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Aise-aise

Class 6th Hindi वसंत भाग 1 CBSE Solution
Aekanki Se
  1. ‘सड़क के किनारे एक सुंदर फ्रलैट में बैठक का दृश्य। उसका एक दरवाजा सड़क वाले बरामदे में…
  2. माँ मोहन के ‘ऐसे-ऐसे’ कहने पर क्यों घबरा रही थी?
  3. ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं? ऐसे कुछ…
Anuman Aur Kalpana
  1. स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में ‘ऐसे-ऐसे’ होने के बहाने गनाए। मान लो,…
  2. पाठ में आए वाक्य-‘लोचा-लोचा फिर है’ के बदले ‘ढीला-ढाला हो गया है’ या ‘बहुत कमजोर हो गया…
  3. मान लो कि तुम मोहन की तबीयत पूछने जाते हो? तुम अपने और मोहन के बीच की बातचीत को संवाद के…
  4. संकट के समय के लिए कौन-कौन से नंबर याद रखे जाने चाहिए? ऐसे वक्त में पुलिस, फ़ायर ब्रिगेड…
Aisa Hota To Kya Hota
  1. मास्टर- स्कूल का काम तो पूरा कर लिया है?(मोहन ‘हाँ’ में सिर हिलाता है।)मोहन- जी, सब काम…
Bhasha Ki Baat
  1. (क) मोहन ने केला और संतरा खाया।(ख) मोहन ने केला और संतरा नहीं खाया।(ग) मोहन ने क्या…

Aekanki Se
Question 1.

‘सड़क के किनारे एक सुंदर फ्रलैट में बैठक का दृश्य। उसका एक दरवाजा सड़क वाले बरामदे में खुलता है------ उस पर एक फ़ोन रखा है।’ इस बैठक की पूरी तसवीर बनाओ।


Answer:

विद्यार्थी दिए गए चित्र को बनाने का प्रयास करें।



Question 2.

माँ मोहन के ‘ऐसे-ऐसे’ कहने पर क्यों घबरा रही थी?


Answer:

मोहन के पेट में अचानक दर्द उठा और वो बस बार—बार यही कह रहा था कि ऐसे—ऐसे हो रहा है। जबकि उसने सुबह से कुछ खाया भी नहीं था। मोहन का चेहरा सफेद पड़ गया था। मां समझ नहीं पा रही थी कि उसके पेट में क्या हो गया है। मां को डर था कि कहीं कोई नई बीमारी तो नहीं हो गई है। अपने बच्चे की ऐसी हालत पहले कभी नहीं देखी थी इसलिए मां मोहन के ऐसे—ऐसे कहने से घबरा रही थी।



Question 3.

ऐसे कौन-कौन से बहाने होते हैं जिन्हें मास्टर जी एक ही बार में सुनकर समझ जाते हैं? ऐसे कुछ बहानों के बारे में लिखो।


Answer:

अक्सर बच्चे अपने मास्टरजी के सामने कई तरह के बहाने बनाते हैं। ऐसा वो तब करते हैं जब उन्होंने होमवर्क नहीं किया होता या उन्हें जल्दी छुट्टी चाहिए होती है। ऐसे कुछ बहाने निम्नलिखित हैं—

जैसे- पैर में चोट लगना, पेट दर्द, सिर दर्द या बुखार का बहाना, माँ की बीमारी, पिताजी के शहर से बाहर गए होने का बहाना, बस छूट जाने का बहाना आदि।




Anuman Aur Kalpana
Question 1.

स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने कई बार पेट में ‘ऐसे-ऐसे’ होने के बहाने गनाए। मान लो, एक बार एसे सचमुच पेट में दर्द हो गया और उसकी बातों पर लोगों ने विश्वास नहीं किया, तब मोहन पर क्या बीती होगी?


Answer:

स्कूल के काम से बचने के लिए मोहन ने पेट में ऐसे—ऐसे होने का बहाना किया। इससे उसके मां—बाप काफी डर गए थे। अगर कभी सच में ऐसा होता तो उसकी बातों पर मां—बाप यकीन ना करते। सबको लगता कि ये पहले की तहर ही करने से बचने के लिए ना बहाना कर रहा है। इस बार मोहन के पिता डॉक्टर को भी ना बुलाते, जिससे बीमारी का भी पता ना लग पाता। इससे मोहन की तबीयत ज्यादा खराब होने का डर रहता। मोहन को इस घटना से सबक लेने की जरूरत है जिससे आगे कभी ऐसी स्थिति पैदा ना हो।



Question 2.

पाठ में आए वाक्य-‘लोचा-लोचा फिर है’ के बदले ‘ढीला-ढाला हो गया है’ या ‘बहुत कमजोर हो गया है’ लिखा जा सकता है। लेकिन लेखक ने संवाद में विशेषता लाने के लिए बोलियों के रंग-ढंग का उपयोग किया है। इस पाठ में इस तरह की अन्य पंक्तियाँ भी हैं, जैसे-

- इत्ती नयी-नयी बीमारियाँ निकली हैं,

- राम मारी बीमारियों ने तंग कर दिया,

- तेरे पेट में तो बहुत बड़ी दाढ़ी है।

अनुमान लगाओ, इन पंक्तियों को दूसरे ढंग से कैसे लिखा जा सकता है?


Answer:

इन पंक्तियों को निम्न तरीकों से लिखा जा सकता है-

1. कितनी नई-नई बीमारियां निकली हैं।


2. इन तरह-तरह की बीमारियों ने तंग कर दिया है।


3. तुम तो बहाने बनाने में माहिर निकले।



Question 3.

मान लो कि तुम मोहन की तबीयत पूछने जाते हो? तुम अपने और मोहन के बीच की बातचीत को संवाद के रूप में लिखो।


Answer:

मैं- मोहन कैसे हो, सुना तुम्हारे पेट में दर्द है?

मोहन- हां सुबह से ऐसे-ऐसे हो रहा है।


मैं- ऐसे-ऐसे मतलब कैसे? ये तो मैं पहली बार सुन रहा हूं।


मोहन- बस ऐसे-ऐसे हो रहा है?


मैं- अच्छा, कल से तो स्कूल खुल रह हैं? तुम कैसे आओगे फिर?


मोहन- जब ऐसे-ऐसे होना बंद हो जाएगा, तब आऊँगा।


मैं- तुम्हारे बिना तो क्लास में रौनक ही नहीं रहेगी।


मोहन- क्या करूं, तबीयत ठीक होती तो जरूर आता।


मैं- ठीक है, दवा खाओ और जल्दी ठीक होने की कोशिश करो।


मोहन- हाँ, ठीक है।


मैं- अब मैं चलता हूँ। कल स्कूल जाते समय फिर एक बार आऊँगा। अगर पेट ठीक हो जाए तो तुम भी तैयार रहना।


मोहन- अच्छा भाई, ठीक है।



Question 4.

संकट के समय के लिए कौन-कौन से नंबर याद रखे जाने चाहिए? ऐसे वक्त में पुलिस, फ़ायर ब्रिगेड और डॉक्टर से तुम कैसे बात करोगे? कक्षा में करके बताओ।


Answer:

संकट के समय के लिए हमें पुलिस स्टेशन, फायर ब्रिगेड, महिला सुरक्षा और एंबुलेंस के नंबर याद रखने चाहिए।

पुलिस स्टेशन का नंबर— 100


फायर ब्रिगेड का नंबर— 101


महिला सुरक्षा— 1090


एंबुलेंस का नंबर— 102


अगर कहीं चोरी या मारपीट जैसी घटना होती है तो तुरंत पुलिस को बुलाना चाहिए। उनको घटना और जगह के बारे में जानकारी देनी चाहिए। साथ ही उनसे जल्द से जल्द आने का निवेदन करना चाहिए।


इसी प्रकार अगर कहीं आग लग जाए तो फ़ायर ब्रिगेड को बुलाना चाहिए। उन्हें आग लगने की जानकारी के अलावा पता देना चाहिए। साथ ही ये भी बताना चाहिए कि आग कितनी बड़ी है।


किसी के अचानक बीमार पड़ जाने पर शीघ्र इलाज के लिए एंबुलेंस बुलानी चाहिए। उन्हें मरीज की हालत के बारे में बताते हुए पता देना चाहिए। साथ ही जल्द से जल्द पहुंचने का निवेदन करना चाहिए।


अगर किसी महिला के साथ गलत व्यवहार या बदसलूकी हो रही हो तो महिला सुरक्षा को सूचित करना चाहिए। घटना के बारे में बताते हुए उस स्थान का पता जरूर बता देना चाहिए।




Aisa Hota To Kya Hota
Question 1.

मास्टर- स्कूल का काम तो पूरा कर लिया है?

(मोहन ‘हाँ’ में सिर हिलाता है।)

मोहन- जी, सब काम पूरा कर लिया है।

इस स्थिति में नाटक का अंत क्या होता? लिखो।


Answer:

अगर मोहन, मास्टर जी से ये कहता कि उसने स्कूल का सारा काम कर लिया है तो नाटक का अंत कुछ और ही होता। मास्टर जी समझ जाते कि मोहन नाटक नहीं कर रहा है। उसके पेट में सच में दर्द हो रहा है। साथ ही मास्टर जी उसे दो—चार दिन की छुट्टी दे देते जिससे वो पूरी तरह से ठीक होकर स्कूल आ सके। साथ ही उसके माता—पिता भी उसका खूब ख्याल रखते।




Bhasha Ki Baat
Question 1.

(क) मोहन ने केला और संतरा खाया।

(ख) मोहन ने केला और संतरा नहीं खाया।

(ग) मोहन ने क्या खाया?

(घ) मोहन केला और संतरा खाओ।

• उपर्युक्त वाक्यों में से पहला वाक्य एकांकी से लिया गया है। बाकी तीन वाक्य देखने में पहले वाक्य से मिलते-जुलते हैं, पर उनके अर्थ अलग-अलग हैं। पहला वाक्य किसी कार्य या बात के होने के बारे में बताता है। इसे विधिवाचक वाक्य कहते हैं। दूसरे वाक्य का संबंध उस कार्य के न होने से है, इसलिए उसे निषेधवाचक वाक्य कहते हैं (निषेध का अर्थ नहीं या मनाही होता है)। तीसरे वाक्य में इसी बात को प्रश्न के रूप में पूछा जा रहा है, ऐसे वाक्य प्रश्नवाचक वाक्य कहलाते हैं। चौथे वाक्य में मोहन से उसी कार्य को करने के लिए कहा जा रहा है। इसलिए उसे आदेशवाचक वाक्य कहते हैं। आगे एक वाक्य दिया गया है। इसके बाकी तीन रूप तुम सोचकर लिखो-

बताना (विधिवाचक वाक्य): रुद्र ने कपड़े अलमारी में रखे।


Answer:

(विधिवाचक वाक्य): रुद्र ने कपड़े अलमारी में रखे।

(निषेधात्मक वाक्य): रुद्र ने कपड़े अलमारी में नहीं रखे।


(प्रश्नवाचक वाक्य): क्या रुद्र ने कपड़े अलमारी में रखे?


(आदेशवाचक वाक्य): रुद्र कपड़े अलमारी में रखो।