‘किंतु कालगति चुपके-चुपके काली घटा घेर लाई।’
(क) इस पंक्ति में किस घटना की ओर संकेत है?
(ख) काली घटा घिरने की बात क्यों कही गई है?
(क) इस पंक्ति में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के पति गंगाधर राव की मृत्यु की घटना की ओर संकेत किया गया है।
(ख) रानी लक्ष्मीबाई के पति गंगाधर राव की मृत्यु के बाद झांसी की रानी के जीवन में अंधेरा छा गया था। इसी वजह से इस पंक्ति में काली घटा का इस्तेमाल किया गया है।
कविता की दूसरी पंक्ति में भारत को ‘बूढ़ा’ कहकर और उसमें ‘नयी जवानी’ आने की बात कहकर सुभद्रा कुमारी चौहान क्या बताना चाहती हैं?
इन शब्दों के प्रयोग द्वारा सुभद्रा कुमारी चौहान यह कहना चाहती हैं कि अंग्रेजों की गुलामी ने भारत को अंधकार में ढकेल दिया था और एक वृद्ध व्यक्ति के समान असहाय बना दिया था| लेकिन सन 1857 की क्रान्ति ने भारत में एक नया जोश भर दिया था। जिसके बल पर गुलामी की जंजीरें तोड़ने को लेकर लोगों के बीच एक नया जज्बा पैदा हो गया था।
झाँसी की रानी के जीवन की कहानी अपने शब्दों में लिखो और यह भी बताओ कि उनका बचपन तुम्हारे बचपन से कैसे अलग था?
रानी लक्ष्मीबाई की कहानी मेरे बचपन की तुलना से एकदम अलग थी। मेरा जन्म उस वक्त हुआ जब भारत को आजाद हुए कई बरस बीत गए थे इसलिए मैंने गुलाम भारत की सुबह नहीं बल्कि आजाद भारत को ही देखा। वहीं झांसी की रानी का जन्म उस वक्त हुआ जब भारत गुलामी की जंजीरों में बंधा हुआ था। रानी ने बचपन से ही तलवार बाजी, घुड़सवारी और युद्धों को देखा। कम उम्र में ही उनका विवाह गंगाधर राव से हो गया। उसके कुछ समय बाद गंगाधर राव की मृत्यु हो गई। गंगाधर राव की मृत्यु के बाद अंग्रेजों से झांसी को बचाने की जिम्मेदारी झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर आ गई। रानी आखिरी सांस तक अंग्रेजों से लड़ती रहीं और प्राणों का बलिदान दे दिया।
वीर महिला की इस कहानी में कौन-कौन से पुरुषों के नाम आए हैं? इतिहास की कुछ अन्य वीर स्त्रियों की कहानियाँ खोजो।
वीर महिला की इस कहानी में कई पुरुषों के नाम आए हैं- जैसे- वीर शिवाजी, नाना धुंधूपंत पेशवा, ताँतिया टोपे, चतुर अजीमुल्ला, अहमदशाह मौलवी, ठाकुर कुँवरसिंह। इतिहास की कुछ वीर स्त्रियाँ हैं- बेगम हजरत महल, ऐनी बेसेंट, सरोजनी नायडू, डॉ. लक्ष्मी सहगल।
(1) बेगम हजरत महल- बेगम हजरत महल का नाम भारत की वीरांगनाओं में शुमार है। इनकी बहादुरी का अंजादा इसी से लगाया जा सकता है कि इन्होंने मटियाबुर्ज में जंगे आजादी के दौरान नजरबंद किए गए वाजिद अली शाह को छुड़ाने के लिए लार्ड कैनिंग के सुरक्षा दस्ते में सेंध लगा दी थी। बेगम हजरत महल ने लखनऊ पर कब्जा किया और अपने बेटे को अवध का राजा बनाया।
(2) ऐनी बेसेंट- ऐनी बेसेंट भारत में आने के बाद महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ती रहीं। महिलाओं को वोट देने के लिए वह अंग्रेजी सरकार को खत लिखती रहीं। इन्होंने स्वराज के लिए चल रहे होम रूल आंदोलन में भी अहम भूमिका निभाई थी।
(3) सरोजनी नायडू- सरोजनी नायडू को लोग भारत कोकिला के नाम से भी जानते हैं। नायडू ने स्वतंत्रता कार्यकर्ता और कवि के तौर पर 1930 से 34 तक सविनय अवज्ञा आंदोलन में भाग लिया था।
(4) डॉ. लक्ष्मी सहगल- लक्ष्मी सहगल पेशे से डॉक्टर थीं लेकिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के अनुयायी के तौर पर इंडियन नेशनल आर्मी में शामिल हुई थीं।
कविता में किस दौर की बात है? कविता से उस समय के माहौल के बारे में क्या पता चलता है?
सुभद्रा कुमारी चौहान की इस कविता में सन 1857 के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के समय की बात है। इस कविता में बताया गया है कि कैसे झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अंग्रेजों से लोहा लिया था। उस दौर में अंग्रेज लोगों पर अत्याचार करते थे। अंग्रेजों ने राजाओं की मर्यादा को तार-तार करते थे। अंग्रेजों के इसी अत्याचार की वजह से लोगों में क्रांतिकारी ज्वाला जली और उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ आवाज उठाई।
सुभद्रा कुमारी चौहान लक्ष्मीबाई को ‘मर्दानी’ क्यों कहती हैं?
झांसी का रानी का गुणगान आज भी किया जाता है। जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था| लक्ष्मीबाई उन सभी कलाओं में निपुण थीं जो मर्दों स्वभाव में शामिल होता है। जैसे कि घुड़सवारी, युद्ध कौशल, तलवारबाजी, वीरता आदि। इन सभी गुणों से संपन्न झांसी की रानी लक्ष्मीबाई अकेली एक ऐसी वीरांगना थी जो इन सब गुणों से परिपूर्ण थीं। उन्होंने न केवल अंग्रेजों से लोहा लिया बल्कि स्वतंत्रता संग्राम को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका भी निभाई। यही कारण है कि सुभद्रा कुमारी चौहान लक्ष्मीबाई को ‘मर्दानी’ कहती हैं।
‘बरछी’, ‘कृपाण’, ‘कटारी’ उस जमाने के हथियार थे। आजकल के हथियारों के नाम पता करो।
आजकल के हथियार हैं- तोप, मिसाइलें, बंदकू, पिस्तौल, टैंक, एके 47, राइफल, बम, मिराज फाइटर प्लेन आदि|
लक्ष्मीबाई के समय में ज्यादा लड़कियाँ ‘वीरांगना’ नहीं हुईं क्योंकि लड़ना उनका काम नहीं माना जाता था। भारतीय सेनाओं में अब क्या स्थिति है? पता करो।
लक्ष्मीबाई के समय की तुलना में आजकल लड़कियाँ बड़ी संख्या में भारतीय सेना का हिस्सा है। महिलाओं में भारतीय सेना में शामिल होने की दिलचस्पी लगातार बढ़ रही है। स्थिति पहले से बहुत अच्छी है।
नीचे लिखे वाक्यांशों (वाक्य के हिस्सों) को पढ़ो:
का, के और की दो संज्ञाओं का संबंध बताते हैं। ऊपर दिए गए वाक्यांशों में अलग-अलग जगह इन तीनों का प्रयोग हुआ है। ध्यान से पढ़ो और कक्षा में बताओ कि का, के और की का प्रयोग कहाँ और क्यों हो रहा है?
का, के और की संबंधकारक के चिह्न हैं। इन्हें परसर्ग भी कहते हैं। इनका प्रयोग संबंधी संज्ञा के अनुसार होता है। स्त्रीलिंग संबंधी संज्ञा के पूर्व ‘की’, पुल्लिंग संबंधी संज्ञा के पूर्व ‘का’ और बहुवचन पुल्लिंग संबंधी संज्ञा के पूर्व ‘के’ का प्रयोग होता है।