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Premchand - Bade Bhi Sahab

Class 10th Hindi स्पर्श भाग 2 CBSE Solution
Maukhik
  1. कथा नायक की रूचि किन कार्यो में थी? निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में…
  2. बड़े भाई साहब छोटे भाई साहब से हर समय पहला सवाल क्या पूछते थे? निम्नलिखित प्रश्नों के…
  3. दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया? निम्नलिखित प्रश्नों के…
  4. बड़े भाई साहब छोटे भाई से उम्र में कितने बउ़े थे और वे कौन-सी कक्षा में पढ़ते थे?…
  5. बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे? निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो…
Likhit
  1. छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और फि़र उसका पालन क्यों नहीं…
  2. एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी क्या…
  3. बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं? निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर…
  4. बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे? निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों…
  5. छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फ़ायदा उठाया? निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर…
  6. बड़े भाई साहब की डाँट-फ़टकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? निम्नलिखित…
  7. इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यग्ंय किया है? क्या आप उनके विचार…
  8. बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है? निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों…
  9. छोटा भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई? निम्नलिखित प्रशनों के…
  10. बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए? निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में)…
  11. बड़े भाई साहब ने जि़दगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से किसे और क्यों महत्वपूर्ण कहा है?…
  12. बताइए पाठ के किन अंशों से पता चलता है कि- (क) छोटा भाई अपने भाई साहब का आदर करता है। (ख)…
  13. इम्तिहान पास कर लेना कोई चीज़ नहीं, असल चीज़ है बुद्धि का विकास। निम्नलिखित के आशय स्पष्ट…
  14. फिर भी जैसे मौत और विपत्ति के बीच भी आदमी मोह और माया के बंधन में जकड़ा रहता है, मैं फटकार…
  15. बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैस पायेदार बने? निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-…
  16. आँखे आसमान की ओर थीं और मन उस आकाशगामी पथिक की ओर, जो मंद गति से झूमता पतन की ओर चला आ रहा…
Bhasha Adhyayan
  1. निम्नलिखित शब्दों के-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए- नसीहत, रोष, आज़ादी, राजा, ताज्जुब…
  2. प्रेमचंद की भाषा बहुत पैनी और मुहावरेदार है। इसीलिए इनकी कहानियाँ रोचक और प्रभावपूर्ण होती…
  3. निम्नलिखित तत्सम, तद्भव, देशी, आगत शब्दों को दिए गए उदाहरणों के आधार पर छाँटकर लिखिए-…
  4. क्रियाएँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं-सकर्मक और अकर्मक। सकर्मक क्रिया- वाक्य में जिस…
  5. ‘इक’ प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए- विचार, इतिहास, संसार, दिन, नीति, प्रयोग, अधिकार…

Maukhik
Question 1.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

कथा नायक की रूचि किन कार्यो में थी?


Answer:

कथा नायक का मन अपनी किशोरावस्था की तरह ही चंचल था। उसे प्रकृति से प्रेम था। उसका मन पढ़ाई-लिखाई में न लग के खेलकूद में ज्यादा लगता था। उसे कंकरियां उछालने, कागज की तितलियां उड़ाने, कभी चार दिवारी पर चढ़कर ऊपर-नीचे कूदने, फाटक पर सवार होकर मोटरकार का मजा लेने साथ ही वॉलीबॉल और दोस्तों के साथ खेलना भी उसे काफी पसंद था।



Question 2.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

बड़े भाई साहब छोटे भाई साहब से हर समय पहला सवाल क्या पूछते थे?


Answer:

बड़े भाई साहब को लगता था कि छोटे भाई साहब पर उनका जन्मसिद्ध अधिकार है। जैसे ही लेखक घर में घुसता वो बस एक ही सवाल करते कहां थे?। इसके अलावा वे उनकी खूब डांट-फटकार भी लगाते। बड़े भाई साहब ऐसा इसलिए करते क्योंकि वे चाहते थे कि उनका भाई भी उन्हीं की तरह हक वक्त बस पढ़ता ही रहे और पढ़ लिखकर सफल हो जाए लेकिन वे इसके लिए अपने भाई पर जरुरत से अधिक दवाव बनाते थे|



Question 3.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

दूसरी बार पास होने पर छोटे भाई के व्यवहार में क्या परिवर्तन आया?


Answer:

दूसरी बार पास होने के बाद छोटे भाई में थोड़ा घमंड पनपने लगा। वे पहले से भी ज्यादा खेलने-कूदने लगे और बड़े भाई के प्रति उनका डर कम होने लगा। उनके अंदर स्वच्छंदता का समावेश हो गया था। उन्हें लगने लगा कि वे चाहे पढ़ें या ना पढ़ें, पास तो हो ही जाएंगे। तकदीर उनका साथ दे रही थी। इसलिए बड़े भाई साहब की सहनशीलता का वे गलत लाभ उठाने लगे। उन्हें लगने लगा कि बड़े भाई अब उन्हें डांटने का अधिकार खो चुके हैं। लेखक के रंग-ढंग और हाव-भाव से समझ आ रहा था कि बड़े भाई के लिए उनका पहले जैसा आदर भाव नहीं रहा।



Question 4.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

बड़े भाई साहब छोटे भाई से उम्र में कितने बउ़े थे और वे कौन-सी कक्षा में पढ़ते थे?


Answer:

बड़े भाई साहब, छोटे भाई साहब से उम्र में पांच साल बड़े थे और वे नौंवीं कक्षा में पढ़ते थे।



Question 5.

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-

बड़े भाई साहब दिमाग को आराम देने के लिए क्या करते थे?


Answer:

बड़े भाई साहब अपना ज्यादा समय पढ़ाई करने में ही गुजारते थे लेकिन जब उन्हें थोड़ा मनोरंजन करना होता था तो वे कॉपी पर या किताब के हाशियों पर चिड़ियों, कुत्तों, बिल्लियों की तस्वीर बनाने लगते थे। कभी-कभी एक ही नाम, शब्द या वाक्य दस-बीस बार लिख डालते। कभी एक शोर को बार-बार सुंदर अक्षरों में नकल करते तो कभी ऐसी शब्द-रचना करते जिसका ना कोई अर्थ होता ना कोई मतलब।




Likhit
Question 1.

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और फि़र उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?


Answer:

बड़े भाई से डांट सुनने के बाद छोटा भाई बस उसी बारे में सोचने लगा। उसने तुरंत कॉपी पेन निकाला और टाइम-टेबल बनाने बैठ गया। उसने सुबह छ: बजे से रात ग्यारह बजे तक विभिन्न विषयों को ध्यान में रखते हुए टाइम-टेबल बनाया। इसके बीच में उसने थोड़ा समय खेलकूद के लिए भी रखा था। उसने इसे बनाया तो बड़ी दृढ़-निश्चयता के साथ था लेकिन इस पर अमल करना उसे मुश्किल लगने लगा। बाहर मैदान की हरियाली, हवा के झौंके, लोगों की उछल-कूद, भाग-दौड़ उसे मैदान की ओर खींच ले जाती। उसका समय नियोजन धरा का धरा रह गया। वह चाहकर भी अपनी कसौटी पर खरा नहीं उतरा।



Question 2.

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटा भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई?


Answer:

एक दिन लेखक ने भोर का सारा समय गुल्ली डंडा खेलने में ही निकाल दिया। जब वह सीधे खाने के वक्त घर पहुंचा तो बड़े भाई रौद्र रूप धारण किए हुए थे। उन्हें देखते ही लेखक के पांव तले जमीन खिसक गई। बड़े भाई साहब ने जमकर उसकी डांट लगाई और खूब खरी-खोटी सुनाई। उन्होंने लेखक को इतिहास के अनेक दृष्टांत देकर बताया कि घमंड करने वालों का अंत कैसे होता है और कहा कि अंधे के हाथ बटेर सदा ही नहीं लगती। अभिमान का अंत विनाश ही होता है। ये सब सुनकर लेखक को दांतों पसीना आ गया और अपना अपराध स्वीकार कर उसने कमर कस ली और पूरी तरह पढ़ाई में जुट गया।



Question 3.

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?


Answer:

बड़े भाई साहब, लेखक से पांच वर्ष बड़े थे। भारतीय परंपरा के अनुसार, बड़ा भाई पिता समान होता है| इसलिए परिवार के प्रति कर्तव्य का पालन करना उसका नैतिक उत्तरदायित्व होता है। उसे खुद को आदर्श रूप में प्रस्तुत करना होता है जिससे कि छोटे भाई-बहन भी उसी राह पर चलें। उसका कर्तव्य होता है कि अपने से छोटों को अनुशासन में रखे। इसी वजह से वे स्वयं अनुशासन में रहते थे। वे छोटे भाई को सही राह दिखाने के लिए उसके समक्ष अपना आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करना चाहते थे और इसी जद्दो जहद में उनका वचपन समाप्त हो जाता है|



Question 4.

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे?


Answer:

बड़े भाई साहब छोटे भाई साहब को हमेशा मेहनत करने की सलाह देते थे। उनका मानना था कि गुल्ली-डंडा, क्रिकेट, फुटबॉल और भाग-दौड़ करने में समय बरबाद होता है। इस वजह से उन्हें लगता था कि छोटा भाई फेल हो जाएगा। लेकिन छोटे भाई साहब हमेशा पास हो जाते और हर बार उनके पंख निकल आते। इसलिए बड़े भाई साहब हमेशा उन्हें अभिमान ना करने को कहते थे। बड़े भाई साहब के अनुसार पढ़ लिखकर ही बड़ा आदमी बना जा सकता है और बिना मेहनत के किसी को सफलता नहीं मिलती। इसलिए वो हमेशा अपने बनाए नियम कायदे छोटे भाई साहब पर भी लागू करना चाहते थे।



Question 5.

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-

छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फ़ायदा उठाया?


Answer:

बड़े भाई का अपने छोटे भाई के प्रति नरम व्यवहार देखकर छोटे भाई ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया और फिर वह अपने बड़े भाई की बातों पर कम ध्यान देने लगा, उसका अपने बड़े भाई के प्रति सम्मान भी कम हो गया| बड़े भाई का डर न रहने के पश्चात उसका अधिक से अधिक वक्त खेल-कूद, पतंग उड़ाने में जाने लगा| अब वह अपनी मर्जी से फैसले लेने लगा और पढ़ाई पर ध्यान कम हो गया|



Question 6.

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

बड़े भाई साहब की डाँट-फ़टकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता?


Answer:

बड़े भाई साहब ने अगर डांट-फटकार नहीं लगाई होती तो शायद ही छोटे भाई साहब कक्षा में अव्वल आ पाते। ये बात तो सच है कि बड़े भाई साहब की डांट ने छोटे भाई साहब के पास होने में अहम भूमिका निभाई है। लेखक को पढ़ने का कतई शौक नहीं था लेकिन बड़े भाई के बार-बार टोके जाने पर वह कुछ देर के लिए ही सही पर पढ़ने बैठ जाते थे। लेखक के कक्षा में अव्वल आने में बड़े भाई की डांट-फटकार और उनके द्वारा लागू अनुशासन का बहुत अधिक महत्त्व था और इसी कारण लेखक कक्षा में अव्वल आने में सफल हुआ| अगर बड़ा भाई छोटे भाई को डांटता नहीं, पढ़ाई का महत्त्व नहीं समझाता तो शायद छोटा भाई कक्षा में अव्वल न आ पाता|



Question 7.

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यग्ंय किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?


Answer:

बड़े भाई साहब पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा प्रणाली पर व्यंग्य कसा है। लेखक ने शिक्षा व्यवस्था में इतिहास की घटनाओं, जॉमेट्री के नियम व विधियों, जरा सी बात पर कई पृष्ठों के निबंध लिख डालना, छात्रों को रटने पर जोर देना आदि को गलत बताया है। लेखक के अनुसार, शिक्षा में ज्ञान वृद्धि पर जोर देना चाहिए ना कि आंकड़ों और विवरणों के प्रस्तुतिकरण पर। साथ ही शिक्षा प्रणाली में जीवन के अनुभव से जुड़ी भविष्य में काम आने वाली व्यावहारिक शिक्षा की भी जानकारी देनी चाहिए। मेरे विचार से प्रत्येक विषय पर विस्तृत जानकारी आवश्यक है और इसके जांचने के लिए परीक्षा भी जरूरी है। लेकिन इसके साथ ही छात्रों को दुनियादारी की समझ देना भी जरूरी है।



Question 8.

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?


Answer:

बड़े भाई साहब के अनुसार, जीवन की समझ मात्र पुस्तकें पढ़ने से ही नहीं आती। इसके लिए दुनियादारी सीखना भी जरूरी है अर्थात् ये संसार में जीवन जीने से आती है। पुस्तकीय ज्ञान तभी सफल माना जाता है जब उसका व्यवहारिक जीवन में प्रयोग किया जाए। बड़े भाई साहब ने छोटे भाई साहब को मां और अपने दादा का उदाहरण देते हुए भी समझाया कि कैसे पुस्तकीय अभाव में लोग अपने व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव के आधार पर जीवन की हर परीक्षा में सफल होते रहे हैं। उनका कहना था कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ व्यक्ति का अनुभव भी बढ़ता रहता है।



Question 9.

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

छोटा भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?


Answer:

छोटे भाई के मन मे बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा इसलिए उत्पन्न हुई क्योंकि उनके मन में अपने छोटे भाई की सफलता को देखकर भी उसके प्रति न ईर्ष्या थी न द्वेष। वे अपने बड़े भाई होने के धर्म का पालन कर रहे थे। वे अपने अनेक आकांक्षाओं का बलपूर्वक दमन कर रहे थे ताकि वे अपने भाई को गुमराह होने से रोक सकें। बड़े भाई के ऐसे विचारों का लेखक के हृदय पर अनुकूल प्रभाव पड़ा। उसे अपनी मर्यादाओं और सीमाओं का ज्ञान हो गया कि बड़े भाई साहब केवल अधिकार जताने के लिए नहीं डांटते अपितु वे वास्तव में उसका भला चाहते हैं। इसलिए उसके मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हो गई।



Question 10.

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?


Answer:

(क) अध्ययनशील व गंभीर- बड़े भाई साहब अत्यंत गंभीर प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। वे अपना आधे से ज्यादा समय पढ़ाई को देते थे। वे स्वभाव से अध्ययनशील थे। उनमें रटने की प्रवृत्ति थी। वे अपने छोटे भाई के सामने उदाहरण प्रस्तुत करना चाहते थे। उनका गंभीर स्वभाव ही उन्हें विशिष्ट बनाता है।


(ख) घोर परिश्रम- बड़े भाई साहब दिन भर पढ़ने के बाद भले ही परीक्षा में फेल हो जाते हो लेकिन परिश्रम करने में कोई कसर नहीं छोड़ते थे। वे कक्षा में तीन बार फेल हुए, बावजूद इसके भी वो लगातार पढ़ते रहे।


(ग) वाक्पुटता- बड़े भाई साहब वाक् कला में निपुण थे। वे अपने छोटे भाई को हमेशा किसी ना किसी का उदाहरण देकर बात करते थे और वो हमेशा बड़े भाई के सामने नतमस्तक हो जाते। उन्हें शब्दों को बहुत ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत करना आता था। यही कारण था कि वे लेखक पर दबदबा बनाए रकते थे।


(घ) संयमी व कर्तव्यपरायण- बड़े भाई साहब अत्यंत संयमी समवभाव के थे। उनका मन भी पतंग उड़ाने और खेलने-कूदने का करता लेकिन वे सोचते थे कि अगर वो ये सब करेंगे तो अपने छोटे भाई को कैसे संभालेंगे। उन्हें लगता था कि उनके तनिक भर भी मस्ती करने से छोटा भाई देखा देखी बिगड़ सकता है।



Question 11.

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

बड़े भाई साहब ने जि़दगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से किसे और क्यों महत्वपूर्ण कहा है?


Answer:

बड़े भाई साहब ने जिंदगी के अनुभव को किताबी ज्ञान से अधिक महत्वपूर्ण माना है। उनके अनुसार, व्यक्ति जिंदगी के अनुभवों से शिक्षा लेकर ही लोगों के साथ सही व्यवहार करना सीखता है। पाठ के अंत में उन्होंने अपने मां और दादा का उदाहरण देकर बताया है कि किस तरह बिना पढ़े लिखे वो जिंदगी की हर परीक्षा में आसानी से सफल हो जाते हैं। ये सब सिर्फ उन्हें जीवन के अनुभवों से मिला है। कोई भी किताब हमें वो नहीं सिखा सकती जो जिंदगी सिखा जाती है।



Question 12.

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-

बताइए पाठ के किन अंशों से पता चलता है कि-

(क) छोटा भाई अपने भाई साहब का आदर करता है।

(ख) भाई साहब को जि़दगी का अच्छा अनुभव है।

(ग) भाई साहब के भीतर भी एक बच्चा है।

(घ) भाई साहब छोटे का भला चाहते हैं।


Answer:

(क) बड़े भाई साहब की डांट के बाद जब छोटा भाई कक्षा में दूसरी बार भी अव्वल आता है तो वह कहते है, फिर भी मैं भाई साहब का अदब करता था और उनकी नजर बचाकर कमकौए उड़ाता था। मांझा देना, कन्ने बांधना, पतंग टूर्नामेंट की तैयारियां आदि समस्याएं सब गुप्त से हल की जाती।

(ख) बड़े भाई साहब छोटे भाई साहब से उम्र में पांच साल बढ़े थे। वे कहते, मैं तुमसे पांच साल बड़ा हूं और हमेशा रहूंगा। मुझे दुनिया का और जिंदगी का जो तजुर्बा है, तुम उसकी बराबरी नहीं कर सकते। चाहे तुम एम-ए और डी-फिल या डी-लिट ही क्यों ना हो जाओ। समझ किताबें पढ़ने से नहीं बल्कि दुनिया देखने से आती है।


(ग) छोटे भाई साहब जब कनकौए के पीछे भाग रहे होते हैं तो सहसा बड़े भाई साहब उनके सामने आ खड़े होते हैं। उनके ऊपर से एक कटा हुआ कनकौआ गुजरा। उसकी डोर लटक रही थी। लड़कों का एक गोला पीछे-पीछे दौड़ा चला आता था। भाई साहब ने लंबी छलांग लगाकर उसकी डोर पकड़ ली और बेतहाशा होस्टल की तरफ दौड़ें।


(घ) बड़े भाई साहब हमेशा छोटे भाई साहब को समझाते थे कि अभिमान से किसी का भला नहीं हुआ है। छोटे भाई के दूसरी बार पास हो जाने के बाद बड़े भाई ने उनसे कहा, दिल से यह गुरूर निकाल दो कि तुम मेरे समीप आ गए हो और स्वतंत्र हो। तुम यों ना मानोगे (थप्पड़ दिखाकर) इसका प्रयोग भी कर सकता हूं। मैं जानता हूँ, तुम्हें मेरी बातें जहर लग रही हैं। इसके बाद लेखक अपने भाई की इस युक्ति से नत-मस्तक हो गया।



Question 13.

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

इम्तिहान पास कर लेना कोई चीज़ नहीं, असल चीज़ है बुद्धि का विकास।


Answer:

इस पंक्ति के माध्यम से लेखक आज की शिक्षा पर व्यंग्य करते हुए कहते हैं कि किताबें पढ़कर तो हर कोई परीक्षा पास कर ले लेकिन पुस्तक मात्र/सीमित ज्ञान प्राप्त कर लेना ही काफी नहीं है। बुद्धि का विकास सिर्फ किताबी ज्ञान तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके लिए जिंदगी के तजुर्बे भी बहुत जरूरी हैं। इसके लिए किसी विषय को गहराई से जानना होता है। शिक्षा उसी कर्तव्य भावना का विकास करती है।



Question 14.

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

फिर भी जैसे मौत और विपत्ति के बीच भी आदमी मोह और माया के बंधन में जकड़ा रहता है, मैं फटकार और घुड़कियाँ खाकर भी खेल-कूद का तिरस्कार न कर सकता था।


Answer:

जीवन के मुश्किल समय में भी मनुष्य मोह-माया से अलग नहीं रह सकता। उसी प्रकार, लेखक को खेल कूद के सामने बड़े भाई साहब की डांट, नसीहत कुछ असर ना करती। लेखक को खूब डांट-फटकार पड़ती लेकिन इसे बावजूद भी वह खेलना ना छोड़ता। मैदान की सुखद हरियाली, वॉलीबॉल की तेजी और फुरती, फुटबॉल की उछलकूद देख छोटे भाई साहब खुद को खेलने से रोक ना पाते। समय-समय पर भाई साहब के डर से टाइम टेबल तो बन जाता लेकिन उस पर अमल ना हो पाता।



Question 15.

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

बुनियाद ही पुख्ता न हो, तो मकान कैस पायेदार बने?


Answer:

इस कथन के माध्यम से छोटे भाई साहब अर्थात् लेखक ने बड़े भाई साहब पर व्यंग्य किया है। जिस तरह किसी भी भवन की मजबूती उसकी बुनियाद या नींव पर टिकी होती है। ठीक उसी तरह बड़े भाई साहब का मानना था कि जो बचपन में जितनी मेहनत से पढ़ता है उसका भविष्य उतना ही अच्छा होता है क्योंकि उनके हिसाब से बचपन की पढ़ाई से ही बुद्धि का सही विकास होता है अन्यथा जिंदगीभर पछताना पड़ सकता है।



Question 16.

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-

आँखे आसमान की ओर थीं और मन उस आकाशगामी पथिक की ओर, जो मंद गति से झूमता पतन की ओर चला आ रहा था, मानो कोई आत्मा स्वर्ग से निकलर विरक्त मन से नए संस्कार ग्रहण करने जा रही हो।


Answer:

ये पंक्तियां उस समय को दर्शाती है जब लेखक संध्या के समय एक कनकौआ लूटने बेतहाशा दौड़ा जा रहा था। उसकी आंखें तो आसमान की ओर थी और मन भी आकाश में विचरते हुए पथिक के समान था जो धीरे-धीरे पतंग की ओर बढ़ रहा था। नीचे आती पतंग पर नजर टिकाए लेखक उसी दिशा में भागा जा रहा था। उसे इधर-उधर से आने वाली किसी भी चीज की कोई खबर नहीं थी। जब अचानक बड़े भाई साहब ने उसका हाथ पकड़ लिया तो उसे होश आया लेकिन इसके बाद जमकर लेखक की फटकार पड़ी।




Bhasha Adhyayan
Question 1.

निम्नलिखित शब्दों के-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए-

नसीहत, रोष, आज़ादी, राजा, ताज्जुब


Answer:

नसीहत- सलाह, मशवरा, सीख


रोष- क्रोध, गुस्सा, क्षोभ


आज़ादी- स्वतंत्रता, मुक्ति


राजा- भूपति, नृप


ताज्जुब- आश्चर्य, हैरानी, अचरज



Question 2.

प्रेमचंद की भाषा बहुत पैनी और मुहावरेदार है। इसीलिए इनकी कहानियाँ रोचक और प्रभावपूर्ण होती है। इस कहानी में आप देखेंगे कि हर अनुच्छेद में दो-तीन मुहावरों का प्रयोग किया गया है। उदाहरणतः इन वाक्यों को देखिए और ध्यान से पढि़ए-

→ मेरा जी पढ़ने में बिलकुल न लगता था। एक घंटा भी किताब लेकर बैठना पड़ता था।

→ भाई साहब उपदेश की कला में निपुण थे। ऐसी-ऐसी लगती बातें कहते, ऐसे-ऐसे सूक्ति बाण चलाते कि मेरे जिगर के टुकड़े टुकड़े हो जाते और हिम्मत टूट जाती।

→ वह जानलेवा टाइम-टेबिल, वह आँखफोड़ा पुस्तकें, किसी की याद न रहती और भाई साहब को नसीहत और फ़जीहत का अवसर मिल जाता।

निम्नलिखित मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग कीजिए-

सिर पर नंगी लटकना, आड़े हाथों लेना, अंधे के हाथ बटेर लगना, लोहे के चने चबाना, दाँतों पसीना आना, ऐरा-गैरा नत्थू खेरा।


Answer:

सिर पर तलवार लटकना- मृत्यू का भय होना/सामने मौत दिखाई देना


प्रयोग- कश्मीर में आतंकवादियों एक दर से आम नागरिकों के सर पर तलवार लटकी रहती है|


आड़े हाथों लेना- खूब खरी-खोटी सुनाना/कठोरता से पेश आना


प्रयोग- परीक्षा में असफल होने पर लेखक को बड़े भाई ने आड़े हाथों लिया|


अंधे के हाथ बटेर लगना- अयोग्य व्यक्ति के हाथ मूल्यवान वस्तु लगना


प्रयोग- श्याम के बिलकुल भी पढ़ाई न करने के पश्चात भी वह डॉक्टरी की परीक्षा में सफल हो गया, यह ऐसा ही है मानो अंधे के हाथों बटेर लग गयी हो|


लोहे के चने चबाना- अत्यधिक कठिन कार्य


प्रयोग- डॉक्टरी की परीक्षा पास करना लोहे के चने चबाने के समान है|


दाँतों पसीना आना- बुरी तरह घबरा जाना


प्रयोग- राम ने जब एक व्यक्ति को सड़क दुर्घटना के बाद सामने से देखा तो उसे दाँतों तले पसीना आ गया|


ऐरा-गैरा नत्थू खेरा- अनजान व्यक्ति समझना


प्रयोग- राम ने वर्षों के बाद शहर की सड़क पर जब अपने कॉलेज के दोस्त को देखा तो उसने उसे ऐरा-गैर नत्थू खेरा समझकर इग्नोर कर दिया|



Question 3.

निम्नलिखित तत्सम, तद्भव, देशी, आगत शब्दों को दिए गए उदाहरणों के आधार पर छाँटकर लिखिए-

तत्सम - जन्मसिद्ध

तद्भव - आँख

देशज - दाल-भात

आगत (अंग्रजी़ एवं उर्दू/अरबी-फ़ारसी) - पोज़ीशन, फ़जीहत

तालीम, जल्दबाज़ी, पुख्ता, हाशिया, चेष्टा, जमात, हप़फऱ्, सूक्तिबाण, जानलेवा, आँखफोड़, घुड़कियाँ, आधिपत्य, पन्ना, मेला-तमाशा, मसलन, स्पेशल, स्कीम, फटकार, प्रातःकाल, विद्वान, निपुण, भाई साहब, अवहेलना, टाइम-टेबिल


Answer:



Question 4.

क्रियाएँ मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं-सकर्मक और अकर्मक।

सकर्मक क्रिया- वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की अपेक्षा रहती है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं;

जैसे-शीला ने सेब खाया।

मोहन पानी पी रहा है।

अकर्मक क्रिया- वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की अपेक्षा नहीं होती, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं;

जैसे-शीला हँसती है।

बच्चा रो रहा है।

नीचे दिए वाक्यों में कौन-सी क्रिया है- सकर्मक या अकर्मक? लिखिए-

(क) उन्होने वहीं हाथ पकड़ लिया।

(ख) फिर चोरों-सा जीवन कटने लगा।

(ग) शैतान का हाल भी पढ़ा ही हौगा।

(घ) मैं यह लताड़ सुनकर आँसू बहाने लगा।

(ड-) समय की पाबंदी पर एक निबंध लिखो।

(च) मैं पीछे-पीछे दौड़ रहा था।


Answer:

(क) सकर्मक (ख) अकर्मक

(ग) सकर्मक (घ) सकर्मक


(ड) सकर्मक (च) अकर्मक



Question 5.

इक प्रत्यय लगाकर शब्द बनाइए-

विचार, इतिहास, संसार, दिन, नीति, प्रयोग, अधिकार


Answer:

विचार- वैचारिक


इतिहास- ऐतिहासिक


संसार- सांसारिक


दिन- दैनिक


नीति- नैतिक


प्रयोग- प्रयोगिक


अधिकार- आधिकारिक