय एक खोमचेवाला जाता दिखाई दिया। 11 बज चुके थे। चारों तरफ सन्नाटा छा गया था। पंडित जी ने बुलाया, खोमचेवाले! खोमचे वाला कहिए, क्या दूँ? भूख लग आई न। अन्न-जल छोड़ना साधुओं का काम है, हमारा-आपका नहीं। मोटेराम, “अबे क्या कहता है?” यहाँ क्या किसी साधु से कम हैं। चाहें तो महीनों पड़े रहें और भूख न लगे। तुझे तो केवल इसलिए बुलाया है कि जरा अपनी कुप्पी मुझे दे। देखूँ तो, वहाँ क्या रेंग रहा है। मुझे भय होता है।




Kuch Karne Ko
Question 1.

गर्मियों या सर्दियों में जब तुम्हारी लंबी छुट्टियाँ होती हैं, तो तुम्हारा दिन कैसे बीतता है? अपनी बुआ या किसी और को एक पोस्टकार्ड या अंतरदेशीय पत्र लिखकर बताओ।


Answer:

6/12 मणीनाथ


बरेली


19.04.2019


प्रणाम बुआ जी,


हम लोग यहां पर ठीक हैं। आशा करती हूं कि वहां पर भी सब कुशल मंगल होगा। बहुत दिन हो गए आप लोगों के हालचाल नहीं मिले इसलिए मैंने सोचा कि आपके हालचाल लिए जाएं। हम लोगों की गर्मियों की छुट्टिया शुरू हो गई हैं। पहले तो हम लोग सोच रहे थे कि बरेली आकर थोड़ा वक्त आप लोगों के साथ बिताए लेकिन पापा को कुछ जरूरी काम से बाहर जाना पड़ रहा है। इसलिए अभी तो मुलाकात होना संभव नहीं लग रहा। मैंने 9वीं कक्षा में टॉप किया है। छुट्टियों में ही मैंने 10वीं की पढ़ाई शुरू कर दी है। इस बार मेरा बोर्ड है तो अभी से चिंता हो रही है। अगले महीने दीदी की शादी है तब हम लोगों की मुलाकात होगी। अपको और फूफा जी को सादर प्रणाम और अंकुर-अभिषेक को ढेर सारा प्यार।


आपकी भतीजी


प्रेषककर्ता का नाम