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Gillu

Class 9th Hindi संचयन भाग 1 CBSE Solution
Exercise
  1. सोनजुही मे लगी पीली कली के देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़़े लगे?…
  2. पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?…
  3. गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया है?
  4. लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?
  5. गिल्लू को मुक्त करने कि आवश्यकता क्यों समझी गयी और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?…
  6. गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?
  7. गिल्लू की किन चेष्टाओं से आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?…
  8. ‘प्रभात कि प्रथम किरण के स्पर्ष के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया’-का आशय…
  9. सोनजुही के लता के नीचे बनी गुल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता…

Exercise
Question 1.

सोनजुही मे लगी पीली कली के देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़़े लगे?


Answer:

छायावाद के दौर के अग्रगण्य रचनाकारों में महादेवी का अपना एक अलग स्थान है। महादेवी की लेखनी में पाठकों को भाव-विभोर कर देने की क्षमता रही है। लेखिका द्वारा प्रस्तुत प्रकरण उनकी प्रसिद्ध कहानी ‘गिल्लू’ से लिया गया है। गिल्लू एक गिलहरी है। प्रस्तुत पंक्तियों में लेखिका सोनजुही के पीले फूलों को देखकर इसी गिलहरी की सुनहरी यादों में खो जाती हैं जिससे उनकी काफी निकटता रही थी या एक तरह से कहा जाय कि उस गिलहरी को महादेवी जी ने अपने घर के एक सदस्य की तरह ही पाला था।



Question 2.

पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?


Answer:

प्रस्तुत पाठ में हमारे सामने कौए के दो रूप उभर कर सामने आए हैं। एक रूप इसका लोगों के बीच इसकी पूछ को लेकर है। कौआ छत पर बैठकर हमारे प्रियजनों अथवा पितरों के की सूचना देता है| लोग इसका आदर इसी कारण से करते हैं| कौए के अनादरित होने के पीछे इसका लोगों के दैनिक कार्यकलापों के बीच अपनी उपस्थिति और आवाज से परेशान करने को लेकर है| इसकी आवाज बहुत कर्कश होती है जो लोगों की भाती नहीं है|



Question 3.

गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया है?


Answer:

गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार भली-भांति पूर्वक किया गया है। कौओं के चोंच मारने पर बेसुध और खून से लथपथ ‘गिल्लू’ को लेखिका अपने पास लाकर आयी और उसके जख्मों पर पर मरहम लगाई गयी| फिर उसे रुई के पतले फाहे की नोंक से दूध पिलाने का प्रयास किया। दूध ना पी पाने की स्थिति में लेखिका इस प्रकार उसके मुंह में पानी की बूंदें टपका कर उसे जीवित रखने का प्रयास करती हैं। वे यह सिलसिला गिलहरी के बच्चे के पूर्ण रूप से स्वस्थ हो जाने तक जारी रखती हैं।



Question 4.

लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?


Answer:

लेखिका के गिल्लू को अपनी सेवा-सुश्रुषा से पूर्ण रूप से स्वस्थ कर दिये जाने पर वह उनसे घुलमिल कर अपना स्नेह प्रदर्शित करने लगा। वह इस हेतु कभी कमरे में लगे परदों पर चुस्ती-फुर्ती में चढ़ जाता और फिर तुरंत उसी गति से वापस नीचे उतर जाता था। वास्तव में वह लेखिका का अपनी ओर ध्यान आकृष्ट कराने के लिए ऐसा करता था। कहने का अर्थ है उसके अंदर अन्य सूक्ष्म जीवों की भांति ही लेखिका से लगाव हो गया था| पशु-पक्षियों और जानवरों का मानव के साथ आत्मीय संबंध बन जाता है ऐसा ही कुछ संबंध गिल्लू का लेखिका के साथ बन गया था|



Question 5.

गिल्लू को मुक्त करने कि आवश्यकता क्यों समझी गयी और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?


Answer:

लेखिका द्वारा गिलहरी के उपचार के बाद उसे अपने पास ही रख लिया गया। सब कुछ ठीकठाक चल रहा था पर लेखिका के मन के अन्दर गिल्लू को किसी कुत्ते या बिल्ली द्वारा शिकार बना लिये जाने का भय था। एक और बात वह खिङकी के बाहर बहुत सी गिलहरियाँ गिल्लू की प्रतीक्षा में शोर मचाती और गिल्लू भी खिड़की के पास जाकर बैठ जाता| यह सब सोच और देखकर लेखिका ने गिल्लू को मुक्त करने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने अपने कमरे की खिड़की के जाले को जरा सा हटा दिया ताकि गिल्लू आसानी से बाहर चला जाए और वास्तव में ऐसा ही हुआ।



Question 6.

गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?


Answer:

गिल्लू सही अर्थों में एक कुशल परिचारिका की भूमिका निभा रहा था। लेखिका के मोटर दुर्घटना में घायल होने के बाद से ही गिल्लू जैसे लेखिका द्वारा उसके साथ पूर्व में की गयी सेवा-सुश्रुषा का ऋण चुकाने का प्रयास कर रहा था| स्नेह और सेवा की इस उत्कृष्ट भावना का प्रदर्शन उसने लेखिका के सिरहाने तकिये पर बैठकर अपने पंजों से लेखिका के सर की मालिश कर और उनके बालों को सहला कर किया। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि गिल्ल्लू की गतिविधियों से यह स्पष्ट है कि वह एक कुशल परिचारिका का दायित्व निभा रहा था|



Question 7.

गिल्लू की किन चेष्टाओं से आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?


Answer:

लेखिका को गिल्लू के लगतार उसके सुस्त पड़ने से उसके अंत समय निकट आने का आभास मिलने लगा था। वास्तव में वह अपनी दो वर्षों की आयु को लगभग पूर्ण कर चुका था। अब वह सुस्त, धीमा एवं अस्वस्थ्य पड़ने लगा था। एक दिन वह सोनजुही की लता को छोड़कर लेखिका के घर में उनके बिस्तर पर निढाल हो कर गिर पड़ा था| वह उनकी उंगलियों को पकड़कर उनकी हथेलियों से चिपट गया। उसका शरीर बिल्कुल ठंडा पड़ता जा रहा था। लेखिका की उसे हीटर द्वारा गर्मी पहुंचाने का भी गिल्लू पर कोई असर नहीं हुआ। यह सब देखकर लेखिका को गिल्लू के अंत समय आने का आभास होने लगा।



Question 8.

‘प्रभात कि प्रथम किरण के स्पर्ष के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया’-का आशय स्पष्ट कीजिए।


Answer:

लेखिका द्वारा रचित प्रस्तुत पंक्ति में हमें उनके छायावादी या कहें कुछ-कुछ दार्शनिक सोच का पता चलता है। यहां उनके द्वारा भी पुनर्जन्म संबंधी दर्शन को रचना में देख सकते हैं कि कैसे जीव की मृत्यु हो जाने के पश्चात केवल उसका शरीर नष्ट होता है। उसकी आत्मा नष्ट नहीं होती है।उसकी आत्मा किसी और की देह में अपना स्थान प्राप्त कर हमारे सामने नये रूप में आती है। लेखिका की इस प्रकार की छायावादी सोच उनके अपने प्रिय गिलहरी गिल्लू की मृत्यु हो जाने पर इस पंक्ति में हम पाते हैं।



Question 9.

सोनजुही के लता के नीचे बनी गुल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?


Answer:

लेखिका द्वारा अपने प्रिय गिल्लू की समाधि सोनजुही की लता के नीचे ही बनवा दी गयी थी। उन्होंने भावावेश में आकर ऐसा किया। ऐसा करने के पीछे उनकी भविष्य में गिल्लू से दुबारा भेंट करने की इच्छा थी। उन्हें गिल्लू से गहरा लगाव था| उनकी यह इच्छा सोनजुही के फूल के रूप में गिल्लू के वापस आने को लेकर उनके विश्वास के रूप में हमारे सामने प्रकट होती है। यह विश्वास लेखिका के मन में इतनी गहरी जड़ जमा चुका था कि वह सोनजुही की लता में खिल आये फूलों में ही गिल्लू खोजने की कोशिश करती रहती थीं|