निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
बड़ें - बड़ें बिल्डर समुद्र को पीछे क्यों धकेल रहे थे?
बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे इसलिए धकेल रहे थे ताकि वह बढ़ी हुई आबादी के लिए और इमारते खड़ी कर सके एवं स्वयं के लिए अधिक से अधिक धन कमा सके|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
लेखक का घर किस शहर में था?
लेखक का घर पहले ग्वालियर में था उसके बाद वह मुंबई के वर्सोवा में आकर रहने लगा|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
जीवन कैसे घरों में सिमटने लगा है?
एकल परिवार का चलन होने के कारण जीवन घरों में ही सिमट गया है| पहले लोग बड़े-बड़े घरों में संयुक्त परिवार के रूप में रहते थे किंतु अब डिब्बों जैसे घरों में रहने लगे है|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए-
कबूतर परेशानी में इधर-उधर क्यों फड़फड़ा रहे थे?
कबूतर परेशानी में इसलिए फड़फड़ा रहे थे क्योंकि उनके दोनों अंडे फूट गए थे । एक के घोंसले में दो अंडे थे और दोनों ही टूट गये थे एक बिल्ली ने खा लिया था तो दूसरा बिल्ली से बचाने के चक्कर में लेखक की माँ के हाथ से टूट गया था|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं?
अरब में लशकर को नूह के नाम से इसलिए याद किया जाता है क्योकि वह दूसरों के दुःख में दुखी रहते थे। नूह को पैगम्बर एवं इश्वर के दूत के नाम से भी जाना जाता है उनके रोने का कारण एक जख्मी कुत्ता था जिसे उन्होंने दुत्कार दिया था ।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक की माँ किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं और क्यों?
लेखक की माँ दिन छिपने या सूरज ढ़लने के बाद पेड़ों से पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थीं। उनका कहना था कि इससे पेड़ रोते हैं और वे हमें वद्दुआ भी दे सकते हैं क्योंकि पत्ते तोड़ने से उन्हें परेशानी हो सकती है|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ?
प्रकृति में आए असंतुलन का परिणाम बहुत बुरा हुआ| इस असंतुलन के कारण मौसम अनिश्चित हो गया| दिन प्रति दिन गरमी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और बेवक्त की बरसातें होने लगी हैं| इसके अलावा तूफान, भूकंप, बाढ़ एवं नए-नए रोगों का प्रकोप भी बढ़ता जा रहा है|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक की माँ ने पूरे दिन का रोजा क्यों रखा?
लेखक के घर में एक कबूतर का घोंसला था जिसमें दो अंडे थे एक अंडा बिल्ली ने झपट कर तोड़ दिया इसलिए माँ दुसरे अंडे को बिल्ली की पहुँच से दूर करने के लिए स्टूल पर चढ़कर सुरक्षित रख रही थी परंतु ऐसा करते वक्त अंडा उसके हाथ से गिरकर टूट गया| वे अपराध बोध से ग्रसित थीं| उन्होंने अपनी गलती की माफी मांगने एवं इसके प्रायश्चित के लिए पूरे दिन का रोजा रखा|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक ने ग्वालियर से मुंबई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए|
लेखक पहले ग्वालियर में रहते थे जब वह मुंबई रहने आये तो समय के साथ लेखक ने अनेक बदलाव महसूस किए। मुंबई में जंगल के जंगल साफ हो गए थे और उनकी जगह नई बस्तियों ने ले ली थी। इसके कारण असंख्य पशु पक्षियों को बेघर होना पड़ा था। जहाँ पहले हरियाली थी, पशु-पक्षी उन्मुक्त विचरण करते थे, उन जंगलों को काटकर चौड़ी सड़कें और मानव बस्तियाँ बना दी गई। एक पराए जीव तो दूर आज एक मनुष्य में दूसरे मनुष्य के लिए प्रेम कि भावना भी नहीं रही है|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
‘डेरा डालने’ से आप क्या समझते है? स्पष्ट कीजिए।
‘डेरा डालने’ का आशय है - अस्थाई रूप से बसना| इस पाठ में चिड़ियों द्वारा डेरा डालने की बात की गई है। आपने देखा होगा कि हमारे मकानों के छज्जों और रोशनदानों में अक्सर पंछी अपना घोसला बना लेते हैं। यह उनका प्राकृतिक निवास नहीं है परंतु मनुष्य ने अपने हित के लिए पेड़ो को काट कर उनसे उनका घर छीन लिया है इसलिए उनके पास और कोई चारा भी नहीं है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
शेख अयाज़ के पिता अपने बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़कर क्यों उठ खड़े हुए?
यह घटना कुछ इस प्रकार है- एक दिन शेख अयाज के पिता भोजन कर रहे थे तभी उन्होंने देखा कि एक काला च्योंटा उनकी बाजू पर रेंग रहा है| वे उसे देखकर तुरंत भोजन छोड़कर उठ खड़े हुए| माँ द्वारा यह पूछने पर कि क्या भोजन अच्छा नहीं लगा| वे बोले, यह बात नहीं है पर मैंने किसी घर वाले को बेघर कर दिया है। उसे उसके घर कुएँ पर छोड़ने जा रहा हूँ| इससे पता चलता है कि वे हर जीव को समान मानते थे एवं उनका दुःख भी समझते थे इसलिए वह शीघ्र ही अपनी भूल का प्रायश्चित कर लेना चाहते थे।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा?
बढ़ती आबादी ने पर्यावरण में असंतुलन पैदा कर दिया है| साथ ही बढती हुई अवादी ने पर्यावरण को निम्नलिखित तरीकों से प्रभावित किया है-
(क) बढ़ती हुई आबादी ने समुद्र को पीछे धकेल दिया है और पेड़ों को अपने रास्ते से हटा दिया है।
(ख) समुद्र के रेतीले तटों पर भी मानव ने बस्ती बसा दी।
(ग) पेड़ो को काट कर पशु-पक्षी से उनके घर छीन लिए हैं| इससे विवश होकर उन्हें अपना प्राक्रतिक आवास छोड़कर भागना पड़ा है।
(घ) वातावरण में गर्मी बढ़ने लगी, मौसम चक्र टूट गया, बरसातें बेवक्त होने लगीं।
(ङ) नए रोग पैदा होने लगे है।
(च) पर्यावरण दूषित हो गया है।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
लेखक की पत्नी को खिड़की में जाली क्यों लगवानी पड़ी?
लेखक के घर में कबूतरों का एक घोंसला था जिसमें कबूतर के छोटे-छोटे बच्चे थे। उन्हें दाना खिलाने के लिए एवं उनकी रखवाली के लिए बड़े कबूतर दिन में कई बार आया जाया करते थे जिससे लेखक का घर और पुस्तकालय गंदा होता था और आवश्यक सामान टूट जाते थे एवं इससे लेखक की दिनचर्या में विघ्न पड़ता था। इस समस्या से परेशान होकर लेखक की पत्नी ने कबूतर को घर में आने से रोकने के लिए खिड़की में जाली लगवा दी ताकि कबूतर फिर से उन्हें तंग न कर पाएँ।
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?
समुद्र के गुस्से की वजह यह थी उसे निरंतर सिमटते जाना पड़ रहा था। कई वर्षों से बड़े-बड़े बिल्डर समुद्र को पीछे धकेलकर उसकी जमीन हथिया रहे थे। समुद्र को जब जगह कम पड़ने लगी तो पहले तो वह अपनी टाँगें समेटकर बैठ गया और जगह कम पड़ी तो फिर उकड़ू होकर बैठ गया और जगह कम पड़ी तो वह खड़ा हो गया। जब उसे ठीक से खड़े होने की जगह भी नहीं मिली तो उसे गुस्सा आ गया। उसने अपना गुस्सा बड़े भयानक रूप से निकाला। उसने तीन जहाजों को उठाकर यहाँ वहाँ पटक दिया। एक वर्ली के समुद्र किनारे, दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने और तीसरा गेट-वे-ऑफ इंडिया पर गिरा। जहाजों में सवार लोग बुरी जरह घायल हो गए। इससे स्पष्ट होता है कि हमें प्रकृति से ज्यादा छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए|
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
‘मिट्टी से मिट्टी मिले, खो के सभी निशान, किसमें कितना कौन है, कैसे हो पहचान’।
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है? स्पष्ट कीजिए।
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक कहना चाहता है की सभी जीव मिट्टी से बने हुए हैं और मरने के बाद सब मिट्टी में मिल जाते हैं। प्रकृति ने सभी जीवों को समान माना है उसके लिए सभी जीव जंतु एक समान है चाहे वह मनुष्य हो या जानवर| मिट्टी को देखकर कोई भी नहीं पकड़ सकता कि इसमें किन किन जीवों के पदार्थ मिश्रित हैं| मनुष्य होने के नाते हम इस घमंड में रहते हैं हम अन्य जीवों की तुलना में सर्वश्रेष्ठ हैं लेकिन मूल तौर पर सभी जीवों का महत्व एक समान है।
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई में देखने को मिला था।
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक यह कहना चाह रहा है कि प्रकृति हमारी गलतियों को बहुत हद तक बर्दाश्त करती रही है परन्तु उसका भी अपना नियम होता है। मनुष्य प्रकृति के हर नियम को दरकिनार करके अपनी मनमानी करता रहा है लेकिन जब मनुष्य वो हदें पार कर जाते हैं तो फिर प्रकृति अपना गुस्सा दिखाती है। यह हमें प्राकृतिक विपदाओं और उनसे आई तबाही के रूप में दिखता है। इसका एक नमूना कुछ वर्षों पहले मुंबई में दिखाई दिया। जब मनुष्य ने समुद्र के किनारे पर बस्तियों का निर्माण कर डाला तो समुद्र ने भी कुपित होकर अपना गुस्सा बड़े भयानक रूप से निकाला। उसने तीन जहाजों को उठाकर यहाँ वहाँ पटक दिया। एक वर्ली के समुद्र किनारे, दूसरा बांद्रा में कार्टर रोड के सामने और तीसरा गेट-वे-ऑफ इंडिया पर गिरा । जहाजों में सवार लोग बुरी जरह घायल हो गए।
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है।
यह पंक्ति समुद्र के लिए प्रयोग की गयी है। समुद्र मनुष्य के सभी अत्याचार झेलता रहा क्योंकि उसके आकार के समान उसका दिल भी बड़ा था| यहाँ समुद्र की तुलना उदार और महान मनुष्य से की गयी है जो क्रोध कम करते हैं एवं सहनशील होते है। छोटे प्राणियों और छोटे दिल के लोगों को जल्दी गुस्सा आता है। लेकिन उनका गुस्सा भी क्षणिक होता है। बड़े प्राणियों और बड़े दिल वाले लोगों को देर से गुस्सा आता है लेकिन जब उन्हें गुस्सा आता है तो कोई उनके सामने नहीं टिकता।
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिंदों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़कर चले गए हैं| जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा डाल लिया है।
इन पंक्तियों में लेखक यह बताना चाह रहे है की आज हर बड़े शहर में लाखों की संख्या में फ्लैट बन रहे हैं। इन फ्लैटों को बनाने के लिए जंगल साफ किए जा रहे हैं इस कारण से असंख्य पशु पक्षियों से उनका घर छीन लिया जा रहा है। उनके प्राकृतिक निवास को हटा कर वहाँ बड़ी बड़ी इमारतें खड़ी की जा रही हैं| अधिकांश पशु पक्षी फिर वहाँ से कहीं और चले जाते हैं। जो नहीं जा पाते हैं वे इंसानों के मकानों में ही अपना डेरा डाल देते हैं जोकि अस्थायी होता है परन्तु इसके अलावा मनुष्य ने उनके लिए कोई दूसरा उपाय भी नहीं छोड़ा है| वे इसी के स्थान अपना जीवन विताने के लिए विवश हैं|
निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
शेख अयाज़ के पिता बोले, ‘नहीं यह बात नहीं है। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुएँ पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।‘ इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए।
इन पंक्तियों में शेख अयाज़ के पिता जी की उदारता एवं स्पष्टवादिता की भावना छिपी हुई थी। वह सभी जीवो को समान मानते थे और उनका दुःख भी समझते थे| शेख अयाज़ के पिता एक दयालु व परोपकारी व्यक्ति थे। वे किसी के साथ अन्याय नहीं कर सकते थे। वे अपनी भूल को तुरंत सुधाारने में विश्वास रखते थे। शेख अयाज के पिता में अन्य जीवों के लिए सम्मान की भावना थी। उन्हें लगा कि चींटी को बेघर करना अच्छी बात नहीं है। इसलिए वे उस चींटी को कुएँ पर छोड़ने जा रहे थे ताकि किसी पाप से बच सकें।
उदाहरण के अनुसार निम्नलिखित वाक्यों में कारक-चिह्न को पहचानकर रेखांकित कीजिए और उनके नाम रिक्त स्थानों में लिखिए जैसे-
हिन्दी में आठ कारक होते हैं। उन्हें विभक्ति चिन्हों सहित नीचे देखा जा सकता है-
कर्ता - ने
कर्म - को
करण - से, के साथ, के द्वारा
संप्रदान - के लिए, को
अपादान - से (पृथक)
संबंध - का, के, की, रा, रे, री
अधिकरण - में, पर
संबोधन - हे ! अरे ! ओ!
(क) कर्ता
(ख) संप्रदान
(ग) कर्म
(घ) अधिकरण
(ड-) अधिकरण
नीचे दिए गए शब्दों के बहुवचन रूप लिखिए-
चींटी, घोड़ा, आवाज़, बिल, फौज, रोटी, बिंदु, दीवार, टुकड़ा।
चींटी - चींटियाँ
घोड़ा - घोड़े
आवाज़ - आवाजें
बिल - बिल
फौज - फौजें
रोटी - रोटियाँ
बिंदु - बिंदुओं
दीवार - दीवारें
टुकड़ा - टुकड़े
ध्यान दीजिए नुक्ता लगाने से शब्द के अर्थ में परिवर्तन हो जाता है। पाठ में ‘दफा’ शब्द का प्रयोग हुआ है जिसका अर्थ होता है-बार (गणना संबंधी), कानून संबंधी। यदि इस शब्द में नुक्ता लगा दिया जाए तो शब्द बनेगा ‘दफ़ा’ जिसका अर्थ होता है-दूर करना, हटाना । यहाँ नीचे कुछ नुक्तारहित शब्द दिए जा रहे हैं उन्हें ध्यान से देखिए और अर्थगत अंतर को समझिए।
सजा - सज़ा
नजा - नाज़
जरा - ज़रा
तेज - तेज़।
निम्नलिखित वाक्यों में उचित शब्द भरकर वाक्य पूरे कीजिए-
(क) आजकल ......... बहुत खराब है। (जमाना/ज़माना)
(ख) पूरे कमरे को ........ दो। (सजा/सज़ा)
(ग) .............. चीनी को देना। (जरा/ज़रा)
(घ) माँ दही ............ भूल गई। (जमाना/ज़माना)
(ड) दोषी को ............... दी गई । (सजा/सज़ा)
(च) महात्मा के चेहरे पर ................ था (तेज/तेज़)
सजा
अर्थ- सजाना
वाक्य- लड़कियों को सजना पसंद है।
सज़ा
अर्थ- दंड
वाक्य- हर गलत काम की सज़ा अवश्य मिलती है।
जरा
अर्थ- बुढ़ापा
वाक्य - जरा में स्वास्थ्य का अधिक ध्यान रखना चाहिए।
ज़रा
अर्थ- थोड़ा कम
वाक्य - ज़रा से चाने में मजदूर भूखा रह जाएगा ।
नाज
अर्थ- अनाज
वाक्य- नाज किसानो की मेहनत का परिणाम होता है उसे बर्बाद नहीं करना चाहिए।
नाज़
अर्थ- नखरा, गर्व
वाक्य- रूपवती होने पर भी सुमन में नाज़ नहीं है।
तेज
अर्थ- कीर्ति
वाक्य- सम्राट अशोक का तेज़ देशभर में फैला था ।
तेज़
अर्थ- तीव्रगति
वाक्य- गाडी तेज़ गति से नहीं चलानी चाहिए ।
(क) आजकल ज़माना बहुत खराब है
(ख) पूरे कमरे को सजा दो|
(ग) ज़रा चीनी को देना|
(घ) माँ दही जमाना भूल गयी|
(ड) दोषी को सज़ा दी गयी|
(च) महात्मा के चेहरे पर तेज था|